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पोप फ्रांसिस ने रेप मामले में बरी होने वाले पादरी मुलक्कल का इस्तीफा किया स्वीकार

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Published : Jun 2, 2023, 9:13 AM IST

चर्चित नन रेप मामले में बरी होने के बाद जालंधर के पादरी के रूप में फ्रैंको मुलक्कल ने इस्तीफा दे दिया है. ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

Pope Francis accepts resignation of rape-accused Bishop Franco Mulakkal
पोप फ्रांसिस ने रेप मामले में बरी होने वाले पादरी मुलक्कल का इस्तीफा किया स्वीकार

तिरुवनंतपुरम: ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने जालंधर के पादरी के रूप में फ्रैंको मुलक्कल के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया, क्योंकि एक नन द्वारा बलात्कार के आरोपों के बाद उन्हें अस्थायी रूप से पादरी संबंधी कर्तव्यों से हटा दिया गया था. पिछले साल केरल की एक स्थानीय अदालत द्वारा बलात्कार के मामले में बरी किए जाने के डेढ़ साल बाद पादरी की सेवानिवृत्ति हुई है.

भारत में वेटिकन के राजदूत ने कहा, 'एक नन द्वारा बलात्कार के दावों के बाद 2018 में पोप फ्रांसिस द्वारा मुलक्कल को उनकी पादरी संबंधी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, उन्होंने एक जून को जालंधर के बिशप के रूप में इस्तीफा दे दिया.' भारत के ईसाई धार्मिक नेता ने कहा कि जालंधर पादरी के इस्तीफे का अनुरोध सूबे (धर्मप्रांत) के कल्याण के लिए किया गया था.

भारत के ईसाई धार्मिक नेता ने कहा ने कहा,'जालंधर के उपरोक्त मामले के बारे में अभी भी विभाजनकारी स्थिति को देखते हुए, मुलक्कल द्वारा इस्तीफे का अनुरोध किया गया है. एक अनुशासनात्मक उपाय के तौर पर एक नए बिशप की जरूरत है.' इससे पहले अप्रैल 2022 को केरल उच्च न्यायालय ने बलात्कार के मामले में बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी करने के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए राज्य सरकार और नन द्वारा दायर एक अपील को स्वीकार कर लिया था. जनवरी 2022 को कोट्टायम के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने मुलक्कल को मामले से बरी कर दिया था. उन्होंने जालंधर सूबे (धर्मप्रांत) के लैटिन कैथोलिक का नेतृत्व किया था.

ये भी पढ़ें- Kerala Bjp Tactics : ईसाई मतों को आकर्षित करने केरल में भाजपा बनाएगी नई 'राजनीतिक पार्टी'

शिकायत में नन ने आरोप लगाया था कि 2014 और 2016 के बीच मुलक्कल द्वारा उसके साथ 13 बार बलात्कार किया गया, जब वह मिशनरीज ऑफ जीसस, जालंधर सूबा (धर्मप्रांत) में बिशप थे. शिकायत 27 जून, 2018 को दर्ज की गई थी और मुलक्कल को 21 सितंबर को बलात्कार सहित आईपीसी की 7 धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था. मामले की सुनवाई नवंबर 2019 में शुरू हुई थी.

(एएनआई)

तिरुवनंतपुरम: ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने जालंधर के पादरी के रूप में फ्रैंको मुलक्कल के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया, क्योंकि एक नन द्वारा बलात्कार के आरोपों के बाद उन्हें अस्थायी रूप से पादरी संबंधी कर्तव्यों से हटा दिया गया था. पिछले साल केरल की एक स्थानीय अदालत द्वारा बलात्कार के मामले में बरी किए जाने के डेढ़ साल बाद पादरी की सेवानिवृत्ति हुई है.

भारत में वेटिकन के राजदूत ने कहा, 'एक नन द्वारा बलात्कार के दावों के बाद 2018 में पोप फ्रांसिस द्वारा मुलक्कल को उनकी पादरी संबंधी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, उन्होंने एक जून को जालंधर के बिशप के रूप में इस्तीफा दे दिया.' भारत के ईसाई धार्मिक नेता ने कहा कि जालंधर पादरी के इस्तीफे का अनुरोध सूबे (धर्मप्रांत) के कल्याण के लिए किया गया था.

भारत के ईसाई धार्मिक नेता ने कहा ने कहा,'जालंधर के उपरोक्त मामले के बारे में अभी भी विभाजनकारी स्थिति को देखते हुए, मुलक्कल द्वारा इस्तीफे का अनुरोध किया गया है. एक अनुशासनात्मक उपाय के तौर पर एक नए बिशप की जरूरत है.' इससे पहले अप्रैल 2022 को केरल उच्च न्यायालय ने बलात्कार के मामले में बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी करने के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए राज्य सरकार और नन द्वारा दायर एक अपील को स्वीकार कर लिया था. जनवरी 2022 को कोट्टायम के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने मुलक्कल को मामले से बरी कर दिया था. उन्होंने जालंधर सूबे (धर्मप्रांत) के लैटिन कैथोलिक का नेतृत्व किया था.

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शिकायत में नन ने आरोप लगाया था कि 2014 और 2016 के बीच मुलक्कल द्वारा उसके साथ 13 बार बलात्कार किया गया, जब वह मिशनरीज ऑफ जीसस, जालंधर सूबा (धर्मप्रांत) में बिशप थे. शिकायत 27 जून, 2018 को दर्ज की गई थी और मुलक्कल को 21 सितंबर को बलात्कार सहित आईपीसी की 7 धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था. मामले की सुनवाई नवंबर 2019 में शुरू हुई थी.

(एएनआई)

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