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हिमाचल: पुलिस ने लापरवाही से शिमला जिला अदालत में पेश कर दी दूसरे ब्रांड की बीयर, आरोपी बरी

पुलिस की लापरवाही के कारण हिमाचल प्रदेश की जिला शिमला अदालत चक्कर से (District Court Shimla ) अवैध शराब रखने का आरोपी बरी हो गया. पुलिस ने आरोपी से जिंगारो बीयर की 24 बोतलें पकड़ी थीं, लेकिन अभियोग के दौरान पुलिस ने अदालत के समक्ष थंडरबोल्ट बीयर की बोतलें पेश कर दीं. पढ़ें पूरा मामला...

District Court Shimla
पुलिस ने लापरवाही से अदालत में पेश कर दी दूसरे ब्रांड की बीयर
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Published : Sep 30, 2022, 11:09 PM IST

शिमला: पुलिस आए दिन शराब तस्करों को पकड़ रही है, लेकिन जब कोर्ट में पेश करना होता है तो सबूत सही से इकट्ठा करना भूल जाती है जिससे आरोपी बरी हो जाता है. ताजा मामले में पुलिस की लापरवाही के कारण जिला शिमला अदालत चक्कर से अवैध शराब रखने का (District Court Shimla) आरोपी बरी हो गया. पुलिस ने आरोपी से जिंगारो बीयर की 24 बोतलें पकड़ी थीं, लेकिन अभियोग के दौरान पुलिस ने अदालत के समक्ष थंडरबोल्ट बीयर की बोतलें पेश कर दीं.

विशेष न्यायाधीश बहादुर सिंह ने पुलिस की इस मनघड़ंत कहानी के कारण आरोपी को दोष मुक्त कर दिया. 29 जनवरी 2017 को ठियोग पुलिस चोरी के मामले की जांच के लिए छैला गई थी. स्थानीय निवासी राज कुमार के घर की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान पुलिस ने 24 बोतलें जिंगारो बीयर, सात बोतलें देसी शराब और छह बोतलें रम और 185 ग्राम चरस बरामद की.

आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम और आबकारी अधिनियम में मामला दर्ज किया गया. मामले की जांच पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश वन की अदालत में आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाया गया. अभियोग के दौरान पुलिस ने अदालत के समक्ष 21 बोतलें बीयर की पेश (beer presented in court) कीं. इनमें से 15 थंडरबोल्ट बीयर की थीं. अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष के अनुसार अदालत में पेश की गई बीयर जब्त की गई बीयर से अलग है. इसी तरह रम की एक बोतल कम और देसी शराब की एक बोतल ज्यादा पेश की गई.

अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि जब्त की गई शराब कैसे बदल गई. अदालत ने पाया कि पुलिस ने आरोपी के घर में घुसने से पहले अपनी व्यक्तिगत तलाशी भी नहीं दी. हालांकि, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में 35 पुलिस घटना स्थल पर मौजूद थे. अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया है जोकि अभियोजन पक्ष के लिए घातक है.

ये भी पढ़ें: सीनियर एडवोकेट अंकुश दास सूद होंगे हिमाचल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के नए मुखिया

शिमला: पुलिस आए दिन शराब तस्करों को पकड़ रही है, लेकिन जब कोर्ट में पेश करना होता है तो सबूत सही से इकट्ठा करना भूल जाती है जिससे आरोपी बरी हो जाता है. ताजा मामले में पुलिस की लापरवाही के कारण जिला शिमला अदालत चक्कर से अवैध शराब रखने का (District Court Shimla) आरोपी बरी हो गया. पुलिस ने आरोपी से जिंगारो बीयर की 24 बोतलें पकड़ी थीं, लेकिन अभियोग के दौरान पुलिस ने अदालत के समक्ष थंडरबोल्ट बीयर की बोतलें पेश कर दीं.

विशेष न्यायाधीश बहादुर सिंह ने पुलिस की इस मनघड़ंत कहानी के कारण आरोपी को दोष मुक्त कर दिया. 29 जनवरी 2017 को ठियोग पुलिस चोरी के मामले की जांच के लिए छैला गई थी. स्थानीय निवासी राज कुमार के घर की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान पुलिस ने 24 बोतलें जिंगारो बीयर, सात बोतलें देसी शराब और छह बोतलें रम और 185 ग्राम चरस बरामद की.

आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम और आबकारी अधिनियम में मामला दर्ज किया गया. मामले की जांच पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश वन की अदालत में आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाया गया. अभियोग के दौरान पुलिस ने अदालत के समक्ष 21 बोतलें बीयर की पेश (beer presented in court) कीं. इनमें से 15 थंडरबोल्ट बीयर की थीं. अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष के अनुसार अदालत में पेश की गई बीयर जब्त की गई बीयर से अलग है. इसी तरह रम की एक बोतल कम और देसी शराब की एक बोतल ज्यादा पेश की गई.

अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि जब्त की गई शराब कैसे बदल गई. अदालत ने पाया कि पुलिस ने आरोपी के घर में घुसने से पहले अपनी व्यक्तिगत तलाशी भी नहीं दी. हालांकि, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में 35 पुलिस घटना स्थल पर मौजूद थे. अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया है जोकि अभियोजन पक्ष के लिए घातक है.

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