नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मौजूदा मानसून सत्र में संसद में सरकार की रणनीति पर चर्चा करने के लिए शीर्ष मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, अनुराग सिंह ठाकुर, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और अर्जुन राम मेघवाल समेत केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे.
यह बैठक ऐसे दिन हो रही है, जब राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ बैठक के लिए I.N.D.I.A के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति भवन जाने वाले हैं. विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति को मणिपुर की स्थिति पर एक ज्ञापन सौंपेगा.
राष्ट्रपति भवन के दौरे से पहले पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा कि 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर की स्थिति को राष्ट्रपति के संज्ञान में लाएगा.इससे पहले, मंगलवार को बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा ने बताया कि पार्टी दिल्ली सेवा विधेयक पर सरकार का समर्थन करेगी. बीजद का आधिकारिक रुख एकजुट विपक्ष के लिए एक झटका है, जो राज्यसभा में विधेयक को हराने के लिए बहुमत जुटाने की कोशिश कर रहा है. बाद में, मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी विधेयक पर केंद्र को अपना समर्थन देने के लिए बीजेडी और वाईएसआरसीपी पर हमला बोला.
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि वह यह समझने में असफल रहे कि प्रस्तावित कानून में उन्हें क्या योग्यता मिली. चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा कि मैं दिल्ली सेवा प्राधिकरण विधेयक का समर्थन करने वाले भाजपा सांसदों को समझ सकता हूं, लेकिन मैं यह समझने में असफल हूं कि बीजद और वाईएसआरसीपी पार्टियों को विधेयक में क्या दिखा.
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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को निचले सदन में यह विवादास्पद विधेयक पेश किया. विधेयक केंद्र सरकार को अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों, नियमों और सेवा की अन्य शर्तों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है. केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए अध्यादेश जारी किया. यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक फैसले के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं को नियंत्रित करने की शक्ति आप सरकार को सौंपने के कुछ दिनों बाद जारी किया गया था.
(एएनआई)