रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन और परिसर का उद्घाटन किया है. उद्घाटन समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीएस चंद्रचूड़, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र समेत कई जज और न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारी समेत राज्य के कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे. यह हाईकोर्ट देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट है जो 165 एकड़ में फैला है. यह पूरा परिसर सेट्रलाइज्ड एसी है. कोर्ट भवन के दोनों ओर भव्य बिल्डिंग बनाई गई है, जिसमें महाधिवक्ता के साथ-साथ सैंकड़ों अधिवक्ताओं के बैठने की जगह भी है.
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देश का पहला हाई कोर्ट है जो 165 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. यह भारत का सबसे बड़ा हाईकोर्ट भी है. यह सुप्रीम कोर्ट से भी कई गुणा बड़ा है. इस भवन में 1200 अभिवक्ताओं के बैठने के लिए दो हॉल बनाए गये हैं. अलग से 540 चेंबर और महाधिवक्ता के लिए भी भवन है. इसको बनाने में 600 करोड़ की लागत आई है. इसमें 500 सीसीटीवी कैमरों से सेंट्रालाज्ड निगरानी रखी जाएगी. इस भवन में 30 हजार वर्गफीट में लाइब्रेरी बनी जहां से अधिवक्ता पुराने किसी फैसले की कॉपी आसानी से निकाल सकते हैं. यहां 2000 से ज्यादा वाहनों के पार्किंग की सुविधा है.
इसमें सौर ऊर्जा की भी सुविधा है. 25 वातानुकूलित कोर्ट रूम हैं. झारखंड हाईकोर्ट के नए बिल्डिंग में जाने के लिए दो रास्ते हैं. एक सामने की सीढ़ी से और दूसरा बेसमेंट में एलिवेटर के जरिए. पूरा कोर्ट भवन 68 एकड़ में बना हुआ है. पहले फ्लोर पर चीफ जस्टिस के कोर्ट के अलावा कुल 13 कोर्ट बनाया गया है. सत्तर पुलिकर्मियों के लिए बैरक भी बना है. महाधिवक्ता का कार्यालय अलग से बना है. इसमें चार अपर महाधिवक्ता और 95 सरकारी वकीलों के लिए चेंबर है. कोर्ट परिसर में 30 लोगों के अलग से बैठने के लिए हॉल है.
इसके अलावा नए झारखंड हाईकोर्ट कैंपस में करीब साढ़े चार हजार पौधे लगाए गये हैं. इसके अलावा पोस्टल ऑफिस, रेलवे बुकिंग काउंटर और डिस्पेंसरी की भी व्यवस्था है. एंट्री गेट से मुख्य भवन के पास जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है. यहां पहुंचने से पहले कई फव्वारे लगाए गये हैं. एंट्री हॉल में पुराने हाईकोर्ट भवन की यादगार तस्वीरों के अलावा झारखंड के वीर सपूतों की तस्वीरें हैं.
झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराम अंबेदकर की अलग-अलग तस्वीरें भी लगायी गई हैं. एक तरफ महात्मा गांधी के बचपन से लेकर उनके बापू बनने का सफर तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया है. खास बात है कि इसी कोर्ट भवन के बिल्कुल पास में ही नवनिर्मित विधानसभा का भवन है. इसी इलाके में विधायकों के लिए आवास का भी निर्माण कराया जा रहा है.