ETV Bharat / bharat

प्रणब मुखर्जी के बेटे की मांग, रोका जाए 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का प्रकाशन

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' बाजार में आने से पहले ही विवादों में घिरती दिख रही है. पुस्तक को लेकर मीडिया में बातों को 'प्रेरित' बताते हुए प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने लिखित सहमति के बिना इसका प्रकाशन न करने की मांग की है.

pranab mukherjee
pranab mukherjee
author img

By

Published : Dec 15, 2020, 6:22 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने अपने पिता के संस्मरण 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का हवाला देकर मीडिया में आई कुछ बातों को 'प्रेरित' करार दिया. उन्होंने मंगलवार को प्रकाशक से आग्रह किया कि वह उनकी लिखित सहमति तक इस पुस्तक का प्रकाशन बंद करे.

पूर्व सांसद अभिजीत ने यह भी कहा कि उन्होंने पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का प्रकाशन रोकने के लिए 'रूपा प्रकाशन' को पत्र लिखा है, जो इसका प्रकाशन कर रही थी.

अभिजीत मुखर्जी
अभिजीत मुखर्जी

दरअसल, प्रकाशन की ओर से मीडिया में जारी पुस्तक के अंशों के मुताबिक, इसमें मुखर्जी ने राष्ट्रपति के तौर अपने अनुभवों और कांग्रेस के नेतृत्व में संदर्भ कई बातों का उल्लेख किया है.

कांग्रेस की हार की वजह का है जिक्र
सार्वजनिक हुए अंशों के अनुसार, 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' में मुखर्जी ने लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस राजनीतिक दिशा से भटक गई और कुछ पार्टी सदस्यों का यह मानना था कि अगर 2004 में वह प्रधानमंत्री बनते तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए करारी हार वाली नौबत नहीं आती.

अगले महीने बाजार में आनी है किताब
मुखर्जी का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के करण गत 31 जुलाई को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. मुखर्जी निधन से पहले संस्मरण 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' लिख चुके थे. रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जनवरी, 2021 से पाठकों के लिए उपलब्ध होने वाली थी.

ट्वीट किया, लिखित सहमति के बिना प्रकाशन न करें
अभिजीत ने 'रूपा प्रकाशन' और इसके प्रबंध निदेशक कपिश मेहरा को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'संस्मरण के लेखक के पुत्र होने के कारण मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि इस पुस्तक और मेरी सहमति के बिना मीडिया के कुछ हिस्सों में आए पुस्तक के प्रेरित अंशों का प्रकाशन बंद करिए.'

उन्होंने कहा, 'मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं. ऐसे में उनका पुत्र होने के कारण मैं पुस्तक की सामग्री का अध्ययन करना चाहता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि अगर मेरे पिता जीवित होते तो वह भी ऐसा ही करते.'

पढ़ें- प्रणब दा ने नटवर से कहा था 'राष्ट्रपति बनना जीवन की सबसे बड़ी गलती'

पढ़ें- द प्रेसिडेंशियल ईयर्स-2014 में कांग्रेस की हार के लिए सोनिया और मनमोहन जिम्मेदार

पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा, 'ऐसे में मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि जब तक मैं इसका अध्ययन नहीं कर लेता, तब तक आप लोग मेरी लिखित सहमति के बिना इस पुस्तक का प्रकाशन तत्काल रोकिए. मैं इस बारे में आप लोगों को पहले विस्तृत पत्र भेज चुका हूं.' अभिजीत के इस ट्वीट पर मेहरा और उनके प्रकाशन की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है.

नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने अपने पिता के संस्मरण 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का हवाला देकर मीडिया में आई कुछ बातों को 'प्रेरित' करार दिया. उन्होंने मंगलवार को प्रकाशक से आग्रह किया कि वह उनकी लिखित सहमति तक इस पुस्तक का प्रकाशन बंद करे.

पूर्व सांसद अभिजीत ने यह भी कहा कि उन्होंने पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का प्रकाशन रोकने के लिए 'रूपा प्रकाशन' को पत्र लिखा है, जो इसका प्रकाशन कर रही थी.

अभिजीत मुखर्जी
अभिजीत मुखर्जी

दरअसल, प्रकाशन की ओर से मीडिया में जारी पुस्तक के अंशों के मुताबिक, इसमें मुखर्जी ने राष्ट्रपति के तौर अपने अनुभवों और कांग्रेस के नेतृत्व में संदर्भ कई बातों का उल्लेख किया है.

कांग्रेस की हार की वजह का है जिक्र
सार्वजनिक हुए अंशों के अनुसार, 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' में मुखर्जी ने लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस राजनीतिक दिशा से भटक गई और कुछ पार्टी सदस्यों का यह मानना था कि अगर 2004 में वह प्रधानमंत्री बनते तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए करारी हार वाली नौबत नहीं आती.

अगले महीने बाजार में आनी है किताब
मुखर्जी का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के करण गत 31 जुलाई को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. मुखर्जी निधन से पहले संस्मरण 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' लिख चुके थे. रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जनवरी, 2021 से पाठकों के लिए उपलब्ध होने वाली थी.

ट्वीट किया, लिखित सहमति के बिना प्रकाशन न करें
अभिजीत ने 'रूपा प्रकाशन' और इसके प्रबंध निदेशक कपिश मेहरा को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'संस्मरण के लेखक के पुत्र होने के कारण मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि इस पुस्तक और मेरी सहमति के बिना मीडिया के कुछ हिस्सों में आए पुस्तक के प्रेरित अंशों का प्रकाशन बंद करिए.'

उन्होंने कहा, 'मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं. ऐसे में उनका पुत्र होने के कारण मैं पुस्तक की सामग्री का अध्ययन करना चाहता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि अगर मेरे पिता जीवित होते तो वह भी ऐसा ही करते.'

पढ़ें- प्रणब दा ने नटवर से कहा था 'राष्ट्रपति बनना जीवन की सबसे बड़ी गलती'

पढ़ें- द प्रेसिडेंशियल ईयर्स-2014 में कांग्रेस की हार के लिए सोनिया और मनमोहन जिम्मेदार

पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा, 'ऐसे में मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि जब तक मैं इसका अध्ययन नहीं कर लेता, तब तक आप लोग मेरी लिखित सहमति के बिना इस पुस्तक का प्रकाशन तत्काल रोकिए. मैं इस बारे में आप लोगों को पहले विस्तृत पत्र भेज चुका हूं.' अभिजीत के इस ट्वीट पर मेहरा और उनके प्रकाशन की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.