नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शुरू हो गई है, जिसमें जाति आधारित गणना और राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा हो रही. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, कांग्रेस शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता राष्ट्रव्यापी जाति आधारित गणना कराने पर पार्टी के जोर देने और भविष्य में पड़ने वाले इसके प्रभावों के अलावा चुनावी राज्यों में चुनाव तैयारियों पर बैठक में चर्चा कर रहे हैं.
ताजा जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने बैठक में कहा कि हमारी पार्टी लगातार देशव्यापी जातीय जनगणना की मांग करती आई है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी हमेशा से इस मुद्दे पर चुप्पी साध लेती है. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन लगातार आगे बढ़ रहा है. वहीं, सरकार पर हमला बोलते हुए खड़गे ने कहा कि हम पर झूठे हमले किए जा रहे हैं. अभी ये हमले और तेज होंगे. देश की विभाजनकारी नीतियां बेहद खतरनाक हैं.
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#WATCH | Congress Working Committee meeting underway at AICC office in Delhi. pic.twitter.com/fp1pd7B97f
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इससे पहले, कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तथा मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को सत्ता से बेदखल करने की उम्मीद कर रही है. कार्य समिति की बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब कुछ विपक्षी दलों के नेता केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. इस कड़ी में हालिया कार्रवाई दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी है.
कांग्रेस ने राज्यसभा सदस्य सिंह की गिरफ्तारी की निंदा की है, लेकिन पंजाब में अपने नेताओं के खिलाफ की गई इसी तरह की कार्रवाई की आलोचना की है, जहां आम आदमी पार्टी सत्ता में है. पंजाब में मादक पदार्थ से जुड़े मामले में कांग्रेस की किसान इकाई के प्रमुख सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी की गई है. खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पुनर्गठित कार्य समिति की यह दूसरी बैठक होगी.
कांग्रेस कार्य समिति की पिछली बैठक 16 और 17 सितंबर को हैदराबाद में हुई थी. कार्य समिति के पुनर्गठन के बाद यह पहली बैठक थी. उस बैठक में कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) की पहल को वैचारिक एवं चुनावी सफलता दिलाने का संकल्प लिया था. पार्टी ने यह भी कहा था कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो तथा लोगों को एक पारदर्शी, जवाबदेह एवं जिम्मेदार केंद्र सरकार मिले.
कार्य समिति की पिछली बैठक में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई और कहा गया कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा बढ़ाई जाए. बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद, अडाणी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया था.
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कांग्रेस ने 20 अगस्त को अपनी कार्य समिति का पुनर्गठन किया था, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं. कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं. इसमें सचिन पायलट और शशि थरूर जैसे नेताओं को पहली बार जगह मिली है.