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तमिल कवि सुब्रमण्यम की याद में 'महाकवि दिवस', BHU में स्थापित होगी चेयर

तमिल महाकवि सुब्रमण्यम भारती (Subramania Bharati) की पुण्यतिथि तमिलनाडु में 'महाकवि' दिवस के रूप में मनाई गई, वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी याद में बीएचयू में चेयर स्थापित करने की घोषणा की.

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Published : Sep 11, 2021, 5:39 PM IST

Updated : Sep 11, 2021, 9:34 PM IST

PM मोदी ने तमिल कवि सुब्रमण्यम को किया याद
PM मोदी ने तमिल कवि सुब्रमण्यम को किया याद

नई दिल्ली/ चेन्नई : तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती (Subramania Bharati) की पुण्यतिथि तमिलनाडु में 'महाकवि' दिवस के रूप में मनाई गई. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें याद किया.

पीएम मोदी ने कहा कि 'आज भारत के महान दार्शनिक और स्वतंत्रता सेनानी 'सुब्रमण्य भारती' जी की 100वीं पुण्यतिथि है. आज बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में सुब्रमण्यम भारती के नाम से एक चेयर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. तमिल शिक्षा पर सुब्रमण्य भारती चेयर बीएचयू के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में स्थापित होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनिए क्या कहा

स्टालिन समेत अन्य नेताओं ने अर्पित की पुष्पांजलि

तमिलनाडु में हुए कई कार्यक्रम, महाकवि को पुष्पांजलि अर्पित की गई.

उधर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और नेताओं ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर 'महाकवि' सुब्रह्मण्य भारती को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. स्टालिन ने कैबिनेट के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रतिष्ठित कवि की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की जो यहां कामराजर सलई पर उनकी आदम कद प्रतिमा के करीब रखी गई थी और उनकी निर्भीकता को दर्शाने वाले लोकप्रिय काव्यांशों को ट्वीट किया. गीत 'अच्चामिलाई' का संदर्भ देकर स्टालिन ने लोगों के बीच अपनी लेखनी एवं कविताओं से स्वतंत्रता के लिए जुनून जगाने की भारती की प्रयासों की सराहना की.

लोक निर्माण मंत्री ई वी वेलु, उद्योग मंत्री थंगम थेनारासु, स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रह्मण्यम, हिंदू धार्मिक एवं परोपकार कार्य मंत्री पी के सेकर बाबू और पार्टी के सांसदों कनिमोई, तामिगझाची थंगापांडियन, विधायक जेएमएच हसन मौलाना ने भी भारती को श्रद्धांजलि दी. अन्नाद्रमुक सह-संयोजक एवं नेता प्रतिपक्ष के पलानीस्वामी ने श्रद्धांजलि संदेश में कहा कि भारती के गीतों ने स्वतंत्रता के लिए जुनून जगाया, वह महिला अधिकारों के लिए लड़े और ऐसे समाज सुधारक थे जिन्होंने जातिवाद के खिलाफ जागरूकता पैदा की.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष वनति श्रीनिवासन और पार्टी के कई अन्य लोगों ने यहां भारती के स्मारक पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित किए. तमिलनाडु कांग्रेस कमिटी एवं पीएमके संस्थापक डॉ एस रामादास ने भी भारती की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए राज्यस्तरीय कविता प्रतियोगिता आयोजित की गईं. विजेताओं को 'भारती युवा कवि पुरस्कार' से सम्मानित किया गया. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने कवि सुब्रमण्यम भारती (Subramania Bharati) की पुण्यतिथि 11 सितंबर को 'महाकवि' दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि सुब्रमण्यम भारती की कविताओं और निबंधों का संकलन 10 करोड़ रुपये की लागत से 'मनाथिल उरिथी वेन्दम' नामक पुस्तक में निकाला जाएगा, जिसका वितरण 37 लाख स्कूली छात्रों को किया जाएगा.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय भारती दिवस पर बोले पीएम, बहुआयामी थे तमिल कवि सुब्रमण्यन

जानिए भारती के जीवन के बारे में

भारती का जन्म 11 दिसंबर 1882 को एट्टापुरम गांव में चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम अय्यर और लक्ष्मी अम्मल के घर हुआ था. भारती संस्कृत, हिंदी, तेलुगु, अंग्रेजी, फ्रेंच भाषाओं के अच्छे जानकार थे. भारती शब्द का अर्थ है वह जिसे देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त है. सुब्रमण्यम को भारती का छद्म नाम एट्टायपुरम राजा से मिला, जो उनके काव्य कौशल से दंग रह गए थे. भारती ने 10 साल की उम्र में शादी कर ली थी.

भारती 23 साल की उम्र में एक तमिल पत्रिका स्वदेशमित्रन के सहायक संपादक के रूप में शामिल हुए. दिसंबर 1905 में उन्होंने बनारस में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस सत्र में भाग लिया. अप्रैल 1906 तक उन्होंने तमिल साप्ताहिक भारत और अंग्रेजी अखबार बाला भारतम का संपादन किया.

भारती सरल तमिल शब्दों का उपयोग करके कविता लिखते थे जो तमिल लोगों के बीच उनकी पहुंच का एक मुख्य कारण है. हालांकि उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, उन्होंने जाति व्यवस्था, महिलाओं के अधिकारों, दलितों की परवरिश आदि के खिलाफ कविताएं लिखीं. उनकी कुछ उल्लेखनीय कृतियां कन्नन पट्टू, पांचाली सबथम, कुयिल पट्टू हैं. 11 सितंबर 1921 को उनका निधन हो गया.

(भाषा इनपुट के साथ)

नई दिल्ली/ चेन्नई : तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती (Subramania Bharati) की पुण्यतिथि तमिलनाडु में 'महाकवि' दिवस के रूप में मनाई गई. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें याद किया.

पीएम मोदी ने कहा कि 'आज भारत के महान दार्शनिक और स्वतंत्रता सेनानी 'सुब्रमण्य भारती' जी की 100वीं पुण्यतिथि है. आज बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में सुब्रमण्यम भारती के नाम से एक चेयर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. तमिल शिक्षा पर सुब्रमण्य भारती चेयर बीएचयू के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में स्थापित होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनिए क्या कहा

स्टालिन समेत अन्य नेताओं ने अर्पित की पुष्पांजलि

तमिलनाडु में हुए कई कार्यक्रम, महाकवि को पुष्पांजलि अर्पित की गई.

उधर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और नेताओं ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर 'महाकवि' सुब्रह्मण्य भारती को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. स्टालिन ने कैबिनेट के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रतिष्ठित कवि की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की जो यहां कामराजर सलई पर उनकी आदम कद प्रतिमा के करीब रखी गई थी और उनकी निर्भीकता को दर्शाने वाले लोकप्रिय काव्यांशों को ट्वीट किया. गीत 'अच्चामिलाई' का संदर्भ देकर स्टालिन ने लोगों के बीच अपनी लेखनी एवं कविताओं से स्वतंत्रता के लिए जुनून जगाने की भारती की प्रयासों की सराहना की.

लोक निर्माण मंत्री ई वी वेलु, उद्योग मंत्री थंगम थेनारासु, स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रह्मण्यम, हिंदू धार्मिक एवं परोपकार कार्य मंत्री पी के सेकर बाबू और पार्टी के सांसदों कनिमोई, तामिगझाची थंगापांडियन, विधायक जेएमएच हसन मौलाना ने भी भारती को श्रद्धांजलि दी. अन्नाद्रमुक सह-संयोजक एवं नेता प्रतिपक्ष के पलानीस्वामी ने श्रद्धांजलि संदेश में कहा कि भारती के गीतों ने स्वतंत्रता के लिए जुनून जगाया, वह महिला अधिकारों के लिए लड़े और ऐसे समाज सुधारक थे जिन्होंने जातिवाद के खिलाफ जागरूकता पैदा की.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष वनति श्रीनिवासन और पार्टी के कई अन्य लोगों ने यहां भारती के स्मारक पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित किए. तमिलनाडु कांग्रेस कमिटी एवं पीएमके संस्थापक डॉ एस रामादास ने भी भारती की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए राज्यस्तरीय कविता प्रतियोगिता आयोजित की गईं. विजेताओं को 'भारती युवा कवि पुरस्कार' से सम्मानित किया गया. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने कवि सुब्रमण्यम भारती (Subramania Bharati) की पुण्यतिथि 11 सितंबर को 'महाकवि' दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि सुब्रमण्यम भारती की कविताओं और निबंधों का संकलन 10 करोड़ रुपये की लागत से 'मनाथिल उरिथी वेन्दम' नामक पुस्तक में निकाला जाएगा, जिसका वितरण 37 लाख स्कूली छात्रों को किया जाएगा.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय भारती दिवस पर बोले पीएम, बहुआयामी थे तमिल कवि सुब्रमण्यन

जानिए भारती के जीवन के बारे में

भारती का जन्म 11 दिसंबर 1882 को एट्टापुरम गांव में चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम अय्यर और लक्ष्मी अम्मल के घर हुआ था. भारती संस्कृत, हिंदी, तेलुगु, अंग्रेजी, फ्रेंच भाषाओं के अच्छे जानकार थे. भारती शब्द का अर्थ है वह जिसे देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त है. सुब्रमण्यम को भारती का छद्म नाम एट्टायपुरम राजा से मिला, जो उनके काव्य कौशल से दंग रह गए थे. भारती ने 10 साल की उम्र में शादी कर ली थी.

भारती 23 साल की उम्र में एक तमिल पत्रिका स्वदेशमित्रन के सहायक संपादक के रूप में शामिल हुए. दिसंबर 1905 में उन्होंने बनारस में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस सत्र में भाग लिया. अप्रैल 1906 तक उन्होंने तमिल साप्ताहिक भारत और अंग्रेजी अखबार बाला भारतम का संपादन किया.

भारती सरल तमिल शब्दों का उपयोग करके कविता लिखते थे जो तमिल लोगों के बीच उनकी पहुंच का एक मुख्य कारण है. हालांकि उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, उन्होंने जाति व्यवस्था, महिलाओं के अधिकारों, दलितों की परवरिश आदि के खिलाफ कविताएं लिखीं. उनकी कुछ उल्लेखनीय कृतियां कन्नन पट्टू, पांचाली सबथम, कुयिल पट्टू हैं. 11 सितंबर 1921 को उनका निधन हो गया.

(भाषा इनपुट के साथ)

Last Updated : Sep 11, 2021, 9:34 PM IST
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