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Cyber Fraud in Raigarh: पहले करते थे मजदूरी, फिर फर्जी वेबसाइट का लिंक भेजकर उड़ाने लगे पैसे, 4 आरोपी जामताड़ा से गिरफ्तार

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Published : Apr 5, 2023, 10:03 PM IST

साइबर अपराध का दायरा बढ़ता ही जा रहा है. जागरूकता के तमाम प्रयासों के बाद भी लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं. ऐसे ही मामले में, रायगढ़ पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह के चार आरोपियों को झारखंड के जामताड़ा जिले से गिरफ्तार किया है. आरोपी फर्जी वेबसाइट का लिंक भेजकर लोगों के यूपीआई आईडी हैक कर उनके पैसे उड़ा देते थे.Cyber Fraud Raigarh

Cyber Fraud in Raigarh
साइबर अपराध
साइबर क शातिर फ्रॉड गिरफ्तार

रायगढ़: साइबर अपराध को लेकर रायगढ़ पुलिस सतर्क है. पिछले कुछ माह से लगातार साइबर अपराधियों की धरपकड़ की जा रही है. इसी क्रम में बुधवार को झारखंड के जामताड़ा से चार साइबर आरोपियों को पकड़कर रायगढ़ लाया गया है. इनके पास से 69 मोबाइल सिम कार्ड और 13 मोबाइल पुलिस ने जब्त की है. आरोपी कस्टमर के मोबाइल पर फिसिंग लिंक भेज कर ऑनलाइन फॉर्म से पूरी जानकारी लेते थे और यूपीआई से पैसे निकाला करते थे. मजे की बात तो ये है कि, पकड़े गए चारो आरोपी साइबर ठगी करने से पहले मजदूरी किया करते थे. इनमें से एक ही 10वीं पास है, जबकि बाकी के तीनों पांचवी तक ही पढ़े हैं.

सभी प्रमुख बैंकों का बना रखा है डमी लाॅगइन पेज और वेबसाइट: गिरफ्तार आरोपी जामताड़ा के झिलूवाटोला क्षेत्र से सक्रिय होकर साइबर ठगी का रैकेट चला रहे थे. कस्टमर केयर के रूप में लोगों को कॉल किया करते थे और हर 7-8 दिन में अपना ठिकाना बदलते थे. लोगों को अलग-अलग मोबाइलों नंबरों के जरिए कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर कॉल करते थे. आरोपियों ने एचडीएफसी, एसबीआई, आईडीबीआई आदि सभी प्रमुख बैंकों का डमी लॉगइन पेज और वेबसाइट बना कर रखा है.

लोगों को झांसे में लेकर इस तरह हासिल करते थे पर्सनल डिटेल: आरोपी कस्टमर को कॉल कर उन्हें उनका क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या एटीएम सस्पेंड होने को लेकर डराते थे. जैसे ही कस्टमर इनके झांसे में आता था और इन्हें कस्टमर के बैंक की जानकारी मिलती थी, ये कस्टमर को व्हाट्सअप या टेक्स्ट मैसेज के जरिए उसी बैंक का एक डमी लॉगिन पेज का लिंक भेज देते. कस्टमर से आईडी पासवर्ड डालकर पेज पर लॉग-इन कराकर एक ऑनलाइन फार्म फिलअप कराते थे. कस्टमर के फाॅर्म सबमिट करते ही उसके तमाम पर्सनल बैंक डिटेल इस फ्रॉड गैंग के पास पहुंच जाते. फिर ये कस्टमर के बैंक अकाउंट में आईडी पासवर्ड से लॉगिन करके उसके पैसे यूपीआई, फोन पे, पेटीएम आदि में ट्रांसफर करके निकाल लेते और आपस में बांट लेते.

यह भी पढ़े- हाईटेक छत्तीसगढ़ पुलिस: साइबर ठगों के जबड़े से निकाल लिए 26 लाख रुपये

डेढ़ लाख की ठगी मामले की तफ्तीश में पकड़े गए आरोपी: थाना कोतवाली रायगढ़ क्षेत्र के विकास नगर कोतरारोड निवासी वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव से 7 जुलाई 2022 को डेढ़ लाख रुपए की साइबर ठगी हुई थी. मामले की तफ्तीश के दौरान टेक्निकल एनालिसिस में पुलिस को पता चला कि जिन नंबरों पर पेटीएम के माध्यम से पैसे भेजे गए थे, उन नंबरों के खिलाफ बिहार और झारखंड में पहले से केस दर्ज हैं. साइबर टीम 60 से 65 ईएमआई नंबरों का एनालिसिस कर रही थी, तभी कुछ सिम नंबर एक्टिवेट होने की जानकारी मिली. इस पर तत्काल सीएसपी रायगढ़ के नेतृत्व में साइबर सेल, थाना कोतवाली, चक्रधरनगर और कोतरारोड़ की टीम झारखंड रवाना हुई. एसडीओपी रायगढ़ दीपक मिश्रा ने बताया कि "टीम ने जामताड़ा के झिलूवाटोला और घोषबाद क्षेत्र में रेड कर साइबर फ्रॉड गैंग के 4 आरोपियों को धर दबोचा. कुछ आरोपी मौके से भाग निकले. मास्टर माइंड इकबाल अंसारी है, जिसकी तलाश की जा रही है."

गुर्गों की हुई गिरफ्तारी, सरगना पकड़ से दूर: गिरफ्तार आरोपी राजेश मंडल, सुरेश मंडल, दुर्योधन मंडल और निसार अंसारी जामताड़ा झारखंड के ही रहने वाले हैं. आरोपियों में सिर्फ निसार अंसारी ही 10वीं पास है, बाकी के तीनों प्राथमिक शिक्षा ही ली है. इनका सरगना इकबाल अंसारी है, जो फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. आरोपी निसार ने बताया कि "उसके जीजा का भाई इकबाल अंसारी काफी दिनों से साइबर ठगी का काम कर रहा है. उसके कई साथियों को भी साइबर ठगी सिखाकर उनसे काम लेता है और बदले में अच्छी रकम देता है." पुलिस के मुताबिक पकड़े गए सभी आरोपी पहले मजदूरी का काम करते थे.

साइबर क शातिर फ्रॉड गिरफ्तार

रायगढ़: साइबर अपराध को लेकर रायगढ़ पुलिस सतर्क है. पिछले कुछ माह से लगातार साइबर अपराधियों की धरपकड़ की जा रही है. इसी क्रम में बुधवार को झारखंड के जामताड़ा से चार साइबर आरोपियों को पकड़कर रायगढ़ लाया गया है. इनके पास से 69 मोबाइल सिम कार्ड और 13 मोबाइल पुलिस ने जब्त की है. आरोपी कस्टमर के मोबाइल पर फिसिंग लिंक भेज कर ऑनलाइन फॉर्म से पूरी जानकारी लेते थे और यूपीआई से पैसे निकाला करते थे. मजे की बात तो ये है कि, पकड़े गए चारो आरोपी साइबर ठगी करने से पहले मजदूरी किया करते थे. इनमें से एक ही 10वीं पास है, जबकि बाकी के तीनों पांचवी तक ही पढ़े हैं.

सभी प्रमुख बैंकों का बना रखा है डमी लाॅगइन पेज और वेबसाइट: गिरफ्तार आरोपी जामताड़ा के झिलूवाटोला क्षेत्र से सक्रिय होकर साइबर ठगी का रैकेट चला रहे थे. कस्टमर केयर के रूप में लोगों को कॉल किया करते थे और हर 7-8 दिन में अपना ठिकाना बदलते थे. लोगों को अलग-अलग मोबाइलों नंबरों के जरिए कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर कॉल करते थे. आरोपियों ने एचडीएफसी, एसबीआई, आईडीबीआई आदि सभी प्रमुख बैंकों का डमी लॉगइन पेज और वेबसाइट बना कर रखा है.

लोगों को झांसे में लेकर इस तरह हासिल करते थे पर्सनल डिटेल: आरोपी कस्टमर को कॉल कर उन्हें उनका क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या एटीएम सस्पेंड होने को लेकर डराते थे. जैसे ही कस्टमर इनके झांसे में आता था और इन्हें कस्टमर के बैंक की जानकारी मिलती थी, ये कस्टमर को व्हाट्सअप या टेक्स्ट मैसेज के जरिए उसी बैंक का एक डमी लॉगिन पेज का लिंक भेज देते. कस्टमर से आईडी पासवर्ड डालकर पेज पर लॉग-इन कराकर एक ऑनलाइन फार्म फिलअप कराते थे. कस्टमर के फाॅर्म सबमिट करते ही उसके तमाम पर्सनल बैंक डिटेल इस फ्रॉड गैंग के पास पहुंच जाते. फिर ये कस्टमर के बैंक अकाउंट में आईडी पासवर्ड से लॉगिन करके उसके पैसे यूपीआई, फोन पे, पेटीएम आदि में ट्रांसफर करके निकाल लेते और आपस में बांट लेते.

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डेढ़ लाख की ठगी मामले की तफ्तीश में पकड़े गए आरोपी: थाना कोतवाली रायगढ़ क्षेत्र के विकास नगर कोतरारोड निवासी वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव से 7 जुलाई 2022 को डेढ़ लाख रुपए की साइबर ठगी हुई थी. मामले की तफ्तीश के दौरान टेक्निकल एनालिसिस में पुलिस को पता चला कि जिन नंबरों पर पेटीएम के माध्यम से पैसे भेजे गए थे, उन नंबरों के खिलाफ बिहार और झारखंड में पहले से केस दर्ज हैं. साइबर टीम 60 से 65 ईएमआई नंबरों का एनालिसिस कर रही थी, तभी कुछ सिम नंबर एक्टिवेट होने की जानकारी मिली. इस पर तत्काल सीएसपी रायगढ़ के नेतृत्व में साइबर सेल, थाना कोतवाली, चक्रधरनगर और कोतरारोड़ की टीम झारखंड रवाना हुई. एसडीओपी रायगढ़ दीपक मिश्रा ने बताया कि "टीम ने जामताड़ा के झिलूवाटोला और घोषबाद क्षेत्र में रेड कर साइबर फ्रॉड गैंग के 4 आरोपियों को धर दबोचा. कुछ आरोपी मौके से भाग निकले. मास्टर माइंड इकबाल अंसारी है, जिसकी तलाश की जा रही है."

गुर्गों की हुई गिरफ्तारी, सरगना पकड़ से दूर: गिरफ्तार आरोपी राजेश मंडल, सुरेश मंडल, दुर्योधन मंडल और निसार अंसारी जामताड़ा झारखंड के ही रहने वाले हैं. आरोपियों में सिर्फ निसार अंसारी ही 10वीं पास है, बाकी के तीनों प्राथमिक शिक्षा ही ली है. इनका सरगना इकबाल अंसारी है, जो फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. आरोपी निसार ने बताया कि "उसके जीजा का भाई इकबाल अंसारी काफी दिनों से साइबर ठगी का काम कर रहा है. उसके कई साथियों को भी साइबर ठगी सिखाकर उनसे काम लेता है और बदले में अच्छी रकम देता है." पुलिस के मुताबिक पकड़े गए सभी आरोपी पहले मजदूरी का काम करते थे.

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