नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने चोरी गई 10 कलाकृतियों को देश में वापस लाने पर उन्हें एक कार्यक्रम में बुधवार को उन्हें सौंपा गया. इस दस कलाकृतियों में में चार ऑस्ट्रेलिया और पिछले साल अमेरिका से मिली छह कलाकृतियां शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन की मौजूदगी में इन कलाकृतियों को तमिलनाडु को सौंप दिया गया.
इस अवसर पर केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कई लोग जो संस्कृतियों को बदनाम करते हैं, वे इन कलाकृतियों की अवैध तस्करी के रैकेट में शामिल हैं और हम इसके खिलाफ लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा किपीएम मोदी के नेतृत्व में देश अब अपनी विरासत और संस्कृतियों पर गर्व कर रहा है. देवताओं की ये पुरावशेष या मूर्तियां केवल पत्थर नहीं हैं बल्कि भारत की मान्यताओं और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं.
कांग्रेस का उल्लेख किए बिना, मंत्री ने पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि 1947 से 2013 तक केवल 13 कलाकृतियां वापस लाई जा सकीं. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में 2014 से अब तक 228 ऐसी कलाकृतियां लाई गई हैं. लेखी ने अपने संबोधन में कहा, आज़ादी के साथ हमें उन संस्कृतियों से ज्ञान और आज़ादी मिलती है जो हमारे लिए अलग है. वहीं संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जिस तरह से पीएम मोदी ने हमारी सांस्कृतिक विरासत (इन कलाकृतियों का जिक्र करते हुए) को वापस लाया है, वह पीएम मोदी के मजबूत नेतृत्व को दर्शाता है. 2014 के बाद 228 ऐसी कलाकृतियों को देश में वापस लाया गया है.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी द्वारा जिस तरह से इन योजनाओं को लागू किया जा रहा है और गरीबों को फायदा हो रहा है, यह दर्शाता है कि इस सरकार की 'राष्ट्र पहले' की नीति है. उन्होंने कहा कि इन कलाकृतियों (मूर्तियों) को प्राप्त करने के बाद, उन्हें उनके मूल स्थानों पर भेज दिया जाएगा और स्थापित कर दिया जाएगा. बता दें कि इन मूर्तियों में ऑस्ट्रेलिया से 2020 में प्राप्त एक पत्थर की द्वारपाल की मूर्ति है जो जो 15 वीं -16 वीं शताब्दी के विजयनगर राजवंश से संबंधित है. इसे 1994 में तिरुनेवेली के मूंदरीश्वरमुदयार मंदिर से चुरा लिया गया था.
ये भी पढ़ें - ऑस्ट्रेलिया ने लौटाई 29 बेशकीमती कलाकृति, पीएम मोदी ने किया निरीक्षण
इसके अलावा अमेरिका से 2021 में प्राप्त नटराज की एक मूर्ति भी है, जिसमें शिव का उनके दिव्य ब्रह्मांडीय नृत्य रूप में चित्रण है, जो 11वीं-12वीं शताब्दी की है. यह मूर्ति तंजावुर के पुन्नैनल्लुर अरुलमिगु मरियम्मन मंदिर से चुराई गई थी. इसके अलावा, कनकलामूर्ति की एक मूर्ति भी है, जिसे 2021 में अमेरिका से भी प्राप्त किया गया था. इस मूर्ति को 1985 में तिरुनेलवेली के नरसिंगनधर स्वामी मंदिर से चुरा लिया गया था. इतना ही नहीं नंदिकेश्वर (13वीं शताब्दी), चतुर्भुज विष्णु (11वीं-12वीं शताब्दी), देवी पार्वती (11वीं-12वीं शताब्दी), शिव और पार्वती (12वीं शताब्दी) और सांभर (11वीं शताब्दी) की मूर्तियां शामिल हैं.