हजारीबाग : जिस तरह से हमारा समाज आधुनिकता की ओर जा रहा है, उसी तरह अपराध का भी दायरा बढ़ता जा रहा है. आधुनिकता बढ़ी है तो जुर्म की रफ्तार भी तेज हुई है. लूट, डकैती, चोरी, हत्या और दुष्कर्म की वारदात कम नहीं हुई, बल्कि साइबर अपराधों में भी इजाफा हो गया. संचार साधनों से दुनिया मुट्ठी में तो आ गई, लेकिन अपराधियों के लिए ठगी करने का नया तरीका भी इजाद हो गया. हजारों किलोमीटर दूर बैठकर भी शातिर आपके बैंक खाते में सेंध लगा रहे हैं, जो पुलिस के लिए चुनौती बन गई है. हालांकि, पुलिस ने इससे निपटने के लिए साइबर सेल का गठन किया है, लेकिन यह साइबर सेल भी अपराध कम नहीं कर पा रही है. अपराधियों की धरपकड़ के लिए कोशिश की जा रही है. हजारीबाग जैसे छोटे शहर में भी वर्ष 2020 में 37 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
साइबर अपराधी बना रहे छोटे जिलों को अपना निशाना
तकनीक के इस युग में भी अपराधी साइबर हमले करने में सक्रिय हैं. हजारीबाग में भी वर्ष 2020 में 37 साइबर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि साइबर अपराधी छोटे-छोटे जिले के लोगों को अपना टारगेट बना रहे हैं. हजारीबाग पुलिस की मानी जाए, तो हजारों किलोमीटर दूर बैठे साइबर ठग लोगों को फंसाकर अपराध करते जा रहे हैं. ऐसे में सचेत रहने के अलावा दूसरा कोई उपाय भी नहीं है.
आम जनता को भी जागरूक करने की योजना
हजारीबाग पुलिस की मानें, तो आने वाले समय में साइबर सेल को और भी अधिक तकनीकी रूप से लैस किया जाएगा, ताकि साइबर अपराधियों की धरपकड़ की जा सके. वर्ष 2021 में हजारीबाग पुलिस साइबर अपराध को लेकर आम जनता को भी जागरूक करने की योजना बना रही है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस अपराध के बारे में जानकारी मिल सके. खासकर ग्रामीण क्षेत्र जहां लोग पढ़े-लिखे नहीं है. उस क्षेत्र में अधिक जागरूक करने की बात भी कही जा रही है, जिसमें साइबर सेल के अलावा थाना और सामाजिक संगठनों की भी मदद ली जाएगी. हजारीबाग पुलिस यह भी स्वीकार करती है कि अपराध पर नकेल कसना पुलिस विभाग के लिए चुनौती भरा है. क्योंकि अपराधी हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी घटना को अंजाम दे दे रहे हैं. जब पता चलता है तब तक काफी देर हो जाती है. ऐसे में उनका यह भी कहना है कि हम लोग भी खुद को अपडेट कर रहे हैं. जिला और राज्य स्तरीय ट्रेनिंग प्रोग्राम भी कराया जा रहा है. हमने अलग सेल भी तैयार किए हैं, जो साइबर अपराध पर नजर रखेगा.
साइबर अपराधी काफी सक्रिय
वर्तमान स्थिति को देखा जाए, तो झारखंड देश का एक ऐसा क्षेत्र बनता जा रहा है, जहां साइबर अपराधी काफी सक्रिय हैं. देवघर और जामताड़ा जिलों में सबसे अधिक सक्रियता रही है. बड़ा नेटवर्क होने के कारण इन पर नकेल कसना भी बहुत मुश्किल हो रहा है. गैंग से जुड़े सदस्य दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मुंबई में फर्जी वेबसाइट तैयार कर नौकरी, टावर, लोन, लॉटरी निकालने आदि का झांसा देते हैं. दिलचस्प बात यह है कि अब तक ठगे गए लोगों में शिक्षित वर्ग की संख्या सबसे अधिक है.
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साइबर अपराध से बचने के तरीके
फोन आने पर किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना खाता नंबर न दें. किसी व्यक्ति को अपना एटीएम नंबर न बताएं. किसी अजनबी से एटीएम से रुपये न निकलवाएं. बैंक के एटीएम पर किसी अजनबी से मदद न मांगें. अपना पासवर्ड किसी से शेयर न करें. लॉटरी निकलने के नाम पर झांसे में न फंसे. लालच देने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. डेबिट या क्रेडिट कार्ड का समय सीमा बढ़ाने के लिए किसी को न दें. आधार कार्ड का उपयोग हेतु यह समझ लें कि व्यक्ति सही है. किसी भी अनजान व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट फेसबुक से एक्सेप्ट न करें.
साइबर ठगी से बचने के लिए बरते ये सावधानियां
साइबर अपराधों को रोकने के लिए साइबर क्राइम अधिनियम में वर्णित कम उम्र के बच्चों को वाट्सएप, फेसबुक पर आईडी बनाने की अनुमति न दें. 13 साल से कम बच्चों का फेसबुक और 16 साल से अधिक बच्चों का वाट्सएप चलाने के लिए निश्चित सॉफ्टवेयर डाल कर दें. अनिश्चित सूचना प्राप्त होने पर जैसे- हनी ट्रैप, कामुक सूचनाओं पर वीडियो को कभी क्लिक न करें. परिवार की महिलाओं की फोटो, अपना ईमेल आईडी, जन्मतिथि फेसबुक स्टेटस में न डालें. पेमेंट एडवांस की सूचना पर कभी क्लिक न करें. इंटरनेट बैंकिंग में पासवर्ड डालने के लिए केवल वर्चुअल की बोर्ड का प्रयोग करें. एटीएम की स्लिप कभी डस्टबिन या इधर उधर न डालें. एटीएम का पिन नंबर बदलते रहें. आईडी प्रूफ के लिए वोटर कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट की छाया प्रति देने पर छाया प्रति पर दो लाइन उसमें अवश्य लिखें.
हजारीबाग जिले में एक जनवरी 2020 से 29 दिसंबर 2020 तक कुल गिरफ्तार साइबर अपराधियों का आंकड़ा.
थाना नाम | दिनांक (2020) | गिरफ्तारी |
सदर थाना | 9 अप्रैल | 6 |
सदर थाना | 26 अक्टूबर | 1 |
बड़ा बाजार | 22 अक्टूबर | 1 |
कर्रा थाना | 3 नवंबर | 1 |
बड़कागांव थाना | 7 अक्टूबर | 1 |
पेलावल ओपी | 16 सितंबर | 1 |
बरकट्ठा थाना | 1 अप्रैल | 1 |
बरकट्ठा थाना | 23 सितंबर | 1 |
चौपारण थाना | 14 अक्टूबर | 1 |
बरकट्ठा थाना | 29 सितंबर | 3 |
बरही थाना | 30 सितंबर | 1 |
बरकट्ठा थाना | 19 नवंबर | 7 |
बरकट्ठा थाना | 23 नवंबर | 2 |
बरकट्ठा थाना | 11 दिसंबर | 2 |
कोर्रा थाना | 29 दिसंबर | 7 |