ETV Bharat / bharat

देश के अगले CJI जस्टिस एनवी रमना के गांव में खुशी, दोस्तों ने कहा गर्व की बात

आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले न्यायमूर्ति एनवी रमना देश के 48वें मुख्य न्यायधीश के रूप में 24 अप्रैल को शपथ ग्रहण करेंगे. इस खबर से उनके पैतृक गांव पाेन्नावरम में खुशी की लहर है. करीबियाें की मानें, ताे न्यायमूर्ति एनवी रमना बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं.

एनवी रमना
एनवी रमना
author img

By

Published : Apr 6, 2021, 5:20 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 10:53 PM IST

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले न्यायमूर्ति एनवी रमना देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में 24 अप्रैल को शपथ ग्रहण करेंगे. इससे उनके पैतृक गांव में खुशी की लहर है.

जस्टिस वी गोपाल गौड़ा

पाेन्नावरम में खुशी की लहर

एनवी रमन्ना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में एक कृषि परिवार में हुआ था. उन्हाेंने स्थानीय कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की. जिस स्कूल से न्यायमूर्ति एनवी रमना ने पढ़ाई की थी उस स्कूल के बच्चे आज इस खबर से फुले नहीं समा रहे हैं. न्यायमूर्ति रमन्ना ने दस फरवरी 1983 में वकालत शुरू कर दी थी. उन्होंने विज्ञान और वकालत में स्नातक किया है. 27 जून 2000 को जस्टिस रमन्ना आंध प्रदेश हाई कोर्ट के स्थाई जज के तौर पर नियुक्त हुए.

बचपन के दाेस्ताें में दिखी खुशी

न्यायमूर्ति एनवी रमना के सुप्रीम काेर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने की खबर से उनके बचपन के दाेस्ताें में गजब की खुशी देखने काे मिली.

उनके बचपन के एक दाेस्त ने बताया कि न्यायमूर्ति एनवी रमना के वे बहुत करीब थे. दाेनाें ने कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई पाेन्नावरम स्कूल से की थी. उन्हाेंने उम्मीद जताई कि वे उनसे मिलने जरूर आएंगे.

उनके बचपन के एक अन्य दाेस्त भरतवाज ने बताया कि यह उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि उनके बचपन का दाेस्त सुप्रीम काेर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहा है, उन्हाेंने कहा कि जब भी वे गांव आते थे उनसे मिलकर उनका हाल चाल जरूर पूछते थे, उन्हाेंने उम्मीद जताई कि न्यायमूर्ति एनवी रमना गांव स्थित शंकर भगवान के मंदिर में जरूर दर्शन करने आएंगे.

वहीं उनके बचपन के एक अन्य मित्र साईराजा ने कहा कि न्यायमूर्ति एनवी रमना में शुरू से ही लीडरशिप क्वालिटी रही है. हालांकि, उस समय न्याय के क्षेत्र में जाने की काेई याेजना नहीं थी, लेकिन ये जरूर था कि उन्हें राजनीति के क्षेत्र में जाना है. इतना ही नहीं वे उस वक्त 'स्वतंत्र पार्टी' के समर्थन में भी थे. वे उस वक्त नेहरू जी के समकालीन आचार्य एनजी रंगा की लेखनी काे बहुत पढ़ा करते थे. कक्षा 6 में वे कक्षा 10वीं की किताबें भी पढ़ते थे.

पढ़ाई में रहे अव्वल

न्यायमूर्ति एनवी रमना के बचपन के साथियाें ने पुराने दिनाें काे याद करते हुए कहा कि शुरू से ही वे पढ़ाई में बहुत बेहतर थे और क्लास में प्रथम आते थे. वे उस वक्त जय आंध्र आंदाेलन में भी सक्रिय रहे.

वहीं एक अन्य ग्रामीण ने पुराने दिनाें काे याद करते हुए कहा कि न्यायमूर्ति गांव के विकास के पक्षधर थे और उन्हाेंने हमेशा ही जरूरतमंदाें की मदद की है.

पढ़ेंः भारत के अगले चीफ जस्टिस होंगे न्यायमूर्ति एनवी रमना

बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि न्यायमूर्ति एनवी रमना ईमानदार व्यक्ति हैं. उनकी अधिकांश शिक्षा उनकी मातृभाषा तेलुगु में हुई, लेकिन उन्हें अंग्रेजी भाषा में अच्छा ज्ञान है. दुनिया भर में तेलुगु लोगों के लिए यह एक गौरव का क्षण है. न्यायमूर्ति एनवी रमना ने अपने करियर की शुरुआत 1983 में विजयवाड़ा बार एसोसिएशन में बतौर वकील के रूप में शुरू किया था.

बेजवाड़ा बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति एनवी रमना के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने पर हर्ष व्यक्त किया है. बार एसोसिएशन के सदस्यों ने न्यायमूर्ति एनवी रमना की सेवाओं के उस पल को याद किया जिस पल वे उनके साथ अभ्यास किया करते थे. बार एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि न्याय दिलाने के लिए जस्टिस रमना जैसे न्यायमूर्ति की हमेशा से तलाश थी.

बेजवाड़ा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि जब वह कृष्णा जिले के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे तब उन्होंने पोर्टफोलियो जज के रूप में कार्य किया. उनके कार्यकाल में 15 नए कोर्ट भवन का निर्माण हुआ था. उन्होंने अपने समय के दौरान जी-प्लस भवनों के निर्माण की अनुमति भी ली थी. पूर्व अध्यक्ष जी वेंकटेश्वर राव ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि वह तेजी से न्याय देंगे.

बेजवाड़ा बार एसोसिएशन के एक वकील ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि जस्टिस एनवी रमना सीजेआई के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं. हम अपनी खुशी व्यक्त करते हैं और उन्हें बधाई देते हैं.

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले न्यायमूर्ति एनवी रमना देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में 24 अप्रैल को शपथ ग्रहण करेंगे. इससे उनके पैतृक गांव में खुशी की लहर है.

जस्टिस वी गोपाल गौड़ा

पाेन्नावरम में खुशी की लहर

एनवी रमन्ना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में एक कृषि परिवार में हुआ था. उन्हाेंने स्थानीय कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की. जिस स्कूल से न्यायमूर्ति एनवी रमना ने पढ़ाई की थी उस स्कूल के बच्चे आज इस खबर से फुले नहीं समा रहे हैं. न्यायमूर्ति रमन्ना ने दस फरवरी 1983 में वकालत शुरू कर दी थी. उन्होंने विज्ञान और वकालत में स्नातक किया है. 27 जून 2000 को जस्टिस रमन्ना आंध प्रदेश हाई कोर्ट के स्थाई जज के तौर पर नियुक्त हुए.

बचपन के दाेस्ताें में दिखी खुशी

न्यायमूर्ति एनवी रमना के सुप्रीम काेर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने की खबर से उनके बचपन के दाेस्ताें में गजब की खुशी देखने काे मिली.

उनके बचपन के एक दाेस्त ने बताया कि न्यायमूर्ति एनवी रमना के वे बहुत करीब थे. दाेनाें ने कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई पाेन्नावरम स्कूल से की थी. उन्हाेंने उम्मीद जताई कि वे उनसे मिलने जरूर आएंगे.

उनके बचपन के एक अन्य दाेस्त भरतवाज ने बताया कि यह उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि उनके बचपन का दाेस्त सुप्रीम काेर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहा है, उन्हाेंने कहा कि जब भी वे गांव आते थे उनसे मिलकर उनका हाल चाल जरूर पूछते थे, उन्हाेंने उम्मीद जताई कि न्यायमूर्ति एनवी रमना गांव स्थित शंकर भगवान के मंदिर में जरूर दर्शन करने आएंगे.

वहीं उनके बचपन के एक अन्य मित्र साईराजा ने कहा कि न्यायमूर्ति एनवी रमना में शुरू से ही लीडरशिप क्वालिटी रही है. हालांकि, उस समय न्याय के क्षेत्र में जाने की काेई याेजना नहीं थी, लेकिन ये जरूर था कि उन्हें राजनीति के क्षेत्र में जाना है. इतना ही नहीं वे उस वक्त 'स्वतंत्र पार्टी' के समर्थन में भी थे. वे उस वक्त नेहरू जी के समकालीन आचार्य एनजी रंगा की लेखनी काे बहुत पढ़ा करते थे. कक्षा 6 में वे कक्षा 10वीं की किताबें भी पढ़ते थे.

पढ़ाई में रहे अव्वल

न्यायमूर्ति एनवी रमना के बचपन के साथियाें ने पुराने दिनाें काे याद करते हुए कहा कि शुरू से ही वे पढ़ाई में बहुत बेहतर थे और क्लास में प्रथम आते थे. वे उस वक्त जय आंध्र आंदाेलन में भी सक्रिय रहे.

वहीं एक अन्य ग्रामीण ने पुराने दिनाें काे याद करते हुए कहा कि न्यायमूर्ति गांव के विकास के पक्षधर थे और उन्हाेंने हमेशा ही जरूरतमंदाें की मदद की है.

पढ़ेंः भारत के अगले चीफ जस्टिस होंगे न्यायमूर्ति एनवी रमना

बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि न्यायमूर्ति एनवी रमना ईमानदार व्यक्ति हैं. उनकी अधिकांश शिक्षा उनकी मातृभाषा तेलुगु में हुई, लेकिन उन्हें अंग्रेजी भाषा में अच्छा ज्ञान है. दुनिया भर में तेलुगु लोगों के लिए यह एक गौरव का क्षण है. न्यायमूर्ति एनवी रमना ने अपने करियर की शुरुआत 1983 में विजयवाड़ा बार एसोसिएशन में बतौर वकील के रूप में शुरू किया था.

बेजवाड़ा बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति एनवी रमना के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने पर हर्ष व्यक्त किया है. बार एसोसिएशन के सदस्यों ने न्यायमूर्ति एनवी रमना की सेवाओं के उस पल को याद किया जिस पल वे उनके साथ अभ्यास किया करते थे. बार एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि न्याय दिलाने के लिए जस्टिस रमना जैसे न्यायमूर्ति की हमेशा से तलाश थी.

बेजवाड़ा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि जब वह कृष्णा जिले के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे तब उन्होंने पोर्टफोलियो जज के रूप में कार्य किया. उनके कार्यकाल में 15 नए कोर्ट भवन का निर्माण हुआ था. उन्होंने अपने समय के दौरान जी-प्लस भवनों के निर्माण की अनुमति भी ली थी. पूर्व अध्यक्ष जी वेंकटेश्वर राव ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि वह तेजी से न्याय देंगे.

बेजवाड़ा बार एसोसिएशन के एक वकील ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि जस्टिस एनवी रमना सीजेआई के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं. हम अपनी खुशी व्यक्त करते हैं और उन्हें बधाई देते हैं.

Last Updated : Apr 6, 2021, 10:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.