मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में अपने स्वाद के चलते मशहूर है. इसे टैग भी प्राप्त है. हर साल की तरह इस बार भी वर्ल्ड फेमस मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य लोग चखेंगे. इसकी तैयारियां शुरू हो गई है.
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राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी जाएगी शाही लीची: दिल्ली दरबार में शाही लीची पहुंचाने के लिए जिला समाहरणालय के सभाकक्ष में एक बैठक लीची टास्क फोर्स की हुई. इस बैठक में एक टीम का गठन किया गया. इसमें उद्यान पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी और अन्य कई अधिकारी भी शामिल हुए. टीम जिले के कांटी, मुसहरी, मीनापुर और बोचहां प्रखंड से अच्छे फलों वाली लीची की बागवानी को चिह्नित करेगी. उसके बाद लगभग 1000 शाही लीची की पेटी तैयार होगी और फिर इसे दिल्ली के बिहार भवन भेजा जाएगा. शाही लीची देश के माननीयों के यहां जून के पहले हफ्ते में पहुंच जाएगी.
नो एंट्री में भी किसानों को नहीं होगी परेशानी: लीची टास्क फोर्स की बैठक में किसानों की परेशानी को दूर करने को लेकर भी कई निर्णय लिए गए. लीची को लाने और ले जाने में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए अहम फैसला लिया गया है. प्रभारी डीएम सह DDC आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि लीची टास्क फोर्स की बैठक में लीची किसानों के लिए विशेष निर्णय लिया गया है. लीची लाने में नो एंट्री में छूट मिलेगी जिससे कोई दिक्कत ना हो. अन्य प्रदेशों में लीची भेजने में सरकार की सभी योजनाओं का सीधा लाभ किसानों को मिले इसका ध्यान रखा गया है.
"जिले के विभिन्न क्षेत्रों से एक कमेटी द्वारा अच्छी बागवानी जिसमें अच्छे फल लगे होंगे उन्हें चिह्नित कर करीब 1000 पेटी लीची दिल्ली स्थित बिहार भवन भेजा जाएगा. जून के प्रथम सप्ताह में लीची दिल्ली बिहार भवन पहुंच जाएगी. वहां से देश के माननीय राष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों को पहुंचाया जाएगा. हर साल की तरह इस बार भी इसकी व्यवस्था की गई है."- आशुतोष द्विवेदी, प्रभारी जिलाधिकारी सह डीडीसी
नो एंट्री होने के बावजूद अगर कोई मालवाहक गाड़ी से रेलवे स्टेशन पर किसान लीची लोड कर लाते हैं तो उनकी गाड़ी को नो एंट्री में छुट दी गई है. इसको लेकर प्रभारी डीएम सह DDC आशुतोष द्विवेदी ने एक पत्र भी जारी किया है. साथ ही कहा गया है कि लीची लदे वाहन के आगे किसान और कारोबारियों को डिस्प्ले करना होगा कि गाड़ी में लीची है. जिसके बाद शहर के किसी भी नो एंट्री इलाके में उन्हें आवाजाही में परेशानी नहीं आएगी.
"किसान अपनी लीची देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने के लिए मुजफ्फरपुर के रेलवे स्टेशन से ट्रेनों के माध्यम से लीची भेजते हैं. अपने बागवानी से लीची तोड़कर पैकिंग कर मालवाहक वाहन से रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं और फिर रेलवे द्वारा बनाई गई लीची स्पेशल पार्सल बोगी के द्वारा अन्य प्रदेशों में भेजते हैं. इसको लेकर रेलवे द्वारा भी एक विशेष कार्य किया गया है, जो किसान जितनी देर पहले या फिर कहें कि जितनी जल्दी आते हैं उनका उतनी ही जल्दी लीची ट्रेनों में लोड हो जाता है. इसको लेकर किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो इसलिए रेलवे के सुरक्षा बल भी मौजूद रहते हैं."- आशुतोष द्विवेदी, प्रभारी जिलाधिकारी सह डीडीसी
पहले आओ पहले पाओ के नियम के अनुसार लीची लोड: रेलवे के अधिकारी ने कहा कि पहले आओ पहले पाओ के नियम के अनुसार लीची लोड किया जा रहा है. किसानों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत रेलवे के माध्यम से ना हो इसको लेकर इंतजाम किए गए हैं, ताकि मुजफ्फरपुर की मशहूर लीची देश दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आसानी से पहुंच सके और किसानों को अच्छी आय हो.