नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद आज पहली बार विदेश यात्रा पर निकले हैं. मोदी की बांग्लादेश यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि भारत का नया वीवीआईपी विमान 'एयर इंडिया वन' से वह विदेश यात्रा कर रहे हैं. नया प्लेन पहली बार विदेश यात्रा पर निकला है.
भारत और बांग्लादेश 1971 के युद्ध में मिली विजय का स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहे हैं. दिसंबर 1971 में हुए युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराया था जिसके बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ था.
बोइंग ने पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार को वीटी-एएलडब्ल्यू रजिस्ट्रेशन नंबर वाले बी777 विमान की आपूर्ति की थी.
विमान को एआई1 या एयर इंडिया वन पुकारा जाता है. इस विमान ने शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे दिल्ली से उड़ान भरी और सुबह करीब 10.30 बजे ढाका हवाईअड्डे पर उतरा.
रजिस्ट्रेशन नंबर वीटी-एएलवी वाला एक और विशेष निर्मित बी777 विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग ने पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार को सौंपा था. ये दोनों विशेष रूप से निर्मित विमान केवल राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए हैं.
इन विमानों को वीवीआईपी यात्रा के लिहाज से विशेष रूप से तैयार करने के लिए बोइंग को वापस भेजा गया था. इससे पहले ये दोनों 2018 में कुछ महीने तक एयर इंडिया के व्यावसायिक बेड़े में शामिल रहे थे.
बी777 विमानों में अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली होती हैं जिन्हें लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड कांउटरमेजर्स और सेल्फ-प्रोटेक्शन सुइट्स कहा जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे जहां हवाई अड्डे पर उनका स्वागत उनकी समकक्ष शेख हसीना ने किया. कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद अपनी इस पहली विदेश यात्रा के दौरान वह दोनों देशों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी को हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा बलों के जवानों ने सलामी दी.
मोदी ने अपने दौरे से पहले बृहस्पतिवार को ट्वीट कर कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत की साझेदारी 'पड़ोस प्रथम' नीति का अहम स्तंभ है तथा दोनों देश इसे और गहरा व बहुआयामी बनाने को प्रतिबद्ध हैं.
अपने दौरे के दूसरे दिन शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी गोपालगंज जिले के तुंगीपाड़ा में 'बंगबंधु' शेख मुजीबुर रहमान के स्मारक पर भी जाएंगे. वह उस स्थान पर जाने वाले पहले गणमान्य भारतीय होंगे.
प्रधानमंत्री का पौराणिक परंपरा की 51 शक्तिपीठों में से एक प्राचीन जशोरेश्वरी काली मंदिर में देवी काली की पूजा अर्चना करने और ओराकांडी में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद का भी कार्यक्रम है.
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शनिवार की दोपहर मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय में हसीना के साथ वार्ता करेंगे. इस दौरान पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. कुछ परियोजनाओं का भी वह डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करेंगे.
स्वदेश रवाना होने से पहले वह राष्ट्रपति अब्दुल हमीद से भी मुलाकात करेंगे.
मोदी का बांग्लादेश दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पड़ोसी देश शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी 'मुजीब वर्ष', देश की आजादी के 50 साल का उत्सव और भारत-बांग्दलादेश संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर समारोह मना रहा है.