नई दिल्ली : पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन (pradhanmantri sangrahalaya teen murti bhavan) के बाद कहा, आज बैसाखी, बिहू है, आज से ओडिया नववर्ष भी शुरू हो रहा है. हमारे तमिलनाडु भाई-बहन भी नए वर्ष का स्वागत कर रहे है. इसके अलावा भी कई क्षेत्रों में नव वर्ष शुरू हो रहा है, अनेक पर्व मनाए जा रहे हैं. मैं देशवासियों को सभी पर्वों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि देश के हर प्रधानमंत्री ने अपने समय की अलग-अलग चुनौतियों को पार करते हुए देश को आगे ले जाने की कोशिश की है. बकौल पीएम मोदी, सबके व्यक्तित्व, कृतित्व, नेतृत्व के अलग-अलग आयाम रहे हैं. उन्होंने कहा, देश की जनता, विशेषकर युवा वर्ग, भावी पीढ़ी सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में जानेगी तो उन्हें प्रेरणा मिलेगी.
पीएम मोदी ने कहा, ऐसे समय में जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब ये म्यूजियम, एक भव्य प्रेरणा बनकर आया है. इन 75 वर्षों में देश ने अनेक गौरवमय पल देखे हैं. इतिहास के झरोखे में इन पलों का जो महत्व है, वो अतुलनीय है. उन्होंने कहा, देश आज जिस ऊंचाई पर है, वहां तक उसे पहुंचाने में स्वतंत्र भारत के बाद बनी प्रत्येक सरकार का योगदान है. मैंने लाल किले से भी ये बात कई बार दोहराई है. आज ये संग्रहालय भी प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब बन गया है.
पीएम मोदी ने कहा, देश के हर प्रधानमंत्री ने संविधान सम्मत लोकतंत्र के लक्ष्यों की पूर्ति में भरसक योगदान दिया है. उन्हें स्मरण करना स्वतंत्र भारत की यात्रा को जानना है. उन्होंने कहा कि यहां आने वाले लोग देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान से रूबरू होंगे, उनके संघर्ष-सृजन को जानेंगे. उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय में जितना अतीत है, उतना ही भविष्य भी है. ये संग्रहालय देश के लोगों को बीते समय की यात्रा करवाते हुए, नई दिशा-नए रूप में भारत की विकास यात्रा पर ले जाएगा. ये हम भारतवासियों के लिए बहुत गौरव की बात है कि हमारे ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवार से रहे हैं.
बकौल प्रधानमंत्री मोदी, सुदूर देहात से आकर, एकदम गरीब परिवार से आकर, किसान परिवार से आकर भी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं के प्रति विश्वास को दृढ़ करता है. उन्होंने कहा कि भारत, लोकतंत्र की जननी है (India Mother of Democracy) है. उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र की बड़ी विशेषता ये भी है कि समय के साथ इसमें निरंतर बदलाव आता रहा है. हर युग में, हर पीढ़ी में, लोकतंत्र को और आधुनिक बनाने, सशक्त करने का निरंतर प्रयास हुआ है.
उन्होंने कहा कि एक दो अपवाद छोड़ दें तो हमारे यहां लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है. इसलिए हमारा भी ये दायित्व है कि अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहें. ऋगवेद का श्लोक सुनाकर पीएम मोदी ने कहा, हम तो उस सभ्यता से हैं जिसमें कहा जाता है- 'आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः' यानी हर तरफ से नेक विचार हमारे पास आएं ! उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र हमें प्रेरणा देता है, नवीनता को स्वीकारने की, नए विचारों को स्वीकारने की.
देखें, प्रधानमंत्री संग्रहालय में पीएम मोदी के संबोधन की वीडियो स्टोरी-
- ऋगवेद का श्लोक सुनाकर बोले पीएम, कहा- कोई एक ही विचार उत्तम हो, यह जरूरी नहीं
- पीएम के साथ सेल्फी, पं. नेहरू और अटलजी से 'संवाद' के लिए पधारें प्रधानमंत्री संग्रहालय !
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि दिल्ली में हमने बाबा साहेब की महापरिनिर्वाण स्थली, अलीपुर रोड पर बाबा साहेब मेमोरियल का निर्माण करवाया. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के जो पंच तीर्थ विकसित किए गए हैं, वो सामाजिक न्याय और अटूट राष्ट्र निष्ठा के लिए प्रेरणा के केंद्र हैं.
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इससे पहले तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने पहला टिकट खरीदा (PM Modi Teen Murti Bhawan Ticket Purchase). राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में बने प्रधानमंत्री संग्रहालय में आजाद भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की जीवनी के बारे में जाना जा सकेगा. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन (PM Modi inaugurates pradhanmantri sangrahalya) करने के बाद म्यूजियम का अवलोकन भी किया. यह संग्रहालय आजाद भारत के तमाम प्रधानमंत्रियों को समर्पित किया गया है.