हैदराबाद: तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामा राव ने रविवार को आरोप लगाया कि मडिगा समुदाय को सशक्त करने के लिए समिति गठित करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वादा लोगों के साथ धोखा है. प्रधानमंत्री ने अनुसूचित जातियों को श्रेणीबद्ध करने की मडिगा समुदाय की मांग के संदर्भ में समिति गठित करने की घोषणा की है.
रामा राव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मखौल उड़ाते हुए कहा कि राष्ट्रीय पार्टी राज्य में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव की दौड़ में नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा था कि केंद्र जल्द ही एक समिति गठित करेगा जो अनुसूचित जातियों को श्रेणीबद्ध करने की मडिगा समुदाय की मांग के संबंध में उन्हें सशक्त बनाने के लिए सभी संभावित तरीके अपनाएगी.
रामा राव ने इस बाबत प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा पर यहां पत्रकारों से कहा कि 'फिर से समिति का मतलब देरी से न्याय करना है. हमने एससी का श्रेणीकरण करने के संबंध में राज्य विधानसभा में बहुत पहले ही संकल्प पारित करा लिया है... (अगर) माननीय मोदी ईमानदार हैं, तो उन्हें इसे लागू करना चाहिए. उन्हें अध्ययन के लिए दूसरी समिति नियुक्त नहीं करनी चाहिए.'
मंत्री ने कहा कि 'असल में इससे पता चलता है कि उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है और वह केवल लोगों को धोखा दे रहे हैं. माननीय मोदी जो कोशिश करना चाहें तो वह कर सकते हैं... जो भी करना चाहें कर सकते हैं... सच तो यह है कि उनकी पार्टी तेलंगाना (चुनाव)में दौड़ में नहीं है.'