नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में प्रकाशित उस मीडिया रिपोर्ट को शनिवार को 'गलत' बताया, जिसमें देश में न्यूमोकोकल टीकों (pneumococcal vaccines in India) की कमी होने का दावा किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के पास न्यूमोकोकल टीकों की 70.18 लाख से अधिक खुराक उपलब्ध हैं.
महाराष्ट्र के प्रदेश टीकाकरण अधिकारी सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से प्रकाशित खबर में कहा गया था कि निविदा प्रक्रिया में देरी के कारण देशभर में हजारों बच्चों का न्यूमोकोकल टीकाकरण कार्यक्रम एक महीने से अधिक समय से बाधित है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'मीडिया रिपोर्ट गलत तथ्यों पर आधारित है और यह सही जानकारी नहीं प्रदान करती है.' बयान के मुताबिक, 'सात अक्टूबर 2022 तक उपलब्ध डाटा के अनुसार, देश में न्यूमोकोकल टीकों की पर्याप्त खुराक मौजूद हैं. राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के पास न्यूमोकोकल टीकों की कुल 70,18,817 उपलब्ध हैं. इनमें महाराष्ट्र के पास उपलब्ध 3,01,794 खुराक शामिल हैं.'
मंत्रालय ने कहा, 'स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी और सितंबर के बीच सरकार द्वारा सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को न्यूमोकोकल टीकों की कुल 3,27,67,028 खुराक की आपूर्ति की गई थी. इसमें महाराष्ट्र में इस्तेमाल टीके की 18,80,722 खुराक शामिल हैं.'
मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में न्यूमोकोकल टीकों की खरीद के बदले भी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को आपूर्ति शुरू कर दी गई है. भारत में निमोनिया बच्चों की मौत के प्रमुख कारणों में से एक है.
मंत्रालय ने कहा कि न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) भारत सरकार द्वारा 2017 में चरणबद्ध तरीके से बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित सबसे अधिक प्रभावित पांच राज्यों में पेश किया गया था.
न्यूमोकोकल वैक्सीन क्या है? : न्यूमोकोकल टीका न्यूमोकोकस जीवाणु के कारण उत्पन्न होने वाले निमोनिया तथा मेनेगजाइटीस सहित कई रोगों से बचाता है. यह टीका 6 हफ्ते, 14 हफ्ते तथा 9 महीने पर शिशु को दिया जाता है. दरअसल न्यूमोकोकस एक ऐसा जीवाणु है, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है. इस जीवाणु के कारण निमोनिया, मेनिनजाइटिस, बच्चों में मध्य कान का संक्रमण, साइनस संक्रमण तथा सेप्सिस यानी खून में संक्रमण जैसे रोग हो जाते है. इन रोगों को अनदेखा करना जान पर भारी पड़ सकता है.
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