वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनकी मां के प्रति प्रेम भारत ही नहीं पूरी दुनिया में जगजाहिर है. अपनी मां के स्वर्गवास के बाद पीएम मोदी पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच रहे हैं. प्रधानमंत्री के उनकी मां के साथ प्रेम को संजोने के लिए बनारस के बुनकरों ने एक खास तोहफा तैयार किया है. बुनकर ने पीएम मोदी और उनकी मां की तस्वीर उकेरते हुए खास साड़ी तैयार की है. बुनकर 3 महीने से इस खास साड़ी को तैयार कर रहे थे, जो शुक्रवार को पीएम के बनारस दौरे पर उन्हें भेंट की जाएगी.
इस साड़ी को तैयार करने वाले बुनकर सर्वेश श्रीवास्तव ने बताया, 'हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक खास तोहफा तैयार करना चाहते थे. इसमें हम उन्हें कुछ ऐसा देना चाहते थे, जो उन्हें सदैव स्मरणीय रहे. ऐसे में हम सभी ने काफी खोजबीन की तब हमने देखा कि पीएम मोदी अपनी माता जी से बहुत प्रेम करते हैं. वह जब भी गुजरात जाते थे. उनसे मुलाकात जरूर करते थे. उनके और उनकी माताजी के बीच प्रेम-दुलार और स्नेह भरा संबंध देखने को मिलता था. इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी जी की उनकी माता जी के साथ तस्वीर को निकाला और उसके बाद उसे साड़ी पर डिजाइन कराया, ताकि उन दोनों लोगों के बीच का प्रेम, स्नेह, दुलार अब स्मृतियों में पहले की तरह ही बना रहे.'
10 लोगों ने मिलकर किया तैयार: उन्होंने बताया कि इस साड़ी को तैयार करने में कुल 3 महीने का समय लग गया. इसमें 2 बुनकरों ने जहां बुनाई की तो वहीं, इसकी डिजाइन और अन्य काम में कुल 8 से 10 लोग लगे रहे. उन्होंने बताया कि साड़ी को कतान सिल्क से तैयार किया गया है. इसमें जो यह तस्वीर बनाई गई है, वह उचन्त काल के जरिए बनाई गई है. बात उचन्त कला के तहत किसी भी मशीन या पत्ते जकार्ट का प्रयोग नहीं होता है. बल्कि, हाथों से धागे को उठा-उठा कर इस पूरे चित्र को तैयार किया जाता है. इस चित्र में गोल्डन व सिल्वर जरी के साथ कतान सिल्क के धागे का प्रयोग किया गया है.
पीएम की मां के लिए श्रद्धांजलि: उन्होंने बताया, 'इस साड़ी को जब हम तैयार कर रहे थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता जी जीवित थीं. हमारी दिली इच्छा थी कि हम उन्हें उनके मां के आशीर्वाद के स्वरूप में यह भेट दें. लेकिन, ऐसा नहीं हो सका और बीच में ही उनका देहावसान हो गया. मां के देहावसान के बाद पहली बार पीएम मोदी बनारस आ रहे हैं. इसलिए हम बुनकर यह चाहते हैं कि यह साड़ी हम उनकी माता के स्नेह आशीर्वाद के रूप में उन्हें भेंट करें. यह छोटी सी भेंट उनकी मां के लिए श्रद्धांजलि भी है.'