ग्वालियर : मध्य प्रदेश की राजनीति में गद्दारी पर गदर जारी है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह द्वारा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार बताने पर बीजेपी लगातार हमलावर है. सोमवार को प्रदेश प्रवक्ता पकंज चतुर्वेदी ने एक पत्र जारी कर दिग्गी के पिता को गद्दार बताया था, अब शिवराज कैबिनेट के मंत्री प्रदुम्नसिंह सिंह तोमर ने कहा है कि कांग्रेस सांसद के पूर्वज गद्दार (Digvijay singh a traitors) थे. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि राजनीति में इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए.
गद्दारी पर एमपी में सियासत गर्म! ( Politics in MP on traitor)
इस समय मध्य प्रदेश में 'राजा' और 'महाराजा' के बीच गद्दारी शब्द को लेकर सियासत गरमाई हुई है. यही वजह है कि महाराजा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री भी उनके समर्थन में उतर आए हैं. सिंधिया समर्थक मंत्री प्रदुम्नसिंह सिंह ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर तीखा हमला बोला है, उन्होंने दिग्विजय सिंह को गद्दार (Digvijay singh a traitors) बताया (Minister Pradyuman Singh called Digvijay a traitor). उनका कहना है कि गद्दारी की बात आज वो कर रहे हैं जिनके खुद के पूर्वज गद्दार हैं. मंत्री तोमर ने इसके लिए 16 सितंबर 1943 में दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंह द्वारा लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया जो तत्कालीन अंग्रेजी हुकूमत को नमन करते हुए लिखा गया था.
'राजनीति में रखें भाषा की मर्यादा'
मंत्री प्रदुम्नसिंह सिंह तोमर के अनुसार भोपाल में पुरातत्व विभाग द्वारा 2002 में लगाई गई प्रदर्शनी में इस पत्र को दर्शाया गया था, जिसके चलते दिग्गी राजा का खून खौला था और उन्होंने उस पत्र को हटवा दिया था. दिग्विजय सिंह को गद्दार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि जिसने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया, उस पार्टी को खत्म करने का काम दिग्विजय सिंह ने किया है वो तो अपने नेतृत्व के साथ गद्दारी कर बैठे हैं. हालांकि, राज्यसभा सांसद को बार-बार गद्दार बताने के बाद मंत्री प्रदुम्नसिंह सिंह ने भाषा की मर्यादा की बात करते हुए कहा कि राजनीति में इस तरह की भाषा का प्रयोग करना बेहद शर्मनाक है.
कांग्रेस का पलटवार
मंत्री प्रदुम्नसिंह तोमर के इस बयान के बाद कांग्रेस भी मैदान में आ गई है, प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि मंत्री तोमर जिन तथाकथित दस्तावेजों के आधार पर आरोप लगा रहे हैं वह कितने सत्य हैं यह आज भी सवालों के घेरे में है. लेकिन ग्वालियर के फूलबाग स्थित वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का स्टेचू इस बात का गवाह है कि गद्दारी (traitor) का इतिहास ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार का किस स्तर का रहा है. इतिहास के पन्नों में इस गद्दारी की तस्वीर को कोई भी नहीं भुला सकता है.