वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह का आयोजन सोमवार को हुआ. मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू थीं. उन्होंने कलश में पानी डालकर समारोह की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने मंच पर आए 15 मेधावियों को गोल्ड मेडल और डिग्री प्रदान की. राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं. बाकी बचे 65 मेधावियों को गोल्ड मेडल विद्यापीठ प्रशासन की ओर से दिया जाएगा. इसके अलावा 77692 छात्र-छात्राओं को डिग्री का वितरण भी किया जाएगा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दीक्षांत समारोह में कहा कि उपाधियां और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई. विद्यार्थियों की सफलता में योगदान देने वाले आचार्य और अभिभावकों भी बधाई. बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आना सौभाग्य की बात है. काशी का अभिप्राय है, सदैव प्रकाशमान रहने और सदैव प्रकाशित रखने वाला ज्योतिपुंज. पिछले महीने काशी में देव दीपावली का पर्व भव्यता से मनाया गया. 72 देशों के प्रतिनिधियों ने हमारे देशवासियों ने इसमें हिस्सा लिया.
राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक प्रबल लोक मान्यता है कि काशी, निरंतर अस्तित्व में बनी रहने वाली विश्व की प्राचीनतम नगरी है. बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद से युक्त पुण्य-नगरी काशी सब को आकर्षित करती रही है और करती रहेगी. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में चुना था तो उन्होंने भी यही कहा था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है. जिस तरह मां गंगा भारतीय संस्कृति की जीवन धारा, भारतीय ज्ञान, अध्यात्म और आस्था की संवाहिका हैं. उसी तरह काशी नगरी भारतीय संस्कृति की कालातीत धरोहर है. आप सब काशी में स्थित विद्यापीठ में विद्यार्जन कर रहे हैं, यह आप सब का परम सौभाग्य है.
मेडल पाने वाले कुल विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 78 प्रतिशत : राष्ट्रपति ने कहा कि आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले कुल विद्यार्थियों में 78 प्रतिशत संख्या छात्राओं की है. स्नातकों में लगभग 57 प्रतिशत छात्राएं हैं. स्नातकोत्तर उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में लगभग 68 प्रतिशत बेटियां हैं. मंच पर आकर पदक प्राप्त करने वाले 15 विद्यार्थियों में 11 छात्राएं हैं. उच्च शिक्षण संस्थानों में बेटियों के बेहतर प्रदर्शन में विकसित भारत और बेहतर समाज की झलक दिखाई देती है. मुझे विश्वास है कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश के रूप में स्थापित करने के राष्ट्रीय संकल्प को सिद्ध करने में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विद्यार्थियों और आचार्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.
राष्ट्रपति का आना विद्यापीठ के लिए गौरव की बात : कुलपति आनंद कुमार त्यागी ने बताया कि यह दीक्षांत समारोह विद्यापीठ के लिए बहुत विशिष्ट था. राष्ट्रपति का आना गौरव की बात है. वहीं मेडल के लिए पहुंचने वाले कुछ छात्र-छात्राओं को गेट पर रोके जान पर उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत ऐसा किया गया. एक साथ इतनी संख्या में मेधावियों को मेडल देना संभव नहीं था. जो बच गए हैं, उन्हें वह स्वयं अपने हाथों से मेडल देंगे. वहीं हिंदी पत्रकारिता संस्थान से एमए इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में गोल्ड मेडल पाने वाली छात्रा आयुषी ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है कि मुझे राष्ट्रपति के हाथों यह गोल्ड मेडल मिला है. मुझे बहुत खुशी है.
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