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RRU में प्रधानमंत्री का सुझाव, दिव्यांगों को भी शामिल किया जाए

राष्ट्रीय रक्षा शक्ति की शुरूआत गुजरात में हुई. पहले इसे रक्षा विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि यह अब राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (National Raksha University) के रूप में जाना जाएगा. उन्होंने सभी छात्रों और उनके परिवारों को बधाई दी.

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Published : Mar 12, 2022, 3:01 PM IST

गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्रीय रक्षा शक्ति की शुरूआत करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज से ही सत्याग्रह दांडी आंदोलन की शुरुआत की थी. आज मैं उन सभी लोगों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं. यह मेरे लिए यादगार मौका है. पीएम ने कहा कि लंबे समय से विचार-मंथन, विशेषज्ञों के साथ बातचीत के बाद राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (National Raksha University) की स्थापना की गई है.

प्रधानमंत्रीने कहा कि पहले इंग्लिश हाइट से लोगों का चयन किया जाता था. आजादी के बाद काफी बदलाव की जरूरत थी लेकिन उस दिशा में किए जाने वाले काम में हम पीछे रह गए है. आज लोगों में मान्यता है कि पुलिस से दूरी रखनी चाहिए. पहले था कि रक्षा मतलब एक वर्दी, हाथ में डंडा, पावर और एक रिवॉल्वर लेकिन अब यह सब पुराना हो गया है. अब कई सुधार आए हैं.

पीएम ने कहा कि अतीत में यदि कहीं कोई घटना घटती थी, तो उसकी खबर पहुंचते-पहुंचते घंटे और दिन बीत जाते थे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नकारात्मक वातावरण होने से निराशा आ जाती है. पहले संयुक्त परिवार था. जब कोई पुलिसकर्मी ओवर ड्यूटी करके घर लौट रहा होता है तो स्ट्रेस में आ जाता था. इसलिए अब रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय ने तनाव मुक्त व्यवस्था की है. विश्व का एकमात्र फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर में स्थापित किया गया है. दिव्यांग लोग भी यहां प्रशिक्षण लेकर रक्षा विभाग में काम कर सकेंगे.

यह भी पढ़ें- भारत की मिसाइल पाकिस्तान में गिरी, रक्षा मंत्रालय ने अफसोस जाहिर किया

मोदीने कहा कि अब सीसीटीवी कैमरों ने कई अपराधों को सुलझाने में मदद की है. जब इस स्थान पर विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया तो कई सवाल उठे. सभी इसे समझें और इस विश्वविद्यालय की रक्षा करें. यह छात्रों के लिए देश की सेवा करने का अवसर है. अगर हम कड़ी मेहनत करें तो पुलिस विभाग की छवि बदल सकते हैं. यह पुलिस विश्वविद्यालय नहीं है बल्कि यह एक रक्षा विश्वविद्यालय है.

गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्रीय रक्षा शक्ति की शुरूआत करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज से ही सत्याग्रह दांडी आंदोलन की शुरुआत की थी. आज मैं उन सभी लोगों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं. यह मेरे लिए यादगार मौका है. पीएम ने कहा कि लंबे समय से विचार-मंथन, विशेषज्ञों के साथ बातचीत के बाद राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (National Raksha University) की स्थापना की गई है.

प्रधानमंत्रीने कहा कि पहले इंग्लिश हाइट से लोगों का चयन किया जाता था. आजादी के बाद काफी बदलाव की जरूरत थी लेकिन उस दिशा में किए जाने वाले काम में हम पीछे रह गए है. आज लोगों में मान्यता है कि पुलिस से दूरी रखनी चाहिए. पहले था कि रक्षा मतलब एक वर्दी, हाथ में डंडा, पावर और एक रिवॉल्वर लेकिन अब यह सब पुराना हो गया है. अब कई सुधार आए हैं.

पीएम ने कहा कि अतीत में यदि कहीं कोई घटना घटती थी, तो उसकी खबर पहुंचते-पहुंचते घंटे और दिन बीत जाते थे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नकारात्मक वातावरण होने से निराशा आ जाती है. पहले संयुक्त परिवार था. जब कोई पुलिसकर्मी ओवर ड्यूटी करके घर लौट रहा होता है तो स्ट्रेस में आ जाता था. इसलिए अब रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय ने तनाव मुक्त व्यवस्था की है. विश्व का एकमात्र फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर में स्थापित किया गया है. दिव्यांग लोग भी यहां प्रशिक्षण लेकर रक्षा विभाग में काम कर सकेंगे.

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मोदीने कहा कि अब सीसीटीवी कैमरों ने कई अपराधों को सुलझाने में मदद की है. जब इस स्थान पर विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया तो कई सवाल उठे. सभी इसे समझें और इस विश्वविद्यालय की रक्षा करें. यह छात्रों के लिए देश की सेवा करने का अवसर है. अगर हम कड़ी मेहनत करें तो पुलिस विभाग की छवि बदल सकते हैं. यह पुलिस विश्वविद्यालय नहीं है बल्कि यह एक रक्षा विश्वविद्यालय है.

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