मुंबई : सीबीआई ने शनिवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के दौरान बयानों और दस्तावेजों की समीक्षा की. यह देशमुख के खिलाफ चल रही प्रारंभिग जांच का हिस्सा है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले में जांच के आदेश दिए थे.
सीबीआई की टीम ने अब तक मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, जो वर्तमान में राज्य के होमगार्ड के महानिदेशक के रूप में तैनात हैं, निलंबित एपीआई सचिन वाजे, जो एनआईए की हिरासत में है, डीसीपी राजू भुजबल, एसीपी संजय पाटिल, एडवोकेट जयश्री पाटिल जो एक याचिकाकर्ता हैं और होटल मालिक महेश शेट्टी के बयान दर्ज किए हैं.
एनआईए 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर 'एंटीलिया' के पास मिली विस्फोटक से भरी एसयूवी के मामले की जांच कर रही है. वाजे एसयूवी के मालिक और कारोबारी मनसुख हिरेन की कथित हत्या के लिए संदेह के घेरे में है.
विशेष एनआईए अदालत के एक आदेश के बाद सीबीआई वाजे से पूछताछ कर रही है. बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मंगलवार को देशमुख के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए मामाल दर्ज किया था.
परमबीर सिंह को 17 मार्च को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से होमगार्ड्स विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था. सिंह ने बाद में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी. सिंह का आरोप था कि एनसीपी नेता ने वाजे और अन्य पुलिस अधिकारियों को मुंबई में रेस्तरां और बार से 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था.
पढ़ें-महाराष्ट्र : अनिल देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से झटका, याचिका खारिज
देशमुख ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और हाई कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने 5 अप्रैल को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.