गांधीनगर : गुजरात की राजधानी गांधीनगर (Gujarat's Capital Gandhinagar) में देश का हवाई अड्डे के अनुरूप सुविधाओं से लैस पहले रेलवे स्टेशन का शुक्रवार को उद्घाटन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) वर्चुअल तरीके से इस अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन का शुभारंभ करेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी गुजरात में रेलवे की अन्य कई प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. मोदी कार्यक्रम के दौरान गुजरात साइंस सिटी (Gujarat Science City) में एक्वेटिक्स और रोबोटिक्स गैलरी तथा नेचर पार्क का शुभारंभ भी करेंगे.
गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास
इस रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास शहर में विकास की गति को बढ़ाएगा और पूंजीनिवेश, नौकरी के अवसर उत्पन्न करेगा या यूं कहा जाए कि यह गांधीनगर की अर्थव्यवस्था को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा.
यह अनूठी परियोजना गुजरात सरकार और रेलवे मंत्रालय से संबद्ध भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (Indian Railway Stations Development Corporation-IRSDC) का संयुक्त प्रयास है जिसके तहत गांधीनगर रेलवे और शहरी विकास निगम (Gandhinagar Railway and Urban Development Corporation-GARUD) नामक संयुक्त उद्यम बनाया गया.
यह देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन होगा, जिसकी छत पर 318 कमरों का पांच सितारा होटल बनाया गया है. यह परियोजना मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में इस तरह के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी. इस परियोजना के तहत 125 स्टेशनों के पुनर्विकास पर काम चल रहा है. इसमें से, IRSDC 63 स्टेशनों पर काम कर रहा है, वहीं RLDA ने 60 स्टेशनों पर काम जारी रखा है. इसमें से दो स्टेशनों का कार्य जोनल रेलवे द्वारा लिया गया है. रियल एस्टेट विकास के साथ-साथ 123 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए कुल निवेश 50,000 करोड़ रुपये से अधिक है.
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स्टेशन को आधुनिक हवाई अड्डों के समान विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. इस स्टेशन पर एक विशेष टिकट बुकिंग काउंटर, रैंप, लिफ्ट, समर्पित पार्किंग स्थान आदि प्रदान करके इसे दिव्यांग अनुकूल स्टेशन बनाने के लिए विशेष ध्यान रखा गया है. पूरी इमारत का डिजाइन हरित बिल्डिंग रेटिंग सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है. अत्याधुनिक एक्सटीरियर फ्रंट में 32 थीम वाली थीम आधारित लाइटिंग, आर्ट गैलेरी, आदि होगी. होटल तक पहुंचने के लिए 1500 यात्रियों को स्टेशन पर हैंडल किया जा सकेगा. इसकी क्षमता 2200 तक बढ़ाई जा सकती है.
गांधीनगर रेलवे स्टेशन परियोजना के अनुसार, थीम लाइटिंग के पीछे की अवधारणा पुनर्विकसित स्टेशन को एक बड़े कैनवास के रूप में उपयोग करना है. एलईडी लाइट्स को कंक्रीट में रंग डालने और सूरज ढलने के बाद भवन को जीवंत कर देने वाले हर रोज थीम लाइटिंग की व्यवस्था की गई है.
गांधीनगर के लोग और दांडी कुटीर आने वाले पर्यटक पुनर्विकसित स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में बनी गार्डन से बाहरी माहौल का लुत्फ उठा सकेंगे.
गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन की विशेषताएं :
- टिकट की सुविधा के साथ विशाल प्रवेश लॉबी
- अत्याधुनिक बाहरी हिस्सा और भू-निर्माण
- थीम आधारित लाइटिंग
- लाइव LED वॉल के साथ समर्पित विशेष आर्ट गैलरी व डिस्प्ले लाउंज
- केंद्रीकृत बहुउद्देशीय वातानुकूलित प्रतीक्षालय
- दिव्यांगजनों की सुविधाओं के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट
- अंतर-धार्मिक प्रार्थना हॉल
- वातानुकूलित शिशु आहार कक्ष आदि.
- लगभग 500 यात्रियों के लिए प्लेटफॉर्म पर वेटिंग हॉल
- सब-वे के माध्यम से जुड़े प्लेटफॉर्म, पर्याप्त पार्किंग सुविधाएं उपलब्ध हैं.
महेसाणा-वरेठा गेज कन्वर्टेड और विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लाइन (वडनगर स्टेशन सहित)
293 करोड़ रुपये की लागत से 55 किलोमीटर के महेसाणा-वरेठा गेज परिवर्तन का काम और साथ-साथ 74 करोड़ रुपये की लागत से विद्युतीकरण का काम पूरा किया जा चुका है. इसमें कुल 10 स्टेशन हैं जिनमें विसनगर, वडनगर, खेरालू और वरेठा की चार नई बनाई गई स्टेशन इमारतें भी शामिल हैं. इस सेक्शन पर एक प्रमुख स्टेशन वडनगर है, जिसे वडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट के अंतर्गत विकसित किया गया है. वडनगर स्टेशन की इमारत को पत्थर की नक्काशी का इस्तेमाल करके सुंदर ढंग से डिजाइन किया गया है और आसपास आवाजाही के क्षेत्र में लैंडस्केप जैसी सजावट की गई है. वडनगर अब एक ब्रॉड गेज लाइन के जरिए जुड़ जाएगा और अब इस सेक्शन पर यात्री और मालगाड़ियों को निर्बाध रूप से चलाया जा सकेगा.
वडनगर रेलवे स्टेशन पर दिखेगी मोदी की चाय की कैन्टीन
ढाई सौ साल पुराने शहर वडनगर प्रधानमंत्री के वतन से भी जाना जाता है. यहां के रेलवे स्टेशन में आज भी उनके पिता दामोदर दास मोदी की चाय की कैन्टीन वहां मौजूद है. इस दुकान में नरेंद्र मोदी अपने पिता के साथ चाय बेचने के काम में सहयोग करते थे.
हालांकि, दुकान अब जर्जर हालत में हैं और इसका कोई पुनर्विकास नहीं किया गया है. इसका कारण यह है कि जब पर्यटन यहां रेलवे स्टेशन पर आएंगे, तो उन्हें यहां मोदी के चाय की दुकान की झलक देखने मिलेगी. पूरा रेलवे स्टेशन के विकास किया गया है लेकिन चाय की कैन्टीन को जस का तस रखा गया है.