नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी (Iranian President Seyyed Ebrahim Raisi ) से टेलीफोन पर बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने कनेक्टिविटी हब के रूप में चाबहार बंदरगाह की पूर्ण क्षमता सहित द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-ईरान संबंध करीबी ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों पर आधारित है, जिसमें लोगों के बीच मजबूत संपर्क भी शामिल है. उन्होंने ब्रिक्स के विस्तार सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग पर भी चर्चा की और दक्षिण अफ्रीका में आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर अपनी बैठक के प्रति उत्साह जताया.
बता दें कि दोनों नेता पहली बार सितंबर 2022 में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCo) शिखर सम्मेलन के मौके पर मिले थे तब ऊर्जा, वाणिज्य और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की. उन्होंने चाबहार बंदरगाह के विकास में प्रगति की भी समीक्षा की थी. वहीं 2016 में, भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने चाबहार बंदरगाह को व्यापार और पारगमन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. एक भारतीय राज्य-संचालित कंपनी ने बंदरगाह पर शाहिद बेहिश्ती टर्मिनल पर परिचालन का कार्यभार संभाला है. हालांकि परियोजना पर काम ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों और अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से प्रभावित हुआ है.
गौरतलब है कि भारत ने पहले शाहिद बेहेश्टी टर्मिनल को विकसित करने के लिए 85 मिलियन डॉलर की अनुदान सहायता और 150 मिलियन डॉलर की क्रेडिट सुविधा देने का वादा किया था, जिसके लिए अमेरिका ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों से विशेष छूट दी थी.
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(एजेंसी)