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दुनिया की प्रमुख शक्तियों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी के सुखद परिणाम - statement of former diplomat achal malhotra

प्रमुख शक्तियों और उसके रणनीतिक आर्थिक एजेंडे (Major Powers and their Strategic Economic Agenda) के बीच भारत का सही संतुलन इस समय सौहार्द को बढ़ा रहा है. विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (External Affairs Minister Dr S Jaishankar) ने अपने नए साल की शुरुआत अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत में शामिल होकर की कई मुद्दों पर चर्चा की.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 5, 2022, 10:40 PM IST

नई दिल्ली : ईटीवी भारत के साथ साक्षात्कार में पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ​​​​(Former Diplomat Achal Malhotra) ने कहा कि भारत ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि एक देश के साथ संबंध विकसित करना किसी अन्य देश के साथ अपने संबंधों की कीमत पर नहीं (Not at the cost of its relations with other countries) है. भारत अमेरिका के साथ उतना ही मित्रवत रहना चाहेगा जितना कि रूस के साथ है.

उन्होंने कहा कि 2015 में एक संक्षिप्त अवधि थी जब रूसियों को यह आभास हुआ कि भारत शायद रूस को छोड़ने और अमेरिका के साथ संबंध विकसित करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन तब से रूस को यह स्पष्ट कर दिया गया है और रूस अब ठीक है और वे समझते भी हैं.

उन्होंने कहा कि हालांकि रूस के साथ भारत के संबंध उतने भावनात्मक नहीं हैं जितने पहले हुआ करते थे लेकिन दोनों देश एक-दूसरे की मजबूरियों को समझते हैं. इसलिए भारत दोनों शक्तियों (अमेरिका और रूस) के साथ समान स्तर पर व्यवहार कर रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत गठजोड़ में नहीं बल्कि साझेदारी में विश्वास करता है. इस तरह भारत की अमेरिका के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Global Strategic Partnership) और रूसी संघ के साथ एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है.

विशेषज्ञ ने कहा कि यदि रूस और अमेरिका के बीच तनाव है, तो भारत के साथ किसी भी संबंध पर इसका कोई प्रतिबिंब नहीं होना चाहिए. एस-400 भारत के राष्ट्रीय और रक्षा सुरक्षा हित में है. इसलिए हमने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लागू करने की धमकी के बावजूद इसे रूस से खरीदने का फैसला किया.

EAM जयशंकर और ब्लिंकेन, लावरोव के बीच बातचीत (Conversations between EAM Jaishankar and Blinken, Lavrov), अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन से पहले हुई. जो इस महीने होने वाली है और जिसका उद्देश्य यूक्रेन मुद्दे पर तनाव कम करना है.

अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ, जयशंकर ने वर्तमान द्विपक्षीय मुद्दों, इंडो-पैसिफिक और दबाव वाले वैश्विक मामलों पर गहन चर्चा की. विदेश मंत्री और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने वार्षिक शिखर सम्मेलन और 2 + 2 बैठक की अनुवर्ती चर्चा की. जयशंकर ने ट्वीट किया कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ नए साल की बधाई देते हुए खुशी हो रही है.

यह भी पढ़ें- जयशंकर ने आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मालदीव और भूटान के अपने समकक्ष के साथ की वार्ता

वार्षिक शिखर सम्मेलन और 2+2 बैठक की अनुवर्ती चर्चा की गई. साथ ही नियमित संपर्क में रहने के लिए सहमति बनी. यह ध्यान दिया जा सकता है कि भारत-अमेरिका 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता इस वर्ष की पहली तिमाही में वाशिंगटन डीसी में आयोजित होने वाली है. इसके अलावा, क्वाड विदेश मंत्री मिलने की योजना बना रहे हैं.

नई दिल्ली : ईटीवी भारत के साथ साक्षात्कार में पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ​​​​(Former Diplomat Achal Malhotra) ने कहा कि भारत ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि एक देश के साथ संबंध विकसित करना किसी अन्य देश के साथ अपने संबंधों की कीमत पर नहीं (Not at the cost of its relations with other countries) है. भारत अमेरिका के साथ उतना ही मित्रवत रहना चाहेगा जितना कि रूस के साथ है.

उन्होंने कहा कि 2015 में एक संक्षिप्त अवधि थी जब रूसियों को यह आभास हुआ कि भारत शायद रूस को छोड़ने और अमेरिका के साथ संबंध विकसित करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन तब से रूस को यह स्पष्ट कर दिया गया है और रूस अब ठीक है और वे समझते भी हैं.

उन्होंने कहा कि हालांकि रूस के साथ भारत के संबंध उतने भावनात्मक नहीं हैं जितने पहले हुआ करते थे लेकिन दोनों देश एक-दूसरे की मजबूरियों को समझते हैं. इसलिए भारत दोनों शक्तियों (अमेरिका और रूस) के साथ समान स्तर पर व्यवहार कर रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत गठजोड़ में नहीं बल्कि साझेदारी में विश्वास करता है. इस तरह भारत की अमेरिका के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Global Strategic Partnership) और रूसी संघ के साथ एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है.

विशेषज्ञ ने कहा कि यदि रूस और अमेरिका के बीच तनाव है, तो भारत के साथ किसी भी संबंध पर इसका कोई प्रतिबिंब नहीं होना चाहिए. एस-400 भारत के राष्ट्रीय और रक्षा सुरक्षा हित में है. इसलिए हमने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लागू करने की धमकी के बावजूद इसे रूस से खरीदने का फैसला किया.

EAM जयशंकर और ब्लिंकेन, लावरोव के बीच बातचीत (Conversations between EAM Jaishankar and Blinken, Lavrov), अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन से पहले हुई. जो इस महीने होने वाली है और जिसका उद्देश्य यूक्रेन मुद्दे पर तनाव कम करना है.

अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ, जयशंकर ने वर्तमान द्विपक्षीय मुद्दों, इंडो-पैसिफिक और दबाव वाले वैश्विक मामलों पर गहन चर्चा की. विदेश मंत्री और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने वार्षिक शिखर सम्मेलन और 2 + 2 बैठक की अनुवर्ती चर्चा की. जयशंकर ने ट्वीट किया कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ नए साल की बधाई देते हुए खुशी हो रही है.

यह भी पढ़ें- जयशंकर ने आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मालदीव और भूटान के अपने समकक्ष के साथ की वार्ता

वार्षिक शिखर सम्मेलन और 2+2 बैठक की अनुवर्ती चर्चा की गई. साथ ही नियमित संपर्क में रहने के लिए सहमति बनी. यह ध्यान दिया जा सकता है कि भारत-अमेरिका 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता इस वर्ष की पहली तिमाही में वाशिंगटन डीसी में आयोजित होने वाली है. इसके अलावा, क्वाड विदेश मंत्री मिलने की योजना बना रहे हैं.

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