एमसीबी: पुलिस की नौकरी में क्या क्या काम नहीं करने पड़ते. इसका एक उदाहरण मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के पोंडी थाना के नागपुर हाइवे पुलिस पेश कर रही है. पुलिस ने पांच दिन पहले अवैध तरीके से बूचड़खाने ले जा रहे एक पिकअप से पांच भैस को जब्त कर दो आरोपियों को हिरासत में लिया था. मगर अब यही भैंसें पुलिस के लिए मुसीबत बन गई हैं. नए जिले के सभी थाना और चौकी में वैसे भी पुलिस बल की कमी है. बावजूद इसके एक पुलिस जवान की ड्यूटी भैंसों की देखरेख में लगाई गई है.
भैंसों के लिए डब्बों में पानी भरकर लाता है पुलिसवाला: पुलिस का एक जवान डब्बों में पानी लाकर भैंसों को पिलाता है तो कभी चारे की व्यवस्था करता है. एडिशनल एसपी निमेष बरैया ने कहा "अभी सभी भैंसें सिटी कोतवाली में ही रखी गई हैं. भैंसों के मालिक की तलाश की जा रही है. जैसे ही जानकारी मिलेगी, भैंसें उनके मालिक के सुपुर्द कर दी जाएंगी."
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पशु मालिक के न मिलने पर गौठान में छोड़ी जाएंगी भैंसें: एडिशनल एसपी निमेष बरैया ने कहा कि "पशु मालिक नहीं मिला तो भैसों को सरपंच के हवाले कर गांव के गौठान में छोड़ दिया जाएगा. वहां गौठान में ही उनकी देखभाल की जाएगी." मगर फिलहाल के लिए कहा जा सकता है कि तस्करों से जब्त यह भैंसें पुलिस के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई हैं.
तस्करों के कब्जे से पुलिस के कब्जे में ऐसे आईं भैंसें: नागपुर चौकी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग एक गाड़ी में भैंस को भरकर कहीं ले जाने की फिराक में हैं. सूचना पर पुलिस ने टीम बनाकर ग्राम सरभोका तिराहे के पास कर गाड़ी चेक कर मवेशी सहित गाड़ी को जब्त किया. दरअसल, पुलिस ने गाड़ी में लोड मवेशियों की खरीदी बिक्री और परिवहन से जुड़े दस्तावेज मांगे, जिसे आरोपी दिखा नहीं पाए. इस पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता एवं पशु परीक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया. पुलिस ने कथित तस्करों के कब्जे से पांच भैंस जब्त की, जिनकी कीमत लगभग एक लाख रुपए आंकी गई है.