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मेघालय : तोड़-फोड़ के बाद पुलिस ने फंसे लोगों को निकालने के लिए शुरू की हेल्पलाइन - vandalism helpline

मेघालय सरकार ने कहा कि राज्य की राजधानी में तोड़-फोड़ के बाद पुलिस ने उन लोगों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत की है, जो यहां से जाना चाहते हैं.

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Published : Aug 17, 2021, 4:57 PM IST

शिलांग : मेघालय सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य की राजधानी में तोड़-फोड़ के बाद लागू कर्फ्यू के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है और पुलिस ने उन लोगों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत की है, जो यहां से जाना चाहते हैं.

उल्लेखनीय है कि शिलांग में 18 अगस्त की सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लागू है और कम से कम चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है. सरकार ने यह फैसला स्वतंत्रता दिवस के दिन पूर्व उग्रवादी की शव यात्रा के दौरान समर्थकों द्वारा की गई तोड़-फोड़ और हिंसा के बाद की. पूर्व उग्रवादी हाल में पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारा गया था.

गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'मेघालय पुलिस ने राज्य की राजधानी में फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत की है. अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. जो लोग जाना चाहते हैं उनकी सहायता की जाएगी.'

उन्होंने बताया कि तीन कंट्रोल रूम शहर के किसी भी इलाके में फंसे लोगों से निकासी के लिए आने वाले कॉल का जवाब देने के लिए बनाए गए हैं.

पढ़ें :- मेघालय में कर्फ्यू के दौरान सीआरपीएफ वैन पर हमला, पुलिस ने किया बल प्रयोग

गौरतलब है कि प्रतिबंधित हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल के पूर्व स्वयंभू महासचिव चेरिस्टरफ़ील्ड थांगखिव के घर पर पुलिस ने शुक्रवार को छापेमारी की थी, जिसके बाद शिलांग के मावलाई और जयआ इलाके में हिंसा भड़क गई थी. थांगखिव ने वर्ष 2018 में आत्मसमर्पण किया था और कथित तौर पर 10 अगस्त को हुए आईईडी धमाके में शामिल था.

थांगखिव के साथ उस समय कथित रूप से मुठभेड़ हुई जब उसने पुलिस टीम पर चाकू से हमला करने की कोशिश की. पुलिस हाल में राज्य में हुए आईईडी धमाके की जांच के सिलसिले में गई थी.

मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सोमवार को पूर्व उग्रवादी के साथ मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की. असम सरकार ने भी परामर्श जारी कर राज्य के लोगों को शिलांग की कानून व्यवस्था के मद्देनजर वहां नहीं जाने की सलाह दी है.

(पीटीआई-भाषा)

शिलांग : मेघालय सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य की राजधानी में तोड़-फोड़ के बाद लागू कर्फ्यू के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है और पुलिस ने उन लोगों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत की है, जो यहां से जाना चाहते हैं.

उल्लेखनीय है कि शिलांग में 18 अगस्त की सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लागू है और कम से कम चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है. सरकार ने यह फैसला स्वतंत्रता दिवस के दिन पूर्व उग्रवादी की शव यात्रा के दौरान समर्थकों द्वारा की गई तोड़-फोड़ और हिंसा के बाद की. पूर्व उग्रवादी हाल में पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारा गया था.

गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'मेघालय पुलिस ने राज्य की राजधानी में फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत की है. अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. जो लोग जाना चाहते हैं उनकी सहायता की जाएगी.'

उन्होंने बताया कि तीन कंट्रोल रूम शहर के किसी भी इलाके में फंसे लोगों से निकासी के लिए आने वाले कॉल का जवाब देने के लिए बनाए गए हैं.

पढ़ें :- मेघालय में कर्फ्यू के दौरान सीआरपीएफ वैन पर हमला, पुलिस ने किया बल प्रयोग

गौरतलब है कि प्रतिबंधित हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल के पूर्व स्वयंभू महासचिव चेरिस्टरफ़ील्ड थांगखिव के घर पर पुलिस ने शुक्रवार को छापेमारी की थी, जिसके बाद शिलांग के मावलाई और जयआ इलाके में हिंसा भड़क गई थी. थांगखिव ने वर्ष 2018 में आत्मसमर्पण किया था और कथित तौर पर 10 अगस्त को हुए आईईडी धमाके में शामिल था.

थांगखिव के साथ उस समय कथित रूप से मुठभेड़ हुई जब उसने पुलिस टीम पर चाकू से हमला करने की कोशिश की. पुलिस हाल में राज्य में हुए आईईडी धमाके की जांच के सिलसिले में गई थी.

मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सोमवार को पूर्व उग्रवादी के साथ मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की. असम सरकार ने भी परामर्श जारी कर राज्य के लोगों को शिलांग की कानून व्यवस्था के मद्देनजर वहां नहीं जाने की सलाह दी है.

(पीटीआई-भाषा)

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