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पीएम मोदी का ब्लॉग- AI के विकास में योगदान देने को तैयार भारत, बताया सबसे युवा देश

मोदी ने कहा कि एआई के क्षेत्र में भी भारत का दृष्टिकोण इसी भावना के साथ एक सार्वभौमिक समझ एवं एक अनुकूल वातावरण को सक्षम बनाने और मानवता की भलाई के लिए एआई के उपयोग को आगे बढ़ाने का रहा है. (AI, PM Modi, LinkedIn)

PM Modis blog on Artificial Intelligence
लिंक्डइन पर पीएम मोदी का ब्लॉग
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By PTI

Published : Dec 8, 2023, 11:54 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाने की कोशिश में है और यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्रौद्योगिकी के जरिए देश ने कुछ ही वर्षों में वह हासिल कर लिया है जिसे हासिल करने में बाकियों को एक पीढ़ी लग गई. 'लिंक्डइन' पर एक पोस्ट में उन्होंने लोगों को कृत्रिम मेधा पर वैश्विक साझेदारी शिखर सम्मेलन 2023 के लिए आमंत्रित किया. इस सम्मेलन को मोदी ने एआई और नवाचार में प्रगति का जश्न मनाने वाला एक आकर्षक कार्यक्रम बताया.

  • We live in interesting times and making it even more interesting is AI, which has a positive impact on
    tech 🖥️,
    innovation 🧪,
    healthcare 🩺,
    education 📖,
    agriculture 🌾
    and more.https://t.co/qnF9UrqlCj

    Wrote a @LinkedIn Post on the very exciting GPAI Summit that begins on…

    — Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एआई के विकास में सक्रिय रूप से योगदान देने वाला बनने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत एक जीवंत स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र और एक प्रतिभाशाली कार्यबल वाले सबसे युवा देशों में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत ऐसे समाधान मुहैया कराता है जो वैश्विक स्तर पर अपनाए जाने योग्य, सुरक्षित, किफायती, टिकाऊ और अनुकरणीय हैं. मोदी ने कहा कि भारत की 'डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर' पहल ऐसे ही अग्रणी प्रयासों का एक प्रमुख उदाहरण है.

उन्होंने कहा, 'पिछले नौ से 10 साल में भारत और उसके नागरिकों ने प्रौद्योगिकी की मदद से लंबी छलांग लगाई है. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भारत ने कुछ ही वर्षों में वह हासिल कर लिया, जिसे पाने में अन्य देशों को एक पीढ़ी लग गई.' मोदी ने कहा कि यह इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ मोबाइल तक तेजी से बढ़ी पहुंच और डिजिटल समावेशन के लिए अपनाए जा सकने वाले मॉडल के जरिए संभव हुआ. उन्होंने साथ ही कहा, 'इसी प्रकार, एआई के क्षेत्र में भारत अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ी छलांग लगाना चाहता है. भले ही यह नागरिकों को उनकी भाषा में सेवा उपलब्ध कराना हो या शिक्षा को आसान एवं व्यक्तिगत बनाना हो.'

प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ बनाने एवं कृषि के क्षेत्र में अधिक जानकारी उपलब्ध कराने के लक्ष्यों पर बात की और कहा कि भारत विभिन्न सार्थक उद्देश्यों के लिए एआई का उपयोग कर रहा है. मोदी ने कहा कि दुनिया आज देख रही है कि जब भारत विकास करता है, तो वह विकास का एक न्यायसंगत और समावेशी मॉडल सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करता है. उन्होंने कहा, 'जब भारत नवोन्मेष करता है, तो वह यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करता है कि कोई भी पीछे न रह जाए. जब भारत नेतृत्व करता है, तो वह यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करता है कि वह व्यापक भलाई के लक्ष्य की ओर सभी को साथ लेकर चल सके.'

मोदी ने कहा कि एआई के क्षेत्र में भी भारत का दृष्टिकोण इसी भावना के साथ एक सार्वभौमिक समझ एवं एक अनुकूल वातावरण को सक्षम बनाने और मानवता की भलाई के लिए एआई के उपयोग को आगे बढ़ाने का रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया एक ऐसे बहुत ही दिलचस्प समय में जी रही है, जब तेजी से हो रहे दशकों के नवाचार और मानव प्रयास की ताकत ने उस चीज को हकीकत में बदल दिया है जिसकी कभी केवल कल्पना थी.

उन्होंने कहा कि तेजी से होते विकास के इस समय में एआई एक ऐसा क्षेत्र है जहां इसके अनुप्रयोगों का तेजी से विस्तार हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह क्रांतिकारी प्रौद्योगिकी अब एक युवा और तीक्ष्ण बुद्धि वाली नयी पीढ़ी के हाथों में है जो इसकी व्यापक क्षमता को तेजी से समृद्ध कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में वैश्विक भागीदारी’ (जीपीएआई) जैसे मंच महत्वपूर्ण हैं। भारत इसका सह संस्थापक है. जीपीएआई का लक्ष्य एआई का जिम्मेदारी से विकास और उपयोग सुनिश्चित करना है. दुनिया के 28 देश और यूरोपीय संघ इसके सदस्य हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जून 2020 में जीपीएआई की स्थापना के बाद से भारत ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसे नियामक ढांचे के लिए रास्ता बनाने को लेकर समर्पित है जो सुरक्षित और विश्वसनीय एआई सुनिश्चित करता हो.उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में 'एआई प्रदर्शनी' सहित कई दिलचस्प सत्र होंगे, जिसमें 150 स्टार्टअप अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.

पढ़ें: शासन के लिए भाजपा लोगों की सबसे पसंदीदा पार्टी बन गई है : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाने की कोशिश में है और यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्रौद्योगिकी के जरिए देश ने कुछ ही वर्षों में वह हासिल कर लिया है जिसे हासिल करने में बाकियों को एक पीढ़ी लग गई. 'लिंक्डइन' पर एक पोस्ट में उन्होंने लोगों को कृत्रिम मेधा पर वैश्विक साझेदारी शिखर सम्मेलन 2023 के लिए आमंत्रित किया. इस सम्मेलन को मोदी ने एआई और नवाचार में प्रगति का जश्न मनाने वाला एक आकर्षक कार्यक्रम बताया.

  • We live in interesting times and making it even more interesting is AI, which has a positive impact on
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एआई के विकास में सक्रिय रूप से योगदान देने वाला बनने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत एक जीवंत स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र और एक प्रतिभाशाली कार्यबल वाले सबसे युवा देशों में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत ऐसे समाधान मुहैया कराता है जो वैश्विक स्तर पर अपनाए जाने योग्य, सुरक्षित, किफायती, टिकाऊ और अनुकरणीय हैं. मोदी ने कहा कि भारत की 'डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर' पहल ऐसे ही अग्रणी प्रयासों का एक प्रमुख उदाहरण है.

उन्होंने कहा, 'पिछले नौ से 10 साल में भारत और उसके नागरिकों ने प्रौद्योगिकी की मदद से लंबी छलांग लगाई है. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भारत ने कुछ ही वर्षों में वह हासिल कर लिया, जिसे पाने में अन्य देशों को एक पीढ़ी लग गई.' मोदी ने कहा कि यह इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ मोबाइल तक तेजी से बढ़ी पहुंच और डिजिटल समावेशन के लिए अपनाए जा सकने वाले मॉडल के जरिए संभव हुआ. उन्होंने साथ ही कहा, 'इसी प्रकार, एआई के क्षेत्र में भारत अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ी छलांग लगाना चाहता है. भले ही यह नागरिकों को उनकी भाषा में सेवा उपलब्ध कराना हो या शिक्षा को आसान एवं व्यक्तिगत बनाना हो.'

प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ बनाने एवं कृषि के क्षेत्र में अधिक जानकारी उपलब्ध कराने के लक्ष्यों पर बात की और कहा कि भारत विभिन्न सार्थक उद्देश्यों के लिए एआई का उपयोग कर रहा है. मोदी ने कहा कि दुनिया आज देख रही है कि जब भारत विकास करता है, तो वह विकास का एक न्यायसंगत और समावेशी मॉडल सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करता है. उन्होंने कहा, 'जब भारत नवोन्मेष करता है, तो वह यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करता है कि कोई भी पीछे न रह जाए. जब भारत नेतृत्व करता है, तो वह यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करता है कि वह व्यापक भलाई के लक्ष्य की ओर सभी को साथ लेकर चल सके.'

मोदी ने कहा कि एआई के क्षेत्र में भी भारत का दृष्टिकोण इसी भावना के साथ एक सार्वभौमिक समझ एवं एक अनुकूल वातावरण को सक्षम बनाने और मानवता की भलाई के लिए एआई के उपयोग को आगे बढ़ाने का रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया एक ऐसे बहुत ही दिलचस्प समय में जी रही है, जब तेजी से हो रहे दशकों के नवाचार और मानव प्रयास की ताकत ने उस चीज को हकीकत में बदल दिया है जिसकी कभी केवल कल्पना थी.

उन्होंने कहा कि तेजी से होते विकास के इस समय में एआई एक ऐसा क्षेत्र है जहां इसके अनुप्रयोगों का तेजी से विस्तार हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह क्रांतिकारी प्रौद्योगिकी अब एक युवा और तीक्ष्ण बुद्धि वाली नयी पीढ़ी के हाथों में है जो इसकी व्यापक क्षमता को तेजी से समृद्ध कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में वैश्विक भागीदारी’ (जीपीएआई) जैसे मंच महत्वपूर्ण हैं। भारत इसका सह संस्थापक है. जीपीएआई का लक्ष्य एआई का जिम्मेदारी से विकास और उपयोग सुनिश्चित करना है. दुनिया के 28 देश और यूरोपीय संघ इसके सदस्य हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जून 2020 में जीपीएआई की स्थापना के बाद से भारत ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसे नियामक ढांचे के लिए रास्ता बनाने को लेकर समर्पित है जो सुरक्षित और विश्वसनीय एआई सुनिश्चित करता हो.उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में 'एआई प्रदर्शनी' सहित कई दिलचस्प सत्र होंगे, जिसमें 150 स्टार्टअप अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.

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