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पुलिस सत्यापन का उद्देश्य कश्मीर के युवाओं को नौकरियों से वंचित करना : हुर्रियत - रोजगार बंद

पत्थरबाजों को पासपोर्ट के लिये सुरक्षा मंजूरी और नौकरी नहीं देने के जम्मू-कश्मीर पुलिस के आदेश को लेकर हुर्रियत कांफ्रेंस ने चिंता जताई है. साथ ही आरोप लगाया कि ये कदम घाटी के लोगों को रोजगार बंद करने के मकसद से उठाया गया है.

मीरवाइज उमर फारूक
मीरवाइज उमर फारूक
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Published : Aug 2, 2021, 8:47 PM IST

श्रीनगर : हुर्रियत कांफ्रेंस ने पत्थरबाजों को पासपोर्ट के लिये सुरक्षा मंजूरी और नौकरी नहीं देने के जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जारी एक आदेश को लेकर सोमवार को चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि यह कदम घाटी के लोगों के लिये रोजगार के दरवाजे बंद करने के मकसद से उठाया गया है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ​​शाखा ने शनिवार को जारी आदेश में अपने अधीन सभी क्षेत्र इकाइयों को सुनिश्चित करने को कहा कि पासपोर्ट और सरकारी नौकरी अथवा अन्य सरकारी योजनाओं हेतु सत्यापन के दौरान किसी व्यक्ति की कानून-व्यवस्था उल्लघंन, पत्थरबाजी के मामलों और राज्य में सुरक्षा बलों के खिलाफ अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता की विशेष तौर पर जांच हो.

मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत के धड़े ने एक बयान में कहा, 'उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा एक के बाद एक निरंकुश आदेश जारी करना कश्मीरी लोगों के हितों के खिलाफ है, और यहां के लोगों के लिए रोजगार के दरवाजे बंद करना है.'

बयान में कहा गया है, 'पिछले कुछ हफ्तों में कई सरकारी कर्मचारियों की जबरन बर्खास्तगी के बाद, अब तथाकथित 'पत्थरबाज' या 'राष्ट्र-विरोधी' होने की आड़ में युवाओं को पासपोर्ट जारी नहीं करने और सरकारी नौकरी से वंचित करने की नीति बनाई जा रही है.'

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: कई कश्मीरियों के लिए दूर का सपना है विदेश यात्रा

संगठन ने कहा जिम्मेदार लोगों को अपनी 'दमनकारी रणनीति' पर पुनर्विचार करना चाहिए और ऐसे फरमानों को वापस लेना चाहिए जिससे केवल और नाराजगी पैदा हो.

(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर : हुर्रियत कांफ्रेंस ने पत्थरबाजों को पासपोर्ट के लिये सुरक्षा मंजूरी और नौकरी नहीं देने के जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जारी एक आदेश को लेकर सोमवार को चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि यह कदम घाटी के लोगों के लिये रोजगार के दरवाजे बंद करने के मकसद से उठाया गया है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ​​शाखा ने शनिवार को जारी आदेश में अपने अधीन सभी क्षेत्र इकाइयों को सुनिश्चित करने को कहा कि पासपोर्ट और सरकारी नौकरी अथवा अन्य सरकारी योजनाओं हेतु सत्यापन के दौरान किसी व्यक्ति की कानून-व्यवस्था उल्लघंन, पत्थरबाजी के मामलों और राज्य में सुरक्षा बलों के खिलाफ अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता की विशेष तौर पर जांच हो.

मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत के धड़े ने एक बयान में कहा, 'उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा एक के बाद एक निरंकुश आदेश जारी करना कश्मीरी लोगों के हितों के खिलाफ है, और यहां के लोगों के लिए रोजगार के दरवाजे बंद करना है.'

बयान में कहा गया है, 'पिछले कुछ हफ्तों में कई सरकारी कर्मचारियों की जबरन बर्खास्तगी के बाद, अब तथाकथित 'पत्थरबाज' या 'राष्ट्र-विरोधी' होने की आड़ में युवाओं को पासपोर्ट जारी नहीं करने और सरकारी नौकरी से वंचित करने की नीति बनाई जा रही है.'

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संगठन ने कहा जिम्मेदार लोगों को अपनी 'दमनकारी रणनीति' पर पुनर्विचार करना चाहिए और ऐसे फरमानों को वापस लेना चाहिए जिससे केवल और नाराजगी पैदा हो.

(पीटीआई-भाषा)

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