नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी धर्मशाला में 'मुख्य सचिवों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन' की अध्यक्षता करेंगे. दो दिवसीय सम्मेलन (जून 16-1्7) धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में आयोजित होगा. जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. इसमें 200 से अधिक लोग केंद्र, सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और डोमेन विशेषज्ञों शामिल होंगे.
एक बयान में प्रधान मंत्री कार्यालय ने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलनों में राज्यों के साथ साझेदारी में तीव्र और सतत आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा. "टीम इंडिया के रूप में काम करते हुए, सम्मेलन स्थिरता के साथ उच्च विकास के लिए सहयोगात्मक कार्रवाई, नौकरियों के सृजन, शिक्षा, जीवन में आसानी और कृषि में आत्मनिर्भरता के लिए आधार तैयार करेगा. लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए एकजुट कार्रवाई के लिए सम्मेलन एक सामान्य विकास एजेंडा और ब्लूप्रिंट के विकास और कार्यान्वयन पर फोकस देगा.
इस सम्मेलन की अवधारणा और एजेंडा छह महीने में 100 से अधिक दौर के विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है. सम्मेलन में विस्तृत विचार-विमर्श के लिए तीन विषयों की पहचान की गई है - राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन; शहरी शासन और फसल विविधीकरण और तिलहन, दलहन और अन्य कृषि-वस्तुओं में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों पर विचार किया जाएगा. प्रत्येक विषय के तहत राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से सर्वोत्तम प्रथाओं को आपसी सीखने के लिए सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाएगा.
एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम पर एक सत्र होगा जो अब तक की उपलब्धियों पर विचार करेगा, जिसमें डेटा आधारित शासन सहित सफल केस स्टडीज शामिल हैं. विशिष्ट जिलों में युवा कलेक्टरों द्वारा प्रस्तुत किया गया. इसके अलावा 'आज़ादी का अमृत महोत्सव: रोडमैप टू 2047' पर एक विशेष सत्र और 'व्यापार करने में आसानी के लिए छोटे अपराधों के अनुपालन बोझ को कम करने और अपराधीकरण' पर चार अतिरिक्त विषयगत सत्र. केंद्र - योजनाओं के असेचुरेशन कवरेज को प्राप्त करने और अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए राज्य समन्वय; पीएम गति शक्ति के माध्यम से भारत के बुनियादी ढांचे को बदलना और क्षमता निर्माण. iGOT - मिशन कर्मयोगी के कार्यान्वयन की योजना बनाई गई है. सम्मेलन के परिणामों पर बाद में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा. जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और प्रशासक मौजूद रहेंगे. इसका उद्देश्य एक कार्य योजना को उच्चतम स्तरों पर व्यापक सहमति से अंतिम रूप दिया जा सके.
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आईएएनएस