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Atiq Ahmad Murder case: अतीक, अशरफ हत्याकांड मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जांच CBI को ट्रांसफर करने की मांग

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Published : Apr 17, 2023, 8:15 AM IST

Updated : Apr 17, 2023, 12:30 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद हुई 183 मुठभेड़ों और अतीक, अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है. वहीं, एक अन्य याचिका दायर की गई है जिसमें मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया गया है.

Plea moved in SC seeking inquiry over murders of Atiq Ahmed,Ashraf and 183 encounters in UP
तीक अहमद, अशरफ की हत्या और 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए SC में याचिका दायर

नई दिल्ली: शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर कर पुलिस हिरासत में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या समेत यूपी में 2017 के बाद हुई 183 मुठभेड़ों को लेकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है. एक वकील की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन कर इन मामलों की जांच कराने की मांग की गई है. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील ने दायर की है. वकील ने यह याचिका उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के बयानों का हवाला देते हुए दायर की है.

  • Another plea moved in Supreme Court in connection with #AtiqAhmed and Ashraf's murder. The letter petition urged SC to transfer the murder case to CBI. The letter petition has been moved by retired IPS officer Amitabh Thakur. pic.twitter.com/j4MGLpMfEW

    — ANI (@ANI) April 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, एक अन्य याचिका दायर की गई है जिसमें मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई है. याचिका सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने दायर की है. गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस की मौजूदगी में प्रयागराज के एक अस्पताल ले जाने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस संबंध में एडवोकेट विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दायर की है.

उन्होंने 2017 के बाद से हुई 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन करने की मांग की है. एडवोकेट ने 2017 के बाद 183 मुठभेड़ों को लेकर उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के बयान का हवाला दिया है. उन्होंने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बारे में भी पूछताछ कराने की मांग की है. दोनों की पुलिस की मौजूदगी में हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

वकील विशाल तिवारी ने अपनी जनहित याचिका में 2020 में कानपुर बिकरू एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे और उसके सहयोगियों की जांच कराने और सबूतों को रिकॉर्ड कराने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को निर्देश देने की मांग की गई है. एडवोकेट विशाल तिवारी ने याचिका कानून के उल्लंघन और यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.

ये भी पढ़ें- अतीक मर्डर का हरियाणा कनेक्शन! पानीपत में हुआ था शूटर अरुण मौर्या का जन्म, जिले में आपराधिक मामले दर्ज

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि विकास दुबे मुठभेड़ जैसी घटना की पुनरावृति हुई है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा है और इस तरह की हरकतें अराजकता को बढ़ावा देता है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कानून में हत्याओं या फर्जी पुलिस मुठभेड़ों की निंदा की गई है और ऐसी चीजें एक लोकतांत्रिक समाज में मौजूद नहीं हो सकती हैं. पुलिस को अंतिम न्याय देने या दंड देने वाली संस्था बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

(एएनआई)

नई दिल्ली: शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर कर पुलिस हिरासत में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या समेत यूपी में 2017 के बाद हुई 183 मुठभेड़ों को लेकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है. एक वकील की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन कर इन मामलों की जांच कराने की मांग की गई है. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील ने दायर की है. वकील ने यह याचिका उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के बयानों का हवाला देते हुए दायर की है.

  • Another plea moved in Supreme Court in connection with #AtiqAhmed and Ashraf's murder. The letter petition urged SC to transfer the murder case to CBI. The letter petition has been moved by retired IPS officer Amitabh Thakur. pic.twitter.com/j4MGLpMfEW

    — ANI (@ANI) April 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, एक अन्य याचिका दायर की गई है जिसमें मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई है. याचिका सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने दायर की है. गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस की मौजूदगी में प्रयागराज के एक अस्पताल ले जाने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस संबंध में एडवोकेट विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दायर की है.

उन्होंने 2017 के बाद से हुई 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन करने की मांग की है. एडवोकेट ने 2017 के बाद 183 मुठभेड़ों को लेकर उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के बयान का हवाला दिया है. उन्होंने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बारे में भी पूछताछ कराने की मांग की है. दोनों की पुलिस की मौजूदगी में हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

वकील विशाल तिवारी ने अपनी जनहित याचिका में 2020 में कानपुर बिकरू एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे और उसके सहयोगियों की जांच कराने और सबूतों को रिकॉर्ड कराने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को निर्देश देने की मांग की गई है. एडवोकेट विशाल तिवारी ने याचिका कानून के उल्लंघन और यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.

ये भी पढ़ें- अतीक मर्डर का हरियाणा कनेक्शन! पानीपत में हुआ था शूटर अरुण मौर्या का जन्म, जिले में आपराधिक मामले दर्ज

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि विकास दुबे मुठभेड़ जैसी घटना की पुनरावृति हुई है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा है और इस तरह की हरकतें अराजकता को बढ़ावा देता है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कानून में हत्याओं या फर्जी पुलिस मुठभेड़ों की निंदा की गई है और ऐसी चीजें एक लोकतांत्रिक समाज में मौजूद नहीं हो सकती हैं. पुलिस को अंतिम न्याय देने या दंड देने वाली संस्था बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

(एएनआई)

Last Updated : Apr 17, 2023, 12:30 PM IST
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