नयी दिल्ली/चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. उन्होंने श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच राज्य सरकार द्वारा वहां रह रहे तमिलों को मानवीय सहायता मुहैया भेजने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति मांगी. इसके अलावा उन्होंने विभिन्न मुद्दों को लेकर पीएम को एक विस्तृत ज्ञापन भी दिया है जिसमें द्वीपीय देश में आर्थिक संकट से जुड़े मुद्दे समेत NEET का मुद्दा भी शामिल है. इसके बाद सीएम स्टालिन ने मीडिया को बताया कि पीएम ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इसके अलावा उन्होंने अपने दो दिवसीय यात्रा पर कई केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की और उन्हें तमिलनाडु की मांगों के बारे में विस्तार से बताया साथ ही राज्य को NEET से छूट के लिए तमिलनाडु विधानसभा के प्रस्ताव से भी अवगत कराया. उन्हें अवगत कराया कि राज्यपाल ने राष्ट्रपति की सहमति के लिए प्रस्ताव भेजने में देरी की.
मुख्यमंत्री एवं द्रमुक प्रमुखमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि मैने ईलम तमिलों के लिए समान नागरिक और राजनीतिक अधिकार सुनिश्चित करने में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप का अनुरोध किया. गृह मंत्री अमित शाह से उन्होंने तमिलनाडु पुलिस और अग्निशमन सेवा के आधुनिकीकरण की बात की. उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक के दौरान तमिलनाडु में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए केंद्र से आग्रह करने के अलावा रक्षा और ढांचागत परियोजनाओं की भी मांग की. चेन्नई-कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग और तांबरम-चेंगलपट्टू एलिवेटेड एक्सप्रेसवे को छह लेन का बनाने सहित कई सड़क ढांचागत परियोजनाएं हैं.
सीएम स्टालिन आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की योजना हैे. इसके पश्चात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली मॉडल स्कूल को देखने जाएंगे. हालांकि अन्नाद्रमुक के सह-समन्वयक के पलानीस्वामी ने सीएम स्टालिन का उपहास उडाया और कहा कि दिल्ली की यात्रा के पीछे एक रहस्य था जब उनके डीएमके ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री की तमिलनाडु यात्रा के विरोध में चेन्नई में "मोदी वापस जाओ" के स्लोगन वाले काले गुब्बारे उड़ाए थे. आश्चर्य व्यक्त किया है कि क्या इसका दुबई की हालिया यात्रा से कोई लेना-देना है. साथ ही पलानीस्वामी ने द्रमुक के रुख में बदलाव पर तंज कसते हुए कहा पार्टी का ब्लैक बैलून विरोध.
पलानीस्वामी ने कहा तब द्रमुक सदस्य प्रधानमंत्री की आलोचना करने में निचले स्तर तक गिर गए. लगता है कि सीएम स्टालिन राजधानी दिल्ली घुमना चाहते होंगे इसीलिए उन्होंन पीएम और मंत्रियों से मिलने का बहाना बनाया है. अब लोग कहते हैं कि स्टालिन ने इस उम्मीद के साथ दिल्ली का दौरा किया कि प्रधानमंत्री अतीत को भूलकर उन्हें और उनके परिवार को बचा लेंगे. अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए एक के बाद एक पारिवारिक यात्रा के रूप में मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा की आलोचना की है. उन्होंने यह घोषणा किया कि इस मामले पर केंद्र सरकार को शिकायतें भेजी गई हैं.
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