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नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे पीएम मोदी, बताया ऐतिहासिक मौका

पीएम मोदी 25 नवंबर को नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल (Noida International Airport) की आधारशिला रखेंगे. इस विमानतल के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश, देश का ऐसा राज्य बन जाएगा जहां पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होंगे. पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर लिखा है कि जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन उत्तर प्रदेश और भारत के इतिहास में ऐतिहासिक मौका है.

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Published : Nov 23, 2021, 5:22 PM IST

Updated : Nov 24, 2021, 10:55 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. इस विमानतल के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य हो जाएगा जहां पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि यह देश का पहला शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) एयरपोर्ट होगा.

पीएम मोदी ने नोएडा एयरपोर्ट (Noida International Airport) के उद्घाटन के संबंध में ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश और भारत के इतिहास में जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला रखा जाना ऐतिहासिक मौका है.

नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल के उद्घाटन को लेकर पीएम मोदी का ट्वीट
नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल के उद्घाटन को लेकर पीएम मोदी का ट्वीट

इससे पहले मंगलवार को बयान में बताया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में 25 नवंबर को दोपहर एक बजे नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय विमानतल वाला एकमात्र राज्य बनने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा. पीएमओ ने कहा कि इस विमानतल का विकास विमानन क्षेत्र को भविष्य की जरूरतों के अनुकूल तैयार करने और संपर्क को मजबूत बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है.

बयान में पीएमओ ने कहा कि उनके इस दृष्टिकोण के तहत उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां पिछले दिनों नए कुशीनगर विमानतल का उद्घाटन किया गया और अयोध्या में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय विमानतल सहित अन्य विमानतल बनाए जा रहे हैं.

नोएडा में बन रहा विमानतल, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय विमानतल होगा और इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर यात्रियों का दबाव कम होगा. रणनीतिक नजरिये से नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल का अलग महत्व होगा और इससे दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्र के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी.

पीएमओ ने कहा कि यह विमानतल उत्तरी भारत के लिए 'लॉजिस्टिक्स का द्वार' बनेगा. अपने विस्तृत पैमाने और क्षमता के कारण, यह विमानतल उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को भी बदल देगा और दुनिया के सामने प्रदेश की क्षमता को उजागर करेगा तथा राज्य को वैश्विक लॉजिस्टिक मानचित्र में स्थापित होने में मदद करेगा.

पढ़ें :- पंढरपुर को पीएम मोदी की सौगात, दो राजमार्गों की रखी आधारशिला, किसानों पर दिया बड़ा बयान

पीएमओ ने कहा, 'पहली बार भारत में किसी ऐसे विमानतल की परिकल्पना की गई है, जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो तथा जहां सारा ध्यान लॉजिस्टिक सम्बंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो.'

बयान में कहा गया समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया जायेगा.

इस बयान के मुताबिक, 'औद्योगिक उत्पादों के निर्बाध आवागमन की सुविधा के जरिये, यह विमानतल क्षेत्र में भारी निवेश आकर्षित करने, औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभायेगा. इससे नये उद्यमों को कई अवसर मिलेंगे तथा रोजगार के मौके भी पैदा होंगे.'

विमानतल में 'ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर' विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी.

पीएमओ ने कहा, 'इस तरह यह विमानतल सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जायेगा. नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिये जोड़ा जायेगा. आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे तथा अन्य भी विमानतल से जोड़े जायेंगे.'

इस विमानतल को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके बाद दिल्ली और विमानतल के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जायेगा.

नोएडा विमानतल में उत्कृष्ट एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग) सेवा भी होगी. हवाई अड्डे का डिजाइन बनाने में इस बात का ध्यान रखा गया है कि परिचालन खर्च कम हो तथा यात्रियों का आवागमन निर्बाध और तेजी से हो सके.

पढ़ें :- पीएम मोदी ने जयपुर के 'सिपेट' का उद्घाटन किया, चार चिकित्सा महाविद्यालयों की आधारशिला रखी

विमानतल में टर्मिनल के नजदीक ही हवाई जहाजों को खड़ा करने की सुविधा होगी ताकि उसी स्थान से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन में हवाईसेवाओं को आसानी हो.

पीएमओ ने कहा, 'इसके कारण विमानतल पर विमान जल्दी से काम पर लग जाएंगे और यात्रियों का आवागमन भी निर्बाध और तेजी से संभव होगा.'

यह भारत का पहला ऐसा विमानतल होगा, जहां उत्सर्जन निवल शून्य होगा. हवाई अड्डे ने एक ऐसा समर्पित भूखंड चिह्नित किया है, जहां परियोजना स्थल से हटाये जाने वाले वृक्षों को लगाया जायेगा और जंगल जैसे पार्क का रूप दिया जायेगा. नोएडा विमानतल वहां के सभी मूल जंतुओं की सुरक्षा करेगा और हवाई अड्डे के विकास के दौरान प्रकृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा.

इस विमानतल को अंतरराष्ट्रीय बोली-कर्ता 'ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी' क्रियान्वित करेगा. इस परियोजना का पहला चरण वर्ष 2024 तक 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है. 1300 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर फैली यह परियोजना प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों को अपनी सेवा देगी.

पीएमओ ने कहा कि पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का काम पूरा कर लिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. इस विमानतल के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य हो जाएगा जहां पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि यह देश का पहला शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) एयरपोर्ट होगा.

पीएम मोदी ने नोएडा एयरपोर्ट (Noida International Airport) के उद्घाटन के संबंध में ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश और भारत के इतिहास में जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला रखा जाना ऐतिहासिक मौका है.

नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल के उद्घाटन को लेकर पीएम मोदी का ट्वीट
नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल के उद्घाटन को लेकर पीएम मोदी का ट्वीट

इससे पहले मंगलवार को बयान में बताया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में 25 नवंबर को दोपहर एक बजे नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय विमानतल वाला एकमात्र राज्य बनने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा. पीएमओ ने कहा कि इस विमानतल का विकास विमानन क्षेत्र को भविष्य की जरूरतों के अनुकूल तैयार करने और संपर्क को मजबूत बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है.

बयान में पीएमओ ने कहा कि उनके इस दृष्टिकोण के तहत उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां पिछले दिनों नए कुशीनगर विमानतल का उद्घाटन किया गया और अयोध्या में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय विमानतल सहित अन्य विमानतल बनाए जा रहे हैं.

नोएडा में बन रहा विमानतल, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय विमानतल होगा और इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर यात्रियों का दबाव कम होगा. रणनीतिक नजरिये से नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल का अलग महत्व होगा और इससे दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्र के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी.

पीएमओ ने कहा कि यह विमानतल उत्तरी भारत के लिए 'लॉजिस्टिक्स का द्वार' बनेगा. अपने विस्तृत पैमाने और क्षमता के कारण, यह विमानतल उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को भी बदल देगा और दुनिया के सामने प्रदेश की क्षमता को उजागर करेगा तथा राज्य को वैश्विक लॉजिस्टिक मानचित्र में स्थापित होने में मदद करेगा.

पढ़ें :- पंढरपुर को पीएम मोदी की सौगात, दो राजमार्गों की रखी आधारशिला, किसानों पर दिया बड़ा बयान

पीएमओ ने कहा, 'पहली बार भारत में किसी ऐसे विमानतल की परिकल्पना की गई है, जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो तथा जहां सारा ध्यान लॉजिस्टिक सम्बंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो.'

बयान में कहा गया समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया जायेगा.

इस बयान के मुताबिक, 'औद्योगिक उत्पादों के निर्बाध आवागमन की सुविधा के जरिये, यह विमानतल क्षेत्र में भारी निवेश आकर्षित करने, औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभायेगा. इससे नये उद्यमों को कई अवसर मिलेंगे तथा रोजगार के मौके भी पैदा होंगे.'

विमानतल में 'ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर' विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी.

पीएमओ ने कहा, 'इस तरह यह विमानतल सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जायेगा. नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिये जोड़ा जायेगा. आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे तथा अन्य भी विमानतल से जोड़े जायेंगे.'

इस विमानतल को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके बाद दिल्ली और विमानतल के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जायेगा.

नोएडा विमानतल में उत्कृष्ट एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग) सेवा भी होगी. हवाई अड्डे का डिजाइन बनाने में इस बात का ध्यान रखा गया है कि परिचालन खर्च कम हो तथा यात्रियों का आवागमन निर्बाध और तेजी से हो सके.

पढ़ें :- पीएम मोदी ने जयपुर के 'सिपेट' का उद्घाटन किया, चार चिकित्सा महाविद्यालयों की आधारशिला रखी

विमानतल में टर्मिनल के नजदीक ही हवाई जहाजों को खड़ा करने की सुविधा होगी ताकि उसी स्थान से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन में हवाईसेवाओं को आसानी हो.

पीएमओ ने कहा, 'इसके कारण विमानतल पर विमान जल्दी से काम पर लग जाएंगे और यात्रियों का आवागमन भी निर्बाध और तेजी से संभव होगा.'

यह भारत का पहला ऐसा विमानतल होगा, जहां उत्सर्जन निवल शून्य होगा. हवाई अड्डे ने एक ऐसा समर्पित भूखंड चिह्नित किया है, जहां परियोजना स्थल से हटाये जाने वाले वृक्षों को लगाया जायेगा और जंगल जैसे पार्क का रूप दिया जायेगा. नोएडा विमानतल वहां के सभी मूल जंतुओं की सुरक्षा करेगा और हवाई अड्डे के विकास के दौरान प्रकृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा.

इस विमानतल को अंतरराष्ट्रीय बोली-कर्ता 'ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी' क्रियान्वित करेगा. इस परियोजना का पहला चरण वर्ष 2024 तक 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है. 1300 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर फैली यह परियोजना प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों को अपनी सेवा देगी.

पीएमओ ने कहा कि पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का काम पूरा कर लिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 24, 2021, 10:55 PM IST
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