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Bengal News : राजनीतिक दलों ने पश्चिम बंगाल में चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है. इस बीच सभी पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. भाजपा और माकपा ने आरोप लगाया है कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई है.

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पश्चिम बंगाल में चुनाव
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Published : Jul 8, 2023, 3:43 PM IST

कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ और राज्य में शुक्रवार रात से लेकर अब तक हुई चुनाव संबंधी हिंसा में नौ लोग मारे गए हैं. सभी पार्टियों ने एक सुर में चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की है.

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की.

चुनाव संबंधी हिंसा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच समर्थकों की मौत हुई है. पार्टी ने केंद्रीय बलों की अनुपस्थिति को लेकर सवाल किया, जिन्हें चुनाव के लिए लाया गया था.

  • #WATCH | West Bengal panchayat election | Residents of Dhamsa in Hooghly throw two ballot boxes in a pond allegedly after scuffle between TMC and BJP workers at a polling booth. The residents allege that Central forces were not deployed at the centre. pic.twitter.com/VIQ2FPhUfw

    — ANI (@ANI) July 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राज्य के मंत्री शशि पांजा ने पूछा, 'बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है. भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी. आखिर वे कहां तैनात हैं? तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है. केंद्रीय बल कहां हैं?'

माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया, 'हथियारों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है और इन सभी घटनाओं के पीछे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का हाथ है. उन्होंने चुनाव के दिन व्यवधान पैदा करने और मतपेटियों की लूट के इरादे से पहले ही इसकी साजिश रच ली थी. लेकिन मुझे यह देखकर खुशी है कि कुछ जगहों पर लोगों ने इसका विरोध किया.'

चक्रवर्ती ने कहा, 'मैं यह देखकर हैरान हूं कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई. ऐसा लगता है कि कुछ समझौता हुआ है... यह पूरी तरह से अदालत के आदेश का उल्लंघन है.'

  • #WATCH | West Bengal panchayat election | Voting suspended at Indreshwar primary school in Dinhata after water was thrown into the ballot box here. pic.twitter.com/1CKYjmsgoH

    — ANI (@ANI) July 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

संपर्क किए जाने पर भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि एसईसी राज्य की तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार के निर्देश पर काम कर रहा है और वह कर्तव्य निर्वहन में पूरी तरह से नाकाम रहा है.

सिन्हा ने कहा, 'वे आज जिस तरह से मतदान करा रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है. कई मतदान केंद्रों पर कोई केंद्रीय बल नहीं है, जबकि कुछ मतदान केंद्रों पर राज्य पुलिस भी नदारद है. मुझे तस्वीरें और वीडियो भी मिले हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे तारों से जुड़े नहीं दिख रहे थे. इससे वास्तव में उपद्रवियों को हिंसा करने में मदद मिली.'

पश्चिम बंगाल में शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को हुई झड़पों में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य की चुनाव संबंधी हिंसा में जान चली गई.

कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने कहा कि उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक अभ्यावेदन देकर उस याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में शनिवार को हो रहे पंचायत चुनावों को हिंसा एवं हत्या की घटनाओं के कारण अमान्य घोषित करने का आग्रह किया गया है.

'टीएमसी को अपराधों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, तुष्टिकरण के लिए जाना जाता है' : उधर, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के राज में पश्चिम बंगाल लोकतंत्र में हिंसा का दुखद उदाहरण बन गया है.

पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा को लेकर टीएमसी पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने पत्रकारों से कहा, 'पश्चिम बंगाल कला, संस्कृति और विज्ञान का केंद्र हुआ करता था. अब उसे 'अपराधों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और खतरनाक तुष्टिकरण' के लिए जाना जाता है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार अपराधियों को संरक्षण देकर चुनावों के दौरान हिंसा के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है.

त्रिवेदी ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस के सदस्यों की हत्या की गई है तथा राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि टीएमसी के अलग-अलग धड़े एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वर्षों से हिंसा हो रही है और यह सिलसिला न केवल जारी है, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ रहा है. भाजपा के आलोचकों पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने कहा कि इन लोगों को पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के कारण ये हत्याएं नहीं दिखती हैं.

त्रिवेदी ने कहा कि बंगाल में स्थिति 1990 के बिहार के दौर जैसी ही है. उन्होंने टीएमसी पर चुनाव में खूनखराबा करने का आरोप लगाया और दावा किया कि संवैधानिक माध्यमों के जरिए राज्य सरकार के कृत्यों का पर्दाफाश हो गया है.

राज्य निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उसने चुनाव कराने के लिए खुद सुरक्षा बलों की मांग की थी, लेकिन वह इस पर फैसला नहीं ले सकता कि वहां किस तरह के बल तैनात होने चाहिए.

राज्य में भाजपा समेत विपक्षी दलों ने राज्य पुलिस पर सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय बलों के व्यापक इस्तेमाल पर जोर दिया था.

पश्चिम बंगाल के 22 जिलों में ग्राम पंचायत की 63,229 सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और 20 जिलों में 928 जिला परिषद सीटों के लिए करीब 5.67 करोड़ मतदाताओं के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की संभावना है.

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कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ और राज्य में शुक्रवार रात से लेकर अब तक हुई चुनाव संबंधी हिंसा में नौ लोग मारे गए हैं. सभी पार्टियों ने एक सुर में चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की है.

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की.

चुनाव संबंधी हिंसा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच समर्थकों की मौत हुई है. पार्टी ने केंद्रीय बलों की अनुपस्थिति को लेकर सवाल किया, जिन्हें चुनाव के लिए लाया गया था.

  • #WATCH | West Bengal panchayat election | Residents of Dhamsa in Hooghly throw two ballot boxes in a pond allegedly after scuffle between TMC and BJP workers at a polling booth. The residents allege that Central forces were not deployed at the centre. pic.twitter.com/VIQ2FPhUfw

    — ANI (@ANI) July 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राज्य के मंत्री शशि पांजा ने पूछा, 'बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है. भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी. आखिर वे कहां तैनात हैं? तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है. केंद्रीय बल कहां हैं?'

माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया, 'हथियारों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है और इन सभी घटनाओं के पीछे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का हाथ है. उन्होंने चुनाव के दिन व्यवधान पैदा करने और मतपेटियों की लूट के इरादे से पहले ही इसकी साजिश रच ली थी. लेकिन मुझे यह देखकर खुशी है कि कुछ जगहों पर लोगों ने इसका विरोध किया.'

चक्रवर्ती ने कहा, 'मैं यह देखकर हैरान हूं कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई. ऐसा लगता है कि कुछ समझौता हुआ है... यह पूरी तरह से अदालत के आदेश का उल्लंघन है.'

  • #WATCH | West Bengal panchayat election | Voting suspended at Indreshwar primary school in Dinhata after water was thrown into the ballot box here. pic.twitter.com/1CKYjmsgoH

    — ANI (@ANI) July 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

संपर्क किए जाने पर भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि एसईसी राज्य की तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार के निर्देश पर काम कर रहा है और वह कर्तव्य निर्वहन में पूरी तरह से नाकाम रहा है.

सिन्हा ने कहा, 'वे आज जिस तरह से मतदान करा रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है. कई मतदान केंद्रों पर कोई केंद्रीय बल नहीं है, जबकि कुछ मतदान केंद्रों पर राज्य पुलिस भी नदारद है. मुझे तस्वीरें और वीडियो भी मिले हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे तारों से जुड़े नहीं दिख रहे थे. इससे वास्तव में उपद्रवियों को हिंसा करने में मदद मिली.'

पश्चिम बंगाल में शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को हुई झड़पों में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य की चुनाव संबंधी हिंसा में जान चली गई.

कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने कहा कि उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक अभ्यावेदन देकर उस याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में शनिवार को हो रहे पंचायत चुनावों को हिंसा एवं हत्या की घटनाओं के कारण अमान्य घोषित करने का आग्रह किया गया है.

'टीएमसी को अपराधों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, तुष्टिकरण के लिए जाना जाता है' : उधर, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के राज में पश्चिम बंगाल लोकतंत्र में हिंसा का दुखद उदाहरण बन गया है.

पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा को लेकर टीएमसी पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने पत्रकारों से कहा, 'पश्चिम बंगाल कला, संस्कृति और विज्ञान का केंद्र हुआ करता था. अब उसे 'अपराधों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और खतरनाक तुष्टिकरण' के लिए जाना जाता है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार अपराधियों को संरक्षण देकर चुनावों के दौरान हिंसा के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है.

त्रिवेदी ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस के सदस्यों की हत्या की गई है तथा राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि टीएमसी के अलग-अलग धड़े एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वर्षों से हिंसा हो रही है और यह सिलसिला न केवल जारी है, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ रहा है. भाजपा के आलोचकों पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने कहा कि इन लोगों को पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के कारण ये हत्याएं नहीं दिखती हैं.

त्रिवेदी ने कहा कि बंगाल में स्थिति 1990 के बिहार के दौर जैसी ही है. उन्होंने टीएमसी पर चुनाव में खूनखराबा करने का आरोप लगाया और दावा किया कि संवैधानिक माध्यमों के जरिए राज्य सरकार के कृत्यों का पर्दाफाश हो गया है.

राज्य निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उसने चुनाव कराने के लिए खुद सुरक्षा बलों की मांग की थी, लेकिन वह इस पर फैसला नहीं ले सकता कि वहां किस तरह के बल तैनात होने चाहिए.

राज्य में भाजपा समेत विपक्षी दलों ने राज्य पुलिस पर सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय बलों के व्यापक इस्तेमाल पर जोर दिया था.

पश्चिम बंगाल के 22 जिलों में ग्राम पंचायत की 63,229 सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और 20 जिलों में 928 जिला परिषद सीटों के लिए करीब 5.67 करोड़ मतदाताओं के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की संभावना है.

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