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मुफ्त बिजली की घोषणाओं के बीच पंजाब में गहराया बिजली संकट, जानें कारण

पंजाब में तलवंडी साबो विद्युत संयंत्र की एक और इकाई में तकनीकी खराबी की वजह से बिजली का उत्पादन रुकने से प्रदेश में बिजली का संकट और गहरा गया है.

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Published : Jul 4, 2021, 9:00 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि मन्सा स्थित निजी कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) की 600 मेगावाट उत्पादन क्षमता की एक और इकाई में बॉयलर में रिसाव के चलते बिजली का उत्पादन रुक गया.

टीएसपीएल की 660 मेगावाट क्षमता की एक इकाई पिछले कुछ महीनों से बंद पड़ी है. कोयले से बिजली का उत्पादन करने वाली टीएसपीएल की कुल स्थापित क्षमता 1,980 मेगावाट है. टीएसपीएल की दूसरी इकाई में तकनीकी खराबी ऐसे समय में आयी है जब राज्य के कई शहरी और ग्रामीण इलाके बिजली के संकट का सामान कर रहे हैं. शनिवार को बिजली की मांग 13,067 मेगावाट हो गयी जबकि आपूर्ति 12,979 मेगावाट थी. इस तरह दोनों के बीच का अंतर 88 मेगावाट था.

बिजली संकट से निपटने के उपायों के तहत पीएसपीसीएल पहले ही रोलिंग मिल और इंडक्शन फर्नेस सहित कई उद्योगों के लिए हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी लागू कर चुकी है. ऐसा सात जुलाई तक के लिए किया गया है. केवल आवश्यक सेवाओं और नियमित संस्करण उद्योगों को इन नियमों से बाहर रखा गया है.

यह भी पढ़ें-सभी भारतीयों का डीएनए एक, चाहे हिंदू हों या मुस्लिम : मोहन भागवत

इसके अलावा राज्य सरकार पहले ही सरकारी कार्यालयों को 10 जुलाई तक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक काम करने का निर्देश दे चुकी है. उन्हें एयर कंडीशनर का इस्तेमाल न करने को भी कहा गया है. राज्य में 13,500 मेगावाट की आपूर्ति के मुकाबले पिछले हफ्ते मांग 16,000 मेगावाट की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.

(पीटीआई-भाषा)

चंडीगढ़ : पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि मन्सा स्थित निजी कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) की 600 मेगावाट उत्पादन क्षमता की एक और इकाई में बॉयलर में रिसाव के चलते बिजली का उत्पादन रुक गया.

टीएसपीएल की 660 मेगावाट क्षमता की एक इकाई पिछले कुछ महीनों से बंद पड़ी है. कोयले से बिजली का उत्पादन करने वाली टीएसपीएल की कुल स्थापित क्षमता 1,980 मेगावाट है. टीएसपीएल की दूसरी इकाई में तकनीकी खराबी ऐसे समय में आयी है जब राज्य के कई शहरी और ग्रामीण इलाके बिजली के संकट का सामान कर रहे हैं. शनिवार को बिजली की मांग 13,067 मेगावाट हो गयी जबकि आपूर्ति 12,979 मेगावाट थी. इस तरह दोनों के बीच का अंतर 88 मेगावाट था.

बिजली संकट से निपटने के उपायों के तहत पीएसपीसीएल पहले ही रोलिंग मिल और इंडक्शन फर्नेस सहित कई उद्योगों के लिए हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी लागू कर चुकी है. ऐसा सात जुलाई तक के लिए किया गया है. केवल आवश्यक सेवाओं और नियमित संस्करण उद्योगों को इन नियमों से बाहर रखा गया है.

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इसके अलावा राज्य सरकार पहले ही सरकारी कार्यालयों को 10 जुलाई तक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक काम करने का निर्देश दे चुकी है. उन्हें एयर कंडीशनर का इस्तेमाल न करने को भी कहा गया है. राज्य में 13,500 मेगावाट की आपूर्ति के मुकाबले पिछले हफ्ते मांग 16,000 मेगावाट की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.

(पीटीआई-भाषा)

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