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e-RUPI : पीएम मोदी ने शुरू किया डिजिटल भुगतान का कैशलेस माध्यम - ई-रुपी डिजिटल भुगतान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-रुपी डिजिटल भुगतान (e-RUPI digital payment) की शुरुआत कर दी है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक 'ई-रुपी' डिजिटल भुगतान के लिए कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-रुपी डिजिटल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-रुपी डिजिटल
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Published : Aug 2, 2021, 4:56 PM IST

Updated : Aug 2, 2021, 5:25 PM IST

नई दिल्ली : ई-रुपी डिजिटल भुगतान (e-RUPI digital payment) की शुरुआत हो गई है. पीएम मोदी ने आज एक कार्यक्रम में इसकी शुरुआत की. ई-रुपी की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वाउचर आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली- ई-रुपी से लक्षित, पारदर्शी, रिसाव मुक्त डिलीवरी में मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार के अलावा, ई-रुपी वाउचर का इस्तेमाल निजी व्यक्तियों और इकाइयों द्वारा किया जा सकेगा. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि दान दी गई राशि का इस्तेमाल उसके उद्देश्य के अनुरूप हो.

उन्होंने कहा कि ई-रुपी वाउचर सिर्फ उद्देश्य केंद्रित नहीं , यह व्यक्ति केंद्रित भी है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्राप्त धन का इस्तेमाल सिर्फ उसी काम के लिए हो जिस उद्येश्य से वह दिया गया है.

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ई-रुपी वाउचर पेश किये जाने के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी को गरीबों की मदद के लिये एक उपाय के रूप में देखा जा रहा है, प्रौद्योगिकी पारदर्शिता ला रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये 300 योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को उपलब्ध करा रही है. इनमें एलपीजी, राशि से लेकर पेंशन तक शामिल है.

इससे पहले पीएम मोदी द्वारा सदैव डिजिटल पहल को बढ़ावा देने को रेखांकित करते हुए रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से बयान जारी किया गया था. इसमें कहा गया था कि पिछले वर्षों के दौरान इच्छित लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं ताकि सरकार और लाभार्थी के बीच सीमित संपर्क बिंदु रहें. इसने कहा कि 'इलेक्ट्रॉनिक वाउचर' की अवधारणा सुशासन के इस दृष्टिकोण को आगे ले जाएगी.

क्या है ई-रुपी
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है. यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है. इस निर्बाध एकमुश्त भुगतान व्‍यवस्‍था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्‍त करने में सक्षम होंगे. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.

ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है. इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए. प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है.

यह भी पढ़ें- Bronze to Sindhu : पीएम ने कहा था, जीत कर आएं, साथ में आईसक्रीम खाएंगे

सरकार का कहना है कि ई-रुपी डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन (e-Rupee Digital Payment Solutions) कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा. इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्‍कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है. यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्‍व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : ई-रुपी डिजिटल भुगतान (e-RUPI digital payment) की शुरुआत हो गई है. पीएम मोदी ने आज एक कार्यक्रम में इसकी शुरुआत की. ई-रुपी की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वाउचर आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली- ई-रुपी से लक्षित, पारदर्शी, रिसाव मुक्त डिलीवरी में मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार के अलावा, ई-रुपी वाउचर का इस्तेमाल निजी व्यक्तियों और इकाइयों द्वारा किया जा सकेगा. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि दान दी गई राशि का इस्तेमाल उसके उद्देश्य के अनुरूप हो.

उन्होंने कहा कि ई-रुपी वाउचर सिर्फ उद्देश्य केंद्रित नहीं , यह व्यक्ति केंद्रित भी है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्राप्त धन का इस्तेमाल सिर्फ उसी काम के लिए हो जिस उद्येश्य से वह दिया गया है.

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ई-रुपी वाउचर पेश किये जाने के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी को गरीबों की मदद के लिये एक उपाय के रूप में देखा जा रहा है, प्रौद्योगिकी पारदर्शिता ला रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये 300 योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को उपलब्ध करा रही है. इनमें एलपीजी, राशि से लेकर पेंशन तक शामिल है.

इससे पहले पीएम मोदी द्वारा सदैव डिजिटल पहल को बढ़ावा देने को रेखांकित करते हुए रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से बयान जारी किया गया था. इसमें कहा गया था कि पिछले वर्षों के दौरान इच्छित लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं ताकि सरकार और लाभार्थी के बीच सीमित संपर्क बिंदु रहें. इसने कहा कि 'इलेक्ट्रॉनिक वाउचर' की अवधारणा सुशासन के इस दृष्टिकोण को आगे ले जाएगी.

क्या है ई-रुपी
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है. यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है. इस निर्बाध एकमुश्त भुगतान व्‍यवस्‍था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्‍त करने में सक्षम होंगे. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.

ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है. इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए. प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है.

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सरकार का कहना है कि ई-रुपी डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन (e-Rupee Digital Payment Solutions) कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा. इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्‍कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है. यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्‍व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Aug 2, 2021, 5:25 PM IST
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