नई दिल्ली : संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ( Meenakshi Lekhi) ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है. नई दिल्ली में संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम के तहत उद्योगपतियों से बातचीत के बाद लेखी ने कहा कि देश का उद्योग, रोजगार उपलब्ध कराने के अलावा लोगों की विभिन्न जरूरतों को पूरा करता है. दूरदर्शी पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत को वापस ला रहा है और दुनिया को यह दिखाने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रहा है कि हमारा देश संस्कृति, विविधता, इतिहास और अर्थव्यवस्था के मामले में कितना समृद्ध है.
मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भी झुग्गी बस्तियों का निर्माण हो रहा है और गरीबी की समस्या लगातार बनी हुई है, लेकिन 2014 के बाद जब पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने, गरीबों के बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया, झुग्गी-झोपड़ियों के बजाय घर बनाए गए और गरीबी उन्मूलन पर अत्यधिक ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत अपना गौरव वापस हासिल कर रहा है, लेकिन इसे निजी संस्थाओं के सहयोग के बिना हासिल नहीं किया जा सकता, चाहे वह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) हो या कोई अन्य. ऐसे समय में जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, निजी संस्थाओं पर जोर दिया जाना चाहिए, जिनके सहयोग के बिना हम वह हासिल नहीं कर पाएंगे जो हम कर सकते हैं. मंत्री ने कहा कि सरकार अकेले सभी को रोजगार नहीं दे सकती और इसलिए निजी संस्थाओं को साथ आना होगा.
मंत्री ने विदेशों में भारतीय संस्कृति को लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि 'हमने पहले ही यूनेस्को को एक डोजियर जमा कर दिया है. भारत की सदियों पुरानी परंपरा है और इसका मूल्यांकन पहले से ही किया जा रहा है.' मंत्री ने कहा. फ्रांस ने बैगगेट को अपनी विरासत के रूप में नामित किया है. हम इस पहलू में और अधिक कर सकते हैं लेकिन इसके लिए हमें उद्योगों की जरूरत है. टाइम्स स्क्वॉयर या पेरिस में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने जैसा कुछ किया जा सकता है ताकि दुनिया के सामने हमारी समृद्ध पहचान प्रदर्शित हो सके. लेकिन यह हम अकेले नहीं कर सकते, हमें निजी संस्थाओं, उद्योगों के सहयोग की आवश्यकता है. वह प्रतिभागियों की यात्रा और ठहरने की लागत वहन कर सकते हैं क्योंकि अकेले सरकार ऐसा नहीं कर सकती है.
उन्होंने पीएम मोदी की उपलब्धियों पर जोर देते हुए कहा कि 'पीएम बनने के बाद मोदीजी ने करोड़ों शौचालय बनवाए. उन्होंने पूछा कि क्या यह सामान्य है? पीएम मोदी की दूरदर्शी नजर से हम भारत को फिर से महान बना रहे हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि यह पीएम मोदी की दूरदर्शिता है कि अब हम उन साधुओं और संतों के प्रयासों का जश्न मना रहे हैं जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दे दी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से पहले किसी ने भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए साधु संतों की महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न नहीं मनाया. यह पूरी तरह से पीएम मोदी का विचार था कि गुरु तेग बहादुर जी के साहस का जश्न मनाया जाए. गुरु तेग बहादुर जी अंत तक अपने सिद्धांतों और धर्म के साथ खड़ा रहे.
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