नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कानपुर दौरे के दौरान बवाल कराने की करने की साजिश रचने के आरोप में बुधवार को समाजवादी पार्टी के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों को पूछताछ के बाद सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा, शेष आरोपियों की गिरफतारी के प्रयास किये जा रहे हैं .
इस बीच समाजवादी पार्टी ने इन सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्काषित कर दिया है.
नौबस्ता थाना प्रभारी अमित कुमार भड़ाना ने बताया कि उन्हें एक कथित वीडियो के बारे में सूचना मिली जिसमें लगभग एक दर्जन युवाओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया था.
उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने प्रधानमंत्री की रैली के दौरान कानून व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी के झंडे वाले और प्रधानमंत्री की तस्वीर वाले बैनर लगी एक कार में तोड़फोड़ भी की.
मंगलवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच कर सुकांत शर्मा, सचिन केसरवानी, अभिषेक रावत, निकश कुमार और अंकुर पटेल को गिरफतार किया है, और ये सभी समाजवादी पार्टी की युवा ब्रिगेड से जुड़े हुये हैं, इस मामले में कार भी बरामद कर ली गई है.
तोड़फोड़ और आगजनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई.
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सपा कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर एक कार में तोड़फोड़ की और उस पर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का पोस्टर लगा दिये ताकि भाजपा कार्यकर्ताओं को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर किया जा सके.
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प्राथमिकी में कहा गया है, 'सचिन केसरवानी ने अपने 8-10 साथियों के साथ लाल टोपी पहनकर जानबूझकर हमीरपुर रोड पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका ताकि बुंदेलखंड से आए हुये भाजपा कार्यकर्ताओं से झगड़ा हो और अशांति फैले तथा हिंसा भड़के.
प्रधानमंत्री सोमवार को कानपुर में थे. वह यहां मेट्रो का उद्घाटन और एक रैली में भाग लेने आये थे.
समाजवादी पार्टी द्वारा बुधवार को लखनऊ में जारी बयान के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सचिन केसरवानी, अंकुर पटेल, अंकेश यादव, सुकान्त शर्मा तथा सुशील राजपूत को घटना में कथित संलिप्तता के कारण समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
(एजेंसी इनपुट)