नई दिल्ली : पीएम मोदी ने कहा है कि कांग्रेस के कार्यकाल में भारत रत्न लता मंगेशकर के भाई को ऑल इंडिया रेडियो से हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को सावरकर की कविता प्रसारित करने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया.
पीएम मोदी ने कहा कि लता मंगेशकर के निधन से पूरा देश दुखी है. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर का परिवार गोवा से है. उनके परिवार के साथ कैसा सलूक हुआ, देश को ये जानना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा, वे देश के सामने व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बातें करने वाले लोगों (कांग्रेस) का इतिहास खोल रहे हैं. उन्होंने कहा, लता के छोटे भाई पंडित हृदयनाथ मंगेशकर गोवा की धरती के बेटे हैं. उन्हें ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया. उनका गुनाह इतना था कि उन्होंने वीर सावरकर की देशभक्ति से भरी कविता की ऑल इंडिया रेडियो पर प्रस्तुति दी थी.
सावरकर की कविता सुनाई, आठ दिन के भीतर छिनी नौकरी
प्रधानमंत्री ने कहा, हृदयनाथ मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में बताया है कि जब वे (हृदयनाथ) सावरकर से उनके गीत की प्रस्तुति के संबंध में मिले तो सावरकर ने कहा कि मेरी कविता गाकर जेल जाना चाहते हो क्या ? बकौल पीएम मोदी, हृदयनाथ जी ने सावरकर के गीत को संगीतबद्ध किया. इसके आठ दिन के अंदर हृदयनाथ मंगेशकर को ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया.
पंडित नेहरू के 67 साल पुराने बयान का उल्लेख
इससे पहले पीएम मोदी ने अपने वक्तव्य में 1955 में स्वतंत्रता दिवस के दिन तत्कालीन पीएम पंडित नेहरु के कथन का भी उल्लेख किया. बकौल पीएम मोदी पंडित नेहरू ने कहा था, कोई धोखे में न रहे, हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे, हम नहीं भेजेंगे फौज, हम शांति से तय करेंगे, समझ लें सब लोग इस बात को, पीएम मोदी ने कहा कि यह बयान- गोवावासियों के एस्पिरेशन के खिलाफ हैं.
गोवा के प्रति कांग्रेस का रवैया नहीं भुला सकते
बकौल पीएम मोदी, पंडित नेहरू ने कहा, जो लोग वहां जा रहे हैं, उनको वहां जाना मुबारक हो, लेकिन यह भी याद रखें कि अपने को सत्याग्रही कहते हैं, तो सत्याग्रह के उसूल याद रखना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि मेरे देश के नागरिकों को असहाय छोड़ दिया गया. गोवा की जनता कांग्रेस के इस रवैये को भूल नहीं सकती.
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इससे पहले अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई की सराहना की. उन्होंने कहा, कोरोना वैश्विक महामारी है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया और मानवता ने पिछले 100 वर्षों में ऐसी महामारी का सामना नहीं किया.
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पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की विभीषिका का आलम यह था कि मां एक कमरे में बीमार पड़ी है, लेकिन बेटा असहाय है, मां की मदद नहीं कर पा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना से देश ने जिस प्रकार की लड़ाई लड़ी है, इसका श्रेय पूरे देश को जाता है.