मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के औषधि और चिकित्सा उपकरणों के नियामक ने सोमवार को भारत के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को औपचारिक रूप से मान्यता दी. देश की सीमा भी लगभग 20 महीनों में पहली बार फिर से खोल दी गई है.
भारत बायोटेक के कोवैक्सीन और एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविशील्ड भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले दो टीके हैं. ऑस्ट्रेलिया कोविशील्ड को पहले ही मान्यता दे चुका है.
ऑस्ट्रेलिया के औषधि और चिकित्सा उपकरण नियामक टीजीए ने कहा, 'थेरापेटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (टीजीए) ने तय किया है कि कोवैक्सीन (भारत बायोटेक द्वारा निर्मित) और बीबीआईबीपी-कोर वी (शिनोफार्म, चीन द्वारा निर्मित) को यात्रियों के टीकाकरण की स्थिति के लिए मान्यता दी जाएगी.'
यह मान्यता 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के यात्रियों के लिए है जिन्हें कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है और उन 18 से 60 वर्ष के लोगों के लिए है जिन्हें बीबीआईबीपी-कोर वी का टीका लगाया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैनबरा के निर्णय का स्वागत करते हुए कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए ऑस्ट्रलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन का आभार जताया.
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, 'भारत के कोवैक्सीन को ऑस्ट्रेलिया द्वारा मान्यता दिए जाने पर मैं अपने मित्र स्कॉट मॉरिसन को धन्यवाद देता हूं. कोविड-19 के बाद दोनों देशों के बीच साझेदारी में यह एक महत्वपूर्ण कदम है,' वह फिलहाल ग्लासगो में कॉप-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गए हुए हैं.
डब्ल्यूएचओ ने अभी तक फाइजर-बायोएनटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो/सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जॉनसन एंड जॉनसन - जानसेन, मॉडर्ना और सिनोफार्म को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है.
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भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ'फेरेल एओ ने ट्वीट किया, 'टीजीए द्वारा कोवैक्सीन को मान्यता दे दी गई है. यात्रा उद्देश्य के लिए यह टीका मान्य होगा.'
इस बीच, ऑस्ट्रेलिया की अंतरराष्ट्रीय सीमा सोमवार को फिर से खोल दी गई. लगभग 20 महीने के कठोर प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया गया.
महामारी के बाद मार्च 2020 में अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए अपनी सीमाओं को बंद करने वाला ऑस्ट्रेलिया शुरुआती देशों में शामिल था. महामारी की शुरुआत के तुरंत बाद सरकार ने कहा था कि केवल नागरिकों और स्थायी निवासियों को ही प्रवेश करने की अनुमति होगी और उन्हें दो सप्ताह होटल में पृथक-वास से गुजरना होगा.
(पीटीआई-भाषा)
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