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न्यायपालिका पर भरोसे ने लोगों में जगाया आत्मविश्वास : मोदी

गुजरात के उच्च न्यायालय की डायमंड जुबली कार्यक्रम को पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. मोदी ने कहा हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी, हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है.

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Published : Feb 6, 2021, 10:47 AM IST

Updated : Feb 6, 2021, 1:38 PM IST

नई दिल्ली : गुजरात के उच्च न्यायालय की डायमंड जुबली कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. मोदी ने इस दौरान एक स्मारक डाक टिकट जारी किया.

पीएम मोदी ने इस दौरान सभी को बधाई दी.

उन्होंने कहा पिछले वर्षों में अपनी कानूनी समझ, अपनी विद्वत्ता और बुद्धिमता से गुजरात हाईकोर्ट और बार ने एक विशिष्ट पहचान बनाई है.

वीडियो

गुजरात हाईकोर्ट ने सत्य और न्याय के लिए जिस कर्तव्य और निष्ठा से काम किया है उससे भारतीय न्याय व्यवस्था और भारत के लोकतंत्र दोनों को ही मजबूती मिली है.

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हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी, हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है.

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हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है.

भारतीय समाज में रूल ऑफ लॉ, सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है.

हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है- न्यायमूलं सुराज्यं स्यात्.

यानी, सुराज्य की जड़ ही न्याय में है.

मोदी ने कहा, न्यायपालिका के प्रति भरोसे ने सामान्य नागरिक के मन में एक आत्मविश्वास जगाया है. सच्चाई के लिए खड़े होने की उसे ताकत दी है.

उन्होंने कहा कि आजादी से अब तक देश की यात्रा में हम न्यायपालिका के योगदान की चर्चा करते हैं, तो बार के योगदान के भी चर्चा करते हैं. हमारा जस्टिस सिस्टम ऐसा होना चाहिए, जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सुलभ हो, जहां हर व्यक्ति के लिए न्याय की गारंटी हो और समय से न्याय की गारंटी हो.

पीएम मोदी ने आगे बताया कि सरकार भी इस दिशा में अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.

न्याय के जो आदर्श भारतीय संस्कारों का जो हिस्सा रहे हैं, वो न्याय हर भारतीय का अधिकार है.

इसलिए ज्यूडिशरी और सरकार दोनों का ही दायित्व है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मिलकर वर्ल्ड क्लास जस्टिस सिस्टम खड़ा करे.

डिजिटल इंडिया मिशन आज बहुत तेजी से हमारे जस्टिस सिस्टम को आधुनिक बना रहा है.

आज देश में 18 हजार से ज्यादा कोर्ट कम्प्यूटराइज्ड हो चुके हैं. ये सुनकर सभी को गौरव बढ़ता है कि हमारा सुप्रीम कोर्ट खुद भी आज दुनिया में वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा सबसे ज्यादा सुनवाई करने वाला सुप्रीम कोर्ट बन गया है.

सुप्रीम कोर्ट से वीडियो कांफ्रेंसिंग और टेली कांफ्रेंसिंग को लीगल सेंटिटी मिलने के बाद ही सभी अदालतों में ई-प्रोसिडिंग में तेजी आई है.

नई दिल्ली : गुजरात के उच्च न्यायालय की डायमंड जुबली कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. मोदी ने इस दौरान एक स्मारक डाक टिकट जारी किया.

पीएम मोदी ने इस दौरान सभी को बधाई दी.

उन्होंने कहा पिछले वर्षों में अपनी कानूनी समझ, अपनी विद्वत्ता और बुद्धिमता से गुजरात हाईकोर्ट और बार ने एक विशिष्ट पहचान बनाई है.

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गुजरात हाईकोर्ट ने सत्य और न्याय के लिए जिस कर्तव्य और निष्ठा से काम किया है उससे भारतीय न्याय व्यवस्था और भारत के लोकतंत्र दोनों को ही मजबूती मिली है.

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हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी, हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है.

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हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है.

भारतीय समाज में रूल ऑफ लॉ, सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है.

हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है- न्यायमूलं सुराज्यं स्यात्.

यानी, सुराज्य की जड़ ही न्याय में है.

मोदी ने कहा, न्यायपालिका के प्रति भरोसे ने सामान्य नागरिक के मन में एक आत्मविश्वास जगाया है. सच्चाई के लिए खड़े होने की उसे ताकत दी है.

उन्होंने कहा कि आजादी से अब तक देश की यात्रा में हम न्यायपालिका के योगदान की चर्चा करते हैं, तो बार के योगदान के भी चर्चा करते हैं. हमारा जस्टिस सिस्टम ऐसा होना चाहिए, जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सुलभ हो, जहां हर व्यक्ति के लिए न्याय की गारंटी हो और समय से न्याय की गारंटी हो.

पीएम मोदी ने आगे बताया कि सरकार भी इस दिशा में अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.

न्याय के जो आदर्श भारतीय संस्कारों का जो हिस्सा रहे हैं, वो न्याय हर भारतीय का अधिकार है.

इसलिए ज्यूडिशरी और सरकार दोनों का ही दायित्व है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मिलकर वर्ल्ड क्लास जस्टिस सिस्टम खड़ा करे.

डिजिटल इंडिया मिशन आज बहुत तेजी से हमारे जस्टिस सिस्टम को आधुनिक बना रहा है.

आज देश में 18 हजार से ज्यादा कोर्ट कम्प्यूटराइज्ड हो चुके हैं. ये सुनकर सभी को गौरव बढ़ता है कि हमारा सुप्रीम कोर्ट खुद भी आज दुनिया में वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा सबसे ज्यादा सुनवाई करने वाला सुप्रीम कोर्ट बन गया है.

सुप्रीम कोर्ट से वीडियो कांफ्रेंसिंग और टेली कांफ्रेंसिंग को लीगल सेंटिटी मिलने के बाद ही सभी अदालतों में ई-प्रोसिडिंग में तेजी आई है.

Last Updated : Feb 6, 2021, 1:38 PM IST
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