नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को ओणम के अवसर पर केरल के लोगों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने अपने संदेश में कहा कि इस शुभ अवसर पर, हम अनगिनत उपहारों के लिए प्रकृति मां के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं. राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि सभी के बीच समृद्धि और सद्भाव की भावना लाए... उन्होंने कहा कि दस दिवसीय थिरु-ओणम या थिरुवोनम उत्सव, जो श्रद्धेय राजा महाबली, जिन्हें मावेली भी कहा जाता है, की वापसी का प्रतीक है, उत्साह और उल्लास की बयार लेकर आता है. उन्होंने कहा कि यह जीवंत त्योहार केरल की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक वैभव का प्रतीक है.
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Greetings to all fellow citizens and our brothers and sisters in Kerala on Onam! On this auspicious occasion we express our gratitude to Mother nature for the countless bounties. May this harvest festival usher in prosperity and the spirit of harmony among all.
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— President of India (@rashtrapatibhvn) August 29, 2023
ओणम त्योहार के दौरान, लोग आमतौर पर पारंपरिक कसावु साड़ी और मुंडू (धोती) पहनते हैं. यह वह समय है जब परिवार के सदस्य और दोस्त इकट्ठा होते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं. इस अवसर पर घर पर पांरपरिक और अनोखे खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं और आपस में वितरित किए जाते हैं. ओणम उत्सव का एक मुख्य आकर्षण ओनासद्या की तैयारी है, जो एक विशेष शाकाहारी भोज है. केरल में व्यापारियों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण अवसर है. लोग भारी मात्रा में खरीदारी करते हैं. ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दुकानें बड़ी छूट भी देती हैं.
ओणम चिंगम महीने में मनाया जाता है, जो मलयालम कैलेंडर के मुताबिक फसल की शुरुआत का प्रतीक है. इसलिए इसे फसल उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. केरल में, ओणम एक पौराणिक शासक दैत्य सम्राट महाबली के अनुकरणीय शासन को याद करने के लिए मनाया जाता है. परंपरा के अनुसार, देवों और देवताओं ने महाबली के शासन को समाप्त करने की साजिश रची क्योंकि वे उसकी लोकप्रियता से ईर्ष्या करते थे. उन्होंने वामन देवता को एक ब्राह्मण के रूप में पृथ्वी पर भेजा, जिन्होंने महाबली को पाताल लोक भेज दिया.
(एएनआई)