इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pakistan occupied Kashmir) के प्रधानमंत्री सरदार अब्दुल कय्यूम नियाजी ने इस्तीफा दे दिया है. पीटीआई के प्रमुख इमरान खान द्वारा चुने गए नियाजी ने बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया. पार्टी के 25 सांसदों ने उनके स्थान पर पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सरदार तनवीर इलियास को पीओके का प्रधानमंत्री बनाने के लिए नियाजी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था.
इससे कुछ ही दिन पहले इमरान खान नेशनल असेम्बली में अविश्वास प्रस्ताव पर हुए मतदान में हार गए थे. नियाजी ने पीओके के राष्ट्रपति सुल्तान महमूद चौधरी को 14 अप्रैल को भेजे इस्तीफे में लिखा कि मैं संविधान के अनुच्छेद 16 (एक) के तहत प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देता हूं. समाचार पत्र डॉन की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति मामलों के सचिव डॉ. आसिफ हुसैन शाह ने चौधरी द्वारा नियाजी का इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने की पुष्टि की और बताया कि औपचारिक अधिसूचना जारी करने के लिए इसे मुख्य सचिव के पास भेज दिया गया है.
नियाजी 53 सदस्यीय सदन में पीटीआई द्वारा 32 सीट जीतने के बाद पिछले साल प्रधानमंत्री बने थे. भारत ने पीओके में चुनाव को महज दिखावा करार देते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि यह पाकिस्तान की उसके अवैध कब्जे को छिपाने की कोशिश है. पीओके में चुनाव पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि पाकिस्तान का भारतीय क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है और उसे उन सभी भारतीय क्षेत्रों को खाली करना चाहिए, जहां उसने अवैध कब्जा कर रखा है.
उन्होंने कहा था कि इस प्रकार की कवायद ना तो पाकिस्तान द्वारा किए गए अवैध कब्जे को छुपा सकती है और ना ही कब्जे वाले इन क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन, शोषण और लोगों को स्वतंत्रता से वंचित रखे जाने पर पर्दा डाल सकती है. द डॉन की खबर के अनुसार सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने नियाजी पर संसदीय दल का विश्वास खोने, कश्मीर मुद्दे को उजागर करने में नाकाम रहने एवं पार्टी के घोषणापत्र को लागू करने में विफल रहने के अलावा, कुशासन, भाई-भतीजावाद और मानकों के उल्लंघन का आरोप लगाया.
नियाजी ने बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा पहले पार्टी अध्यक्ष इमरान खान को भेजा और उसके एक घंटे बाद राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेज दिया. उन्होंने कहा कि वह पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में काम करना जारी रखेंगे.
(पीटीआई-भाषा)