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मोदी ने गत आठ साल में सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी सरकार दी : शाह

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान कई घोटाले हुए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 'सर्व-स्पर्शी और सर्व समावेशी' सरकार दी. ये बातें उन्होंने कर्नाटक में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं.

Amit Shah visit Karnataka
अमित शाह कर्नाटक दौरा
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Published : Aug 4, 2022, 7:12 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 8:46 PM IST

बेंगलुरु: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत आठ साल में सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी सरकार दी है. शाह ने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि उस समय 'नीतिगत शिथिलता' थी और कई घोटाले हुए थे. उन्होंने कहा, 'गत आठ साल में प्रधानमंत्री मोदी ने देश को सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी सरकार दी है. ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें सुधार नहीं हुआ, हमने पूरे समाज के कल्याण की शपथ ली है.'

शाह 'संकल्प से सिद्धि' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने आजादी की 75वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में किया. पूर्ववर्ती संप्रग सरकार का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए शाह ने कहा, 'वर्ष 2014 से पहले ऐसा समय था जब प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नहीं समझा जाता था और सभी मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझते थे.'

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, 'उस समय देश में नीतिगत शिथिलता थी और करीब 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए थे. ये घोटाले अखबारों की दैनिक सुर्खियां बनते थे. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और उच्चतम न्यायालय इन अनियमितताओं की जांच करते थे. शाह ने दावा किया कि उस समय सांठगांठ वाला पूंजीवाद था और महंगाई अपने चरम स्तर पर थी जबकि व्यापार सुगमता निचले पायदान पर थी.

उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का संदर्भ देते हुए कहा, 'इन घटनाक्रम की वजह से देश ने आम-सहमति से बहुमत वाली सरकार बनाने का फैसला किया. तीस साल की लंबी अवधि के बाद, देश ने एक निर्णायक सरकार बनाने का फैसला किया.' शाह ने कहा, 'भारत अब सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला देश है और हमने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है. सबसे ज्यादा निर्यात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2022 में हुआ.'

गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने दो नारों - 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' की शुरुआत करके अपना आर्थिक लक्ष्य निर्धारित किया है और अमृत काल की नींव रखी है. उन्होंने कहा, 'मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अब कोई भी भारत को हल्के में नहीं ले सकता. ऐसा कोई नहीं होगा, जो अगले 25 वर्षों में भारत की बढ़ती ताकत को नहीं पहचान पाएगा.'

उन्होंने कहा कि जब कोविड-19 महामारी ने दुनिया को प्रभावित किया, तो हर कोई दिशाहीन और चिंतित था, क्योंकि कोई टीका उपलब्ध नहीं था. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया. शाह ने कहा कि महामारी के बीच, भारत ने खुद को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों ने बढ़ती मांग की सिफारिश की, बड़े पैकेजों की घोषणा की और अधिक करेंसी नोट छापे लेकिन भारत ने एक नई तरह की नीति अपनाई.

उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी से निपटने के लिए एक उपाय के साथ आगे आने की कोशिश की और स्वदेशी रूप से विकसित टीके को प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि पैकेजों की घोषणा करने और करेंसी नोटों को छापने के बजाय, भारत ने अपनी नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों ने यह बात स्वीकार की कि भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे पहले महामारी के प्रभाव से सफलतापूर्वक बाहर आई.

यह भी पढ़ें- मैं नरेंद्र मोदी से नहीं डरता, लोकतंत्र की रक्षा और सद्भाव के लिए लड़ता रहूंगा: राहुल गांधी

गृह मंत्री ने यह भी दावा किया कि भारत ने छह लाख करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी देकर अपने मध्यम लघु और सूक्ष्म उद्यमों (एमएसएमई) को बचाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी 80 करोड़ गरीब लोगों को दो साल तक मुफ्त राशन मुहैया कराया और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना शुरू की ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें.

शाह ने कहा, 'बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी भारत की तरह महामारी का प्रबंधन करने में विफल रहीं. हमने 100 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाया. कोई कुप्रबंधन नहीं था क्योंकि प्रौद्योगिकी का शानदार ढंग से उपयोग किया गया था, जो किसी एक देश ने कभी नहीं किया था.' गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हर घर में पानी, बिजली, शौचालय, किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, 2.57 करोड़ आबादी को घर, पांच करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा और 300 विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों को और 23 लाख करोड़ रुपये गरीबों को दिए गए.

बेंगलुरु: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत आठ साल में सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी सरकार दी है. शाह ने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि उस समय 'नीतिगत शिथिलता' थी और कई घोटाले हुए थे. उन्होंने कहा, 'गत आठ साल में प्रधानमंत्री मोदी ने देश को सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी सरकार दी है. ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें सुधार नहीं हुआ, हमने पूरे समाज के कल्याण की शपथ ली है.'

शाह 'संकल्प से सिद्धि' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने आजादी की 75वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में किया. पूर्ववर्ती संप्रग सरकार का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए शाह ने कहा, 'वर्ष 2014 से पहले ऐसा समय था जब प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नहीं समझा जाता था और सभी मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझते थे.'

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, 'उस समय देश में नीतिगत शिथिलता थी और करीब 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए थे. ये घोटाले अखबारों की दैनिक सुर्खियां बनते थे. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और उच्चतम न्यायालय इन अनियमितताओं की जांच करते थे. शाह ने दावा किया कि उस समय सांठगांठ वाला पूंजीवाद था और महंगाई अपने चरम स्तर पर थी जबकि व्यापार सुगमता निचले पायदान पर थी.

उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का संदर्भ देते हुए कहा, 'इन घटनाक्रम की वजह से देश ने आम-सहमति से बहुमत वाली सरकार बनाने का फैसला किया. तीस साल की लंबी अवधि के बाद, देश ने एक निर्णायक सरकार बनाने का फैसला किया.' शाह ने कहा, 'भारत अब सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला देश है और हमने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है. सबसे ज्यादा निर्यात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2022 में हुआ.'

गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने दो नारों - 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' की शुरुआत करके अपना आर्थिक लक्ष्य निर्धारित किया है और अमृत काल की नींव रखी है. उन्होंने कहा, 'मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अब कोई भी भारत को हल्के में नहीं ले सकता. ऐसा कोई नहीं होगा, जो अगले 25 वर्षों में भारत की बढ़ती ताकत को नहीं पहचान पाएगा.'

उन्होंने कहा कि जब कोविड-19 महामारी ने दुनिया को प्रभावित किया, तो हर कोई दिशाहीन और चिंतित था, क्योंकि कोई टीका उपलब्ध नहीं था. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया. शाह ने कहा कि महामारी के बीच, भारत ने खुद को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों ने बढ़ती मांग की सिफारिश की, बड़े पैकेजों की घोषणा की और अधिक करेंसी नोट छापे लेकिन भारत ने एक नई तरह की नीति अपनाई.

उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी से निपटने के लिए एक उपाय के साथ आगे आने की कोशिश की और स्वदेशी रूप से विकसित टीके को प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि पैकेजों की घोषणा करने और करेंसी नोटों को छापने के बजाय, भारत ने अपनी नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों ने यह बात स्वीकार की कि भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे पहले महामारी के प्रभाव से सफलतापूर्वक बाहर आई.

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गृह मंत्री ने यह भी दावा किया कि भारत ने छह लाख करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी देकर अपने मध्यम लघु और सूक्ष्म उद्यमों (एमएसएमई) को बचाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी 80 करोड़ गरीब लोगों को दो साल तक मुफ्त राशन मुहैया कराया और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना शुरू की ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें.

शाह ने कहा, 'बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी भारत की तरह महामारी का प्रबंधन करने में विफल रहीं. हमने 100 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाया. कोई कुप्रबंधन नहीं था क्योंकि प्रौद्योगिकी का शानदार ढंग से उपयोग किया गया था, जो किसी एक देश ने कभी नहीं किया था.' गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हर घर में पानी, बिजली, शौचालय, किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, 2.57 करोड़ आबादी को घर, पांच करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा और 300 विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों को और 23 लाख करोड़ रुपये गरीबों को दिए गए.

Last Updated : Aug 4, 2022, 8:46 PM IST
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