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PM मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से की मुलाकात, सिंगापुर के प्रधानमंत्री से भी की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां जी20 शिखर सम्मेलन के इतर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से मुलाकात की.

मैक्रों  और ली सीन लूंग के साथ पीएम
मैक्रों और ली सीन लूंग के साथ पीएम
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Published : Oct 31, 2021, 2:02 AM IST

नई दिल्ली/रोम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां जी20 शिखर सम्मेलन के इतर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से मुलाकात की.

मैक्रों के साथ मुलाकात में सामरिक द्विपक्षीय संबंधों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत आपसी एवं वैश्विक हितों के कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई. अपने इतालवी समकक्ष मारियो द्रागी के निमंत्रण पर यहां आए प्रधानमंत्री मोदी के साथ मैक्रों से मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी थे.

बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, 'रोम में अपने मित्र, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलकर प्रसन्नता हुई. हमारी वार्ता विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के इर्द-गिर्द केन्द्रित थी.'

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच जी20 ओआरजी शिखर सम्मेलन से इतर सार्थक चर्चा. भारत और फ्रांस विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग कर रहे हैं. आज की बातचीत से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गति मिलेगी.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'दोनों नेताओं ने विभिन्न विषयों पर भारत-फ्रांस सहयोग पर चर्चा की और रणनीतिक साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.' प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर भी चर्चा की.

क्वाड पर चर्चा नहीं हुई
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को भारत आने का न्योता दिया है. फ्रांस द्वारा ऑकस (ऑस्ट्रेलिया-ब्रिटेन-अमेरिका) सुरक्षा साझेदारी की कड़ी आलोचना के बीच, दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत के एक महीने से अधिक समय बाद यह बैठक हुई है. श्रृंगला ने कहा कि बैठक के दौरान ऑकस का मुद्दा उठा लेकिन यह प्रमुख विषय नहीं था।. उन्होंने कहा कि क्वाड पर चर्चा नहीं हुई. अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के 'क्वाड' समूह का गठन संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए किया गया था.

सीओपी-26 को लेकर हुई चर्चा

विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सीन लूंग से कई बार मुलाकात की है लेकिन महामारी के बाद यह उनकी पहली आमने सामने की मुलाकात है. उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए की जा रही वैश्विक कोशिश और आगामी सीओपी-26 बैठक को लेकर भी चर्चा की.

पढ़ें- पीएम मोदी ने जी20 में कहा, 'भारत अगले साल के अंत तक पांच अरब कोरोना टीके का करेगा उत्पादन '

श्रृंगला ने बताया, 'दोनों देशों ने कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण में तेजी और अहम दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर चर्चा की. इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री को दूसरी लहर के दौरान सिंगापुर की सरकार और लोगों द्वारा की गई मदद के लिए धन्यवाद दिया. श्रृंगला ने याद किया कि इस साल कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत ने सिंगापुर से आईएसओ क्रोयोजेनिक टैंकर, कंसनट्रेटर, ऑक्सीजन उपकरण आदि जरूरी चीजों को प्राप्त किया था.

पढ़ें- 'पोप फ्रांसिस को भारत आमंत्रित करने का पीएम मोदी का फैसला एतिहासिक'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली/रोम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां जी20 शिखर सम्मेलन के इतर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से मुलाकात की.

मैक्रों के साथ मुलाकात में सामरिक द्विपक्षीय संबंधों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत आपसी एवं वैश्विक हितों के कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई. अपने इतालवी समकक्ष मारियो द्रागी के निमंत्रण पर यहां आए प्रधानमंत्री मोदी के साथ मैक्रों से मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी थे.

बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, 'रोम में अपने मित्र, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलकर प्रसन्नता हुई. हमारी वार्ता विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के इर्द-गिर्द केन्द्रित थी.'

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच जी20 ओआरजी शिखर सम्मेलन से इतर सार्थक चर्चा. भारत और फ्रांस विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग कर रहे हैं. आज की बातचीत से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गति मिलेगी.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'दोनों नेताओं ने विभिन्न विषयों पर भारत-फ्रांस सहयोग पर चर्चा की और रणनीतिक साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.' प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर भी चर्चा की.

क्वाड पर चर्चा नहीं हुई
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को भारत आने का न्योता दिया है. फ्रांस द्वारा ऑकस (ऑस्ट्रेलिया-ब्रिटेन-अमेरिका) सुरक्षा साझेदारी की कड़ी आलोचना के बीच, दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत के एक महीने से अधिक समय बाद यह बैठक हुई है. श्रृंगला ने कहा कि बैठक के दौरान ऑकस का मुद्दा उठा लेकिन यह प्रमुख विषय नहीं था।. उन्होंने कहा कि क्वाड पर चर्चा नहीं हुई. अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के 'क्वाड' समूह का गठन संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए किया गया था.

सीओपी-26 को लेकर हुई चर्चा

विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सीन लूंग से कई बार मुलाकात की है लेकिन महामारी के बाद यह उनकी पहली आमने सामने की मुलाकात है. उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए की जा रही वैश्विक कोशिश और आगामी सीओपी-26 बैठक को लेकर भी चर्चा की.

पढ़ें- पीएम मोदी ने जी20 में कहा, 'भारत अगले साल के अंत तक पांच अरब कोरोना टीके का करेगा उत्पादन '

श्रृंगला ने बताया, 'दोनों देशों ने कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण में तेजी और अहम दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर चर्चा की. इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री को दूसरी लहर के दौरान सिंगापुर की सरकार और लोगों द्वारा की गई मदद के लिए धन्यवाद दिया. श्रृंगला ने याद किया कि इस साल कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत ने सिंगापुर से आईएसओ क्रोयोजेनिक टैंकर, कंसनट्रेटर, ऑक्सीजन उपकरण आदि जरूरी चीजों को प्राप्त किया था.

पढ़ें- 'पोप फ्रांसिस को भारत आमंत्रित करने का पीएम मोदी का फैसला एतिहासिक'

(पीटीआई-भाषा)

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