नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल (Womens Reservation Bill) को मंजूरी दे दी है.
हालांकि 90 मिनट से अधिक समय तक चली बैठक में क्या हुआ, इस पर अभी आधिकारिक रूप से कोई शब्द नहीं आया. प्रधानमंत्री कल इसका एलान कर सकते हैं.
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"Only the Modi government had the moral courage to fulfil the demand for women's reservation. Which was proved by the approval of the cabinet. Congratulations PM Narendra Modi and congratulations to the PM Modi government," tweets Union Minister Prahlad Singh Patel pic.twitter.com/y4yqSQturn
— ANI (@ANI) September 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 18, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, प्रल्हाद जोशी, एस जयशंकर, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी और अर्जुन राम मेघवाल सहित केंद्रीय मंत्री शामिल हुए.
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कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के… https://t.co/TylsHUogyb
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 18, 2023कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के… https://t.co/TylsHUogyb
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जब से यह घोषणा की गई है कि संसद सत्र 18-22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा, तब से महिला आरक्षण विधेयक सहित विभिन्न विधेयकों पर अटकलें लगाई जा रही हैं, जो सत्र के दौरान आ सकते हैं.
इससे पहले दिन में सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा था कि यह संसद सत्र भले ही छोटी अवधि का हो, लेकिन मौके पर बड़ा और 'ऐतिहासिक फैसलों' वाला है. संसद के 75 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा पर अपनी टिप्पणी में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले कुछ वर्षों में महिला सांसदों का योगदान बढ़ रहा है. राजनीतिक सीमाओं से परे जाकर, नेताओं ने महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की मांग की है, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण की गारंटी देता है.
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#WATCH | The meeting of the Union Cabinet is underway in Parliament House Annexe in Delhi pic.twitter.com/73zxxt0xFn
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गौरतलब है कि कैबिनेट बैठक से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और अन्य मंत्रियों से मुलाकात की थी. इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सत्र के दौरान कुल आठ विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर एक विधेयक और एससी/एसटी आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है. पहले सूचीबद्ध विधेयकों में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक भी शामिल है.
2008 में तैयार किया गया था विधेयक : महिला आरक्षण बिल के बारे में बात करें तो इसे 2008 में तैयार किया गया था. विधेयक 2010 में राज्यसभा द्वारा पारित होने के बाद से ठंडे बस्ते में है. इसे निचले सदन में कभी पेश नहीं किया गया.
हालांकि भाजपा और कांग्रेस ने हमेशा विधेयक का समर्थन किया है, लेकिन अन्य दलों द्वारा विरोध और महिला कोटा के भीतर पिछड़े वर्गों के लिए कोटा की मांग के रूप में बाधाएं थींं.
संसद सत्र से पहले विपक्ष के नेताओं ने महिला आरक्षण पर जोर दिया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट ने भी ऐसा ही किया. रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में पार्टियों ने इस पर जोर दिया था.