पणजी : गोवा के कद्दावर नेता प्रताप सिंह राणे को लाइफ टाइम कैबिनेट स्टेटस देने के बाद राजनीति गरमाने लगी है. एक ओर गोवा में बंबई हाईकोर्ट की पीठ पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे को आजीवन कैबिनेट का दर्जा दिए जाने की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई कर रही है, दूसरी ओर कांग्रेस उन्हें नसीहत दे रही है. गोवा के कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने बुधवार को प्रताप सिंह राणे से अपील की कि वह इस पद को सम्मानित तरीके से खारिज कर दें. राव ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि इस तरह के पद को स्वीकार करना राजनीतिक रूप से 'एक बुरी मिसाल कायम करेगा'.
बता दें कि गोवा में 11 बार विधायक और 6 बार मुख्यमंत्री रहे प्रताप सिंह राणे को प्रमोद सावंत की बीजेपी सरकार ने स्थायी तौर पर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था. इस बारे में सरकार ने अप्रैल के महीने में औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया था. यह स्टेटस हासिल करने के बाद राणे को अन्य मंत्रियों की तरह 12 लोगों का स्टाफ, सरकारी आवास, गाड़ी सहित यात्रा सुविधा दी जाएगी.गोवा सरकार के इस फैसले के विरोध में एक वकील आइरेस रॉड्रिग्स ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर रखी है. हाई कोर्ट की बेंच लाइफ टाइम कैबिनेट स्टेटस संवैधानिक वैद्यता पर सुनवाई कर रही है.
प्रताप सिंह राणे लगातार 50 साल तक गोवा विधानसभा का सदस्य रहे. अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा है. उनके बेटे विश्वजीत राणे प्रमोद सावंत की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं. राजनीतिक सूत्रों के अनुसार प्रताप सिंह राणे गोवा विधानसभा चुनाव में लडऩे को तैयार थे. कांग्रेस ने उन्हें पोरीम विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित किया था, जहां से वे पिछले पांच दशकों से चुनाव जीत रहे थे. इसके बाद उनके बेटे व भाजपा विधायक विश्वजीत राणे ने उन्हें रिटायरमेंट की सलाह दी थी. साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर प्रताप सिंह राणे चुनाव लड़ेंगे तो वह खुद बीजेपी के टिकट पर उनका मुकाबला करेंगे. बेटे की चेतावनी के बाद प्रताप सिंह राणे ने चुनाव से दूरी बना ली थी. बाद में इस सीट से उनकी पुत्रवधू दिव्या चुनाव लड़कर भाजपा सरकार में विधायक बनीं.
(आईएएऩएस)
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