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उच्च शिक्षा के बाद भी जैविक खेती कर रहे खुर्शीद की प्रधानमंत्री ने की सराहना - प्रगतिशील किसान पुरस्कार

प्रगतिशील किसान पुरस्कार से सम्मानित श्रीनगर के ताकिनपुरा के खुर्शीद अहमद रेशी के जैविक खेती करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सराहना की है. उनसे प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पूर्व लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जैविक खेती के बारे में उनसे बात की थी.

खुर्शीद
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Published : May 16, 2021, 9:02 PM IST

श्रीनगर : कृषि विभाग द्वारा प्रगतिशील किसान पुरस्कार से सम्मानित श्रीनगर के ताकिनपुरा के खुर्शीद अहमद रेशी के जैविक खेती करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सराहना की है. इसीक्रम में अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जैविक खेती के बारे में उनसे बात की थी. प्रधानमंत्री ने खुर्शीद से बात करते हुए उनसे उनकी पिछली नौकरी की जानकारी लेने के साथ उन्हें बधाई भी दी कि उच्च शिक्षित होने के बावजूद उन्होंने जैविक खेती को प्राथमिकता दी.

एक रिपोर्ट

इस संबंध में ईटीवी से बात करते हुए खुर्शीद अहमद रेशी ने बताया कि उन्होंने कश्मीर से पढ़ाई की और बाद में एक प्राइवेट स्कूल में टीचर के तौर पर काम करने लगे. लेकिन एक निजी स्कूल में पढ़ाने के समय उन्हें बहुत कम आमदनी होती थी, जिससे उनके लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया था.

पढ़ें - पीएम ने कोविड-19 की स्थिति पर चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात

उन्होंने कहा कि उनके पास 26 कनाल जमीन है जिस पर वह पारंपरिक तरीके से खेती करते थे. लेकिन उन्होंने कृषि विभाग से जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण हासिल किया जिससे उन्हें इसकी शुरुआत करनें में काफी मदद मिली. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें जैविक खेती और जैविक खेती को व्यवसाय में बदलने की भी जानकारी दी गई.

खुर्शीद ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद वह जैविक खेती से पैदा होने वाली सब्जियों को श्रीनगर स्थित जैविक मंडी में ले जाते हैं और फिर वहां बेचते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लॉकडाउन के दौरान भी उन्हें अपनी सब्जियों को बेचने में कोई परेशानी नहीं होती है.

श्रीनगर : कृषि विभाग द्वारा प्रगतिशील किसान पुरस्कार से सम्मानित श्रीनगर के ताकिनपुरा के खुर्शीद अहमद रेशी के जैविक खेती करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सराहना की है. इसीक्रम में अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जैविक खेती के बारे में उनसे बात की थी. प्रधानमंत्री ने खुर्शीद से बात करते हुए उनसे उनकी पिछली नौकरी की जानकारी लेने के साथ उन्हें बधाई भी दी कि उच्च शिक्षित होने के बावजूद उन्होंने जैविक खेती को प्राथमिकता दी.

एक रिपोर्ट

इस संबंध में ईटीवी से बात करते हुए खुर्शीद अहमद रेशी ने बताया कि उन्होंने कश्मीर से पढ़ाई की और बाद में एक प्राइवेट स्कूल में टीचर के तौर पर काम करने लगे. लेकिन एक निजी स्कूल में पढ़ाने के समय उन्हें बहुत कम आमदनी होती थी, जिससे उनके लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया था.

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उन्होंने कहा कि उनके पास 26 कनाल जमीन है जिस पर वह पारंपरिक तरीके से खेती करते थे. लेकिन उन्होंने कृषि विभाग से जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण हासिल किया जिससे उन्हें इसकी शुरुआत करनें में काफी मदद मिली. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें जैविक खेती और जैविक खेती को व्यवसाय में बदलने की भी जानकारी दी गई.

खुर्शीद ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद वह जैविक खेती से पैदा होने वाली सब्जियों को श्रीनगर स्थित जैविक मंडी में ले जाते हैं और फिर वहां बेचते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लॉकडाउन के दौरान भी उन्हें अपनी सब्जियों को बेचने में कोई परेशानी नहीं होती है.

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