पुंछ/जम्मू : जम्मू कश्मीर के पुंछ में सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर हमला (Poonch attack) करने वाले आतंकवादियों ने बख्तरबंद ढाल को भेदने में सक्षम स्टील कोर गोलियों का इस्तेमाल किया और सैनिकों के हथियार लेकर फरार हो गए. आतंकियों का पता लगाने के लिए जारी अभियान के बीच अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
वहीं, सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के भाटा धुरियान इलाके में गत गुरुवार को सेना के एक ट्रक पर घातक हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. वहीं, हमले के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के जम्मू-पुंछ हिस्से को रविवार को वाहनों के लिए खोल दिया गया.
अधिकारियों ने कहा कि माना जा रहा है कि एक हमलावर ने ट्रक को आगे से निशाना बनाया, जबकि दूसरी ओर से अन्य आतंकियों ने गोलियां चलाई और ग्रेनेड फेंके. भाटा धुरियान के घने वन क्षेत्र में गुरुवार दोपहर इफ्तार के लिए खाने का सामान लेकर जा रहे सेना के ट्रक पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए और एक घायल हो गया. ये जवान आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए तैनात राष्ट्रीय राइफल्स की एक यूनिट से थे.
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) सहित विभिन्न एजेंसियों के विशेषज्ञों ने पिछले दो दिनों में घटनास्थल का दौरा किया है और घातक हमले की सटीक जानकारी पाने की कोशिश की है.
उन्होंने कहा कि माना जाता है कि एक हमलावर ने सामने से वाहन को निशाना बनाया, जबकि उसके साथियों ने वाहन पर विपरीत दिशा से गोलियां बरसाईं और ग्रेनेड फेंके, इससे सैनिकों को जवाबी कार्रवाई करने का समय नहीं मिला.
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने स्टील कोर गोलियों का इस्तेमाल किया जो किसी बख्तरबंद ढाल को भेद सकती हैं. अधिकारियों ने कहा कि भागने से पहले आतंकवादियों ने सैनिकों के हथियार और गोला-बारूद चुरा लिए.
जिस क्षेत्र में हमला हुआ, उसे लंबे समय तक आतंकवाद मुक्त माना जाता रहा है, लेकिन भाटा धुरियान वन क्षेत्र आतंकवादियों के लिए घुसपैठ का मार्ग बना हुआ है. यहां से आतंकी भौगोलिक स्थिति, घने जंगल का फायदा उठाते हुए नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करके भारत में घुसने का प्रयास करते हैं.
अक्टूबर 2021 में, एक तलाश अभियान के दौरान भाटा धूरियान वन क्षेत्र में चार दिन के भीतर आतंकवादियों के साथ हुई दो बड़ी मुठभेड़ों में नौ सैनिक मारे गए थे. यह तलाश अभियान तीन सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहा था, जिसमें आतंकवादियों का कोई पता नहीं चला था.
गुरुवार का हमला दो दशक पहले एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के आधिकारिक वाहन पर हुए आतंकवादी हमले की याद दिलाता है. भाटा धुरियान के पास देहरा की गली के जंगल में पांच दिसंबर, 2001 को हुए हमले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश वी के फूल, एक आम नागरिक और दो पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी.
30 लोगों को हिरासत में लिया गया : पुंछ हमले में आतंकवादियों को पकड़ने के लिए सेना ने बृहद पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है और अब तक करीब 30 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल घने जंगल में आतंकियों की तलाश के लिए ड्रोन और श्वान दस्तों की मदद ले रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि आतंकवादी घने जंगल में सुरक्षित ठिकाने बनाने में कामयाब रहे हैं या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुस गए होंगे.
विदेशी लड़ाकों सहित करीब पांच आतंकवादी शामिल थे : अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक रिपोर्ट में संकेत मिला है कि हमले में भाड़े के विदेशी लड़ाकों सहित करीब पांच आतंकवादी शामिल थे. घात लगाकर हमला करने के बाद, आतंकवादियों ने संभवतः ग्रेनेड के साथ-साथ 'स्टिकी बम' का इस्तेमाल किया जिससे वाहन में आग लग गई.
अधिकारियों ने कहा कि हमले को अंजाम देने वालों के बारे में माना जाता है कि वे एक साल से अधिक समय से राजौरी और पुंछ में थे और उन्हें इलाके की पर्याप्त जानकारी थी.
उन्होंने बताया कि यह इलाका जम्मू कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) का गढ़ है क्योंकि इसका कमांडर रफीक अहमद उर्फ रफीक नई इसी इलाके का रहने वाला है. सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में तीन से चार आतंकवादी समूह राजौरी और पुंछ क्षेत्र में सक्रिय हैं.
(पीटीआई-भाषा)