वाराणसी: सात मार्च को अंतिम चरण के मतदान के बाद ईवीएम में सभी प्रत्याशियों की किस्मत कैद हो चुकी है और अब ईवीएम को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमाई रही है. वहीं, वाराणसी के पहाड़िया मंडी में 10 मार्च को काउंटिंग होनी है. लेकिन इससे पहले 8 मार्च को देर रात एक मैजिक गाड़ी से बड़ी संख्या में ईवीएम मशीनों को ले जाने को लेकर सपा कार्यकर्ताओं की ओर से विरोध किया गया. साथ ही वाराणसी शहर के अलग-अलग हिस्सों में सपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा काटा. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के ईवीएम में धांधली और इसे बदले जाने के आरोपों के बीच वाराणसी प्रशासन ने इस ईवीएम का मतदान वाले ईवीएम से कोई संबंध न होने की बात कही है.
वहीं बताया गया कि ये ईवीएम ट्रेनिंग में इस्तेमाल के लिए थी. लेकिन सपा कार्यकर्ता इन बातों को मानने को तैयार न हुए और पूरी रात शहर के विभिन्न इलाकों में सपाईयों ने जमकर हंगामा काटा. इस दौरान पुलिस प्रशासन को खासा चुनौतियों का सामना करना पड़ा. दरअसल मंगलवार की देर रात वाराणसी के पहाड़िया इलाके में ईवीएम को गाड़ी से किसी अन्य स्थान पर ले जाने की अफवाह आग की तरह फैल गई. इसे लेकर पहाड़िया मंडी के बाहर बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट गई और देखते ही देखते मामला बिगड़ गया. इस बीच लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता के बाद बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता पहाड़िया मंडी के बाहर पहुंच गए.
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कार्यकर्ता इस बात से नाराज थे कि ईवीएम को बदला जा रहा है. लेकिन जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा व कमिश्नर वाराणसी मंडल दीपक अग्रवाल ने यह साफ किया कि ये ईवीएम मतदान वाली ईवीएम नहीं थे. साथ ही बताया गया कि मतदान में इस्तेमाल सभी ईवीएम स्ट्रांग रूम में बंद हैं, जो पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स की निगरानी में हैं, लेकिन इसके बाद भी सपा कार्यकर्ता कुछ सुनने को तैयार नहीं थे.
काफी देर तक जद्दोजहद जारी रही और पूरी रात सपा कार्यकर्ता मतगणना केंद्र के बाहर धरने पर बैठे रहे. इस बीच शहर के गोलगड्डा, पीली कोठी, जैतपुरा समेत अन्य कई इलाकों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए. जिसके बाद पुलिस को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. पुलिस लाउडहेलर के जरिए लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करती दिखाई दी. लेकिन लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था और लोग लगातार ईवीएम बदले जाने की शिकायत करते हुए हंगामा कर रहे थे.
देर रात तक पुलिस गश्त करते हुए लोगों को घर जाने की अपील करती दिखाई दी, लेकिन पूरी रात बनारस में सड़कों पर लोग मौजूद रहे. हालांकि, माहौल बिगड़ने की आशंका को लेकर शहर के अलग-अलग इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई.