नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू कश्मीर में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय की गई 'गलतियों' को सुधारा है और पिछले चार वर्ष में केंद्रशासित प्रदेश में बड़ा बदलाव देखने को मिला है.
लोकसभा में 'जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक' और 'जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक' पर चर्चा के दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों के बयानों पर जवाब देते हुए ठाकुर ने यह बात कही.
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले समेत कई सदस्यों ने संविधान का अनुच्छेद 370 समाप्त होने के चार साल बाद भी जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं होने का मुद्दा उठाया था.
ठाकुर ने कहा कि विपक्षी सदस्य सवाल उठा रहे हैं कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने के बाद क्या हुआ? उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों को समाप्त करने के बाद राज्य में कोविड महामारी के दौर में भी जिला विकास परिषदों का चुनाव होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
ठाकुर ने कहा कि विपक्षी सदस्य कश्मीर का जिक्र आने पर वहां के कुछ परिवारों के नाम तो लेते हैं लेकिन महाराजा हरि सिंह और सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम लेना भूल जाते हैं. उन्होंने कहा, 'नेहरू जी की गलतियों को सुधारने का काम 5 अगस्त (2019) को मोदी सरकार ने संसद में किया था.'
केंद्रशासित प्रदेश में पिछले कुछ महीनों के दौरान आतंकवादी हमलों में सैन्यकर्मियों के शहीद होने के संबंध में राकांपा सदस्य सुप्रिया सुले के बयान पर ठाकुर ने कहा कि जवानों की शहादत पर सभी को दुख है.
उन्होंने कहा कि देश में करीब 60 साल तक कांग्रेस का शासन रहा और इस दौरान जम्मू कश्मीर में 45 हजार से अधिक सैनिक और आम नागरिक मारे गए. उन्होंने कहा, 'तब कोई नहीं बोला. आप भी दस साल उस सरकार का हिस्सा रहे थे. सैनिकों को बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं मिली. शायद उसमें भी कमीशन खोज रहे थे.'
ठाकुर ने कहा, 'हम तो जम्मू कश्मीर में आरक्षण के लिए कानून पारित करा रहे हैं. पिछले चार वर्ष में केंद्रशासित प्रदेश में बड़ा बदलाव देखने को मिला है.' उन्होंने कहा कि राकांपा सांसद ने सहयोगात्मक संघवाद के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं दिवंगत अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को याद किया.
ठाकुर ने कहा कि जब संसद में पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त किए गए थे तब अस्वस्थ अवस्था में ही सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को फोन कर इस फैसले पर खुशी जताई थी.
उन्होंने कहा, 'सुषमा जी एम्स में भर्ती थीं. उन्होंने खुशी जताते हुए कहा था कि सरकार ने 'एक निशान, एक प्रधान, एक विधान' के विरुद्ध मंत्री पद छोड़ने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार को साकार किया है.'